- सीपीसी मालगोदाम के पास खाली पड़ी रेलवे की जमीन पर बनेगा

- प्रपोजल बना कर भेजा गया था, मुख्यालय से अप्रूव हुआ प्रोजक्ट

KANPUR। भूजल संरक्षण के लिए रेलवे ने बड़ा कदम बढ़ाया है। रेलवे ने कोपरगंज स्थित सीपीसी मालगोदाम के पास खाली पड़ी जमीन पर न्यू स्मार्ट रेल वाशिंग सेंटर बनाने का प्लान तैयार किया है। इसकी लागत 27 करोड़ रुपए आएगी। जिसको मुख्यालय से अप्रूवल भी मिल चुका है। सब कुछ सही रहा तो जल्द ही इसके निर्माण के लिए टेंडर जारी किया जाएगा। रेलवे ऑफिसर्स के मुताबिक ड्राई वाशिंग सेंटर में नाममात्र पानी में रैक की धुलाई हो सकेगी।

प्रयागराज में भी खोला गया

कानपुर सेंट्रल स्टेशन डायरेक्टर हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया की भूजल संरक्षण अभियान के चलते बीते वर्ष न्यू स्मार्ट रेल वाशिंग सेंटर बनाने का प्रपोजल तैयार कर भेजा गया था। जिसको रीजन से अप्रूवल मिलने के साथ ही रेलवे बोर्ड से भी अप्रूवल मिल चुका है। इस अभियान के तहत हाल ही में प्रयागराज में भी न्यू स्मार्ट रेल वाशिंग सेंटर खोला गया है। जहां नाममात्र पानी से रेल रैक की धुलाई हो जाती है।

मशीनों के जरिए ड्राईक्लीनिंग

रेलवे कॉलोनी स्थित न्यू वाशिंग कॉम्प्लेक्स में डेली शताब्दी व श्रमशक्ति के कोचों की धुलाई होती है। वहीं झकरकटी पुल स्थित ओल्ड वाशिंग सेंटर में नार्मल दिनों में 5 से 6 पैसेंजर ट्रेनों के रैक की धुलाई होती है। डेली व वीकली ट्रेनों के मिला कर दोनों वाशिंग सेंटर में तीन दिन में 16 से अधिक रेल के रैक की धुलाई की जाती है। जिसमें हजारों लीटर पानी लग जाता है। कोपरगंज में बनने वाले स्मार्ट वाशिंग सेंटर में मशीनों के जरिए ड्राईक्लीनिंग की जाएगी। जिसमें नाममात्र पानी से ही रैक की धुलाई हो जाएगी।

लेटेस्ट टेक्निक का होगा यूज

एनसीआर सीपीआरओ डॉ। शिवम शर्मा ने बताया की स्मार्ट रेल कोच वाशिंग सेंटर हाल ही में प्रयागराज में बनाया जा चुका है। जहां आधुनिक तकनीक की मदद से रेल कोचों की धुलाई काफी कम पानी में की जाती है। इसी की तर्ज में ही कानपुर में भी रेल कोच वाशिंग सेंटर बनाने की तैयारी है। जिसका जल्द ही काम शुरू होगा।

27 करोड़ रुपए लागत होगी स्मार्ट रेल कोच वाशिंग सेंटर की

1 वर्ष पहले प्रपोजल बना कर मुख्यालय भेजा गया था

20 हजार लीटर से अधिक पानी डेली बचाया जा सकेगा

6 घंटे लगते एक रैक की धुलाई, सफाई व फिटनेस में

1 चक्कर के बाद रैक की धुलाई, सफाई व फिटनेस चेक होता

'' स्मार्ट रेल कोच वाशिंग सेंटर में आधुनिक तकनीक की मशीनों के जरिए रेल कोचों की धुलाई की जाएगी। इससे वर्तमान की अपेक्षा डेली हजारों लीटर पानी को बचाया जा सकता है। रेलवे ने भूजल संरक्षण अभियान को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया है।

डॉ। शिवम शर्मा, सीपीआरओ, एनसीआर