अधिकारियों के अनुसार ये दुर्घटना शुक्रवार की देर शाम अफ़ग़ानिस्तान के पूर्वी इलाक़े में हुई। राष्ट्रपति हामिद करज़ई के दफ़्तर से जारी एक बयान के मुताबिक़ मारे जाने वाले अमरीकी सैनिक सेना की विशेष सैन्य टुकड़ी के हिस्सा थे। राष्ट्रपति करज़ई की तरफ़ से जारी बयान में कहा गया है, ''अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और मारे गए अमरीकी सैनिकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हैं.''
अफ़ग़ानिस्तान में ये अमरीकी सेना की वर्ष 2001 के बाद सबसे बड़ी क्षति है। अधिकारियों का कहना है कि दुर्घटना उस वक़्त हुई जब अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व में स्थित वारदक प्रांत में तालिबान के ख़िलाफ़ एक सैन्य अभियान के बाद हेलिकॉप्टर अपने मुख्य अड्डे पर वापस लौट रहा था। अफ़ग़ानिस्तान में तैनात अन्तरराष्ट्रीय सेना ने हेलिकॉप्टर के गिरने की पुष्टि कर दी है लेकिन इससे ज़्यादा कोई जानकारी नहीं दी है।
अभी तक ये साफ़ नहीं हो पाया है कि आख़िर हेलिकॉप्टर कैसे गिरा।
तालिबान का दावा
हालाकि तालिबान ने दावा किया है कि उन्होंने हेलिकॉप्टर को मार कर गिराया है। तालिबान के एक प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद का कहना है कि नैटो सेना ने वारदक प्रांत के सईदाबाद ज़िले में तालिबान के एक ठिकाने पर हमला किया था जिसमें आठ तालिबान मारे गए। बाद में तालिबान ने रॉकेट से उस हेलिकॉप्टर पर हमला किया और उसे गिरा दिया।
तालिबान प्रवक्ता के अनुसार मारे गए सभी 38 सैनिक अमरीकी थे। तालिबान के दावे की अबतक कोई स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुई है। राजधानी काबुल में स्थित बीबीसी संवाददाता सईद अनवर ने बताया है कि वारदक प्रांत काबुल के क़रीब स्थित है कहा जाता है कि अगर वारदक में हालात ख़राब होते हैं तो उसका असर काबुल पर भी पड़ता है।
सईद अनवर के मुताबिक़ उस इलाक़े में तालिबान के साथ-साथ गुलबदिन हिक्मतियार की निगरानी में हिज़्ब-इस्लामी गुट के लड़ाके भी सक्रिय हैं और तीन महीने पहले उसी प्रांत में गुलबदिन हिक्मतियार के भतीजे की नैटो हमले में मौत हो गई थी।
International News inextlive from World News Desk