कानपुर (ब्यूरो) जिलों को जारी किए गए आदेश में डीजी डॉ। डीएस चौहान ने बताया कि ये कार्यक्रम तीन चरणों में चलाया जाएगा। बेटियों को ङ्क्षलग भेद के प्रति जागरूक बनाया जाएगा। प्रशिक्षित पुलिस कर्मियों, शिक्षकों और एनजीओ की मदद से डिबेट व अन्य गतिविधियों के माध्यम से बेटियों को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी दी जाएगी। ट्रेङ्क्षनग में शामिल लोगों को बताया जाएगा कि वह किस तरह इन विद्यार्थियों को जागरूक बनाएं।
कानूनों की दी जाएगी जानकारी
पुलिस विभाग के अधिकारियों के मुताबिक ये पूरा कार्यक्रम आलोचनात्मक नारीवादी शिक्षाशास्त्र पर आधारित है। बाल विवाह व घरेलू ङ्क्षहसा इत्यादि के खिलाफ बेटियां मुखर आवाज उठा सकें इसके लिए ये कार्यक्रम चलाया जाएगा।
इन कामों में पुलिस करेगी मदद
स्कूलों में वार्षिक आयोजन के तौर पर बेटी अभियान चलाया जाएगा। जिला समन्वयक (बालिका शिक्षा), बाल कल्याण समिति के सदस्यों, जिला बाल कल्याण अधिकारियों के मध्य सुरक्षा और संरक्षण के मुद्दे पर एक सपोर्ट नेटवर्क तैयार किया जाएगा। प्रशिक्षित पुलिस कर्मियों और शिक्षकों को हर महीने टेली मॉनीटङ्क्षरग सेल की मदद से फोन के माध्यम से महिला मुद्दों से संबंधित जानकारी व सुझाव भी विशेषज्ञों द्वारा प्रदान किए जाएंगे।
पुलिस का ये होगा काम
- संस्थान के आसपास अराजकता को पूरी तरह से खत्म करना।
- जिस इलाके में संस्थान हैै, वहां के लोगों की जानकारी रखना।
- संस्थान के माध्यम से लोगों की चेन बनाना और उनसे जुडऩा।
- छात्राओं समेत इलाके की महिलाओं को कानून की जानकारी देना।
- छात्राओं को आईटी एक्ट समेत नए कानून भी बताए जाएंगे।
- मनचलों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए क्या करना है?
- अगर पुलिस शिकायत न सुने तो उस हालात में क्या करना चाहिए।
- ट्रेनिंग के बाद किसने कितना अच्छा काम किया, तय किया जाएगा।
- टे्रनिंग के बाद रेस्पांस ठीक होने पर सार्टिफिकेट दिया जाएगा।
- बेटियों को उनके भविष्य में क्या करना है? बताया जाएगा।
आरोहिणी से होगा ये फायदा
- ट्रेनिंग लेने के बाद बेटियां अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करेंगी।
- महिला अपराध होगा कम, झांसे में नहीं आएंगी बेटियां।
- अपने पैरों पर खड़े होकर लोगों को रोजगार दे सकेंगी बेटियांयूपी में बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने और कानून की जानकारी देने के लिए आरोहिणी कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। इससे बेटियों को लाभ मिलेगा।
प्रशांत कुमार, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर