कानपुर (ब्यूरो) मकसूदाबाद नई बस्ती में करीब 5० झोपडिय़ो में नट बिरादरी के लोग रहते है। इनमें से मजदूर, कबाड़ी और फेरी वाले लोग शामिल हैं। शुक्रवार दोपहर कल्लू की बेटी कविता चूल्हे में रोटियां सेक रही थी अचानक चूल्हे से निकली ङ्क्षचगारी ने पहले कल्लू की झोपडी में चपेट में लिया। तेज हवा के चलते पड़ोस की अन्य झोपडिय़ां भी एक के बाद एक आग की चपेट में आती चली गई। शोर सुनकर झोपड़ी में मौजूद परिवार जान बचाकर भागे। शोर सुनकर ग्रामीणों ने पास के खेत में ट््यूबवेल चलाकर आग पर काबू पाने का प्रयास किया लेकिन विकराल आग में जलकर सबकुछ खत्म हो गया। जब तक फायर स्टेशन से दो गाडिय़ां मौके पर पहुंची 30 झोपडिय़ां जलकर राख हो गई।
नकदी जेवर के साथ बेटी की शादी के अरमान जले
यहां रहने वाले छोटेलाल की बेटी सोनी की 9 जुलाई को शादी होनी है जिसकी दिल्ली से बरात आनी है। मां मालती ने बताया कि सोनी की शादी के लिये रखी दो लाख की नकदी और जेवरात व कपड़े सहित गृहस्थी का सामान जलकर राख हो गया। वहीं बसंत की बेटी सानियां की गोद भराई होनी थी जिसका 40 हजार रुपये और जेवर जल गये। सूरज अपनी बेटी की शादी के लिये रुपये जोड़ रहा था उसके करीब एक लाख रुपये जलकर राख हो गये।
ङ्क्षजदगी चलाने के लिए राख में निहारती रही राखी और पायल
दोनो बहनो के आंखो के सामने घर और बर्तन रुपए पैसे सब जलकर खाक होने के बाद दोनो सगी बहनें राखी और पायल राख के ढेर में ङ्क्षजदगी चलाने के लिए रुपयों पैसों को राख के ढेर में ढूढती रहीं। घटना के समय ज्यादातर परिवारों के लोग फेरी करने गये थे और महिलाएं ही घर पर थी। 12 वर्षीय कविता जो ङ्क्षजदगी चलाने के लिए रोटी बना रही थी लेकिन नही मालूम था ङ्क्षजदगी चलाने के लिए रोटी बनाने के लिए एक हवा के झोंके ने ङ्क्षजदगी बर्बाद कर दी।