कानपुर(ब्यूरो)। शहर की सडक़ों पर जरा संभल कर चलिएगा। क्योंकि पता नहीं कब और कहां आपका यमराज से सामना हो जाएक्योंकि एक दो नहीं बल्कि 25 हजार से ज्यादा अनफिट वाहन सडक़ पर दौड़ रहे हैंं। समय पूरा होने के बाद भी इन वाहनों ने फिटनेस नहीं कराई है। इनमें टेम्पो, टैक्सी, बसें, स्कूल वैन से लेकर एंबुलेंस तक शामिल हैं। ये आंकड़े हमारे नहीं बल्कि आरटीओ ऑफिस के हैं। वहीं ढाई लाख से ज्यादा वाहन 15 साल की उम्र पूरी करने के बाद बिना री-रजिस्ट्रेशन के दौड़ रहे हैं। जो कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते है। ये हाल तब है जब कानपुर सडक़ हादसों में होने वाली मौतों में यूपी में नबर वन है। इसलिए आप रहें अलर्ट।

ढाई लाख से अधिक सिर्फ बाइक
आरटीओ के आंकड़ों के मुताबिक सिटी में पंद्रह साल के बाद री-रजिस्ट्रेशन न कराने वाले टू व्हीलर की संख्या 2,66,501 है। आरटीओ अधिकारियों के मुताबिक आशंका यह भी है इनमें से हजारों की संख्या में बाइक व स्कूटर कबाड़ हो गए हो यानी चलने की हालत में ही नहीं हों। ऐसे में ये वाहन हादसे का कारण तो बन ही सकते हैं, साथ ही इनका या इनकी नंबर प्लेट का दुरुपयोग अन्य वारदातों में किय जा सकता है। अगर वाहन चलने की स्थिति में नहीं है और कबाड़ हो चुका है तो भी इसकी सूचना आरटीओ को देनी होती है।

5 साल से नहीं कराई फिटनेस
आरटीओ अधिकारियों के मुताबिक कोरोना के बाद नियमित समय में कॉमर्शियल व 7 सीट से अधिक सीट वाले प्राइवेट वाहनों की फिटनेस न चेक कराने वालों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। सिटी में 100 से अधिक एंबुलेंस अनफिट दौड़ रही हैं। वहीं 12 हजार से अधिक अनफिट ई-रिक्शा सडक़ों पर चल रहे हैं। जिन्होंने बीते चार से पांच सालों से अपने वाहनों की फिटनेस आरआई से चेक नहीं कराई है।

अगले महीने से होंगे कैंसिल
आरटीओ अधिकारियों के मुताबिक वाहनों का रि रजिस्ट्रेशन न कराने वालों की संख्या अब लाखों में पहुंच गई है। लिहाजा वाहनों के रीरजिस्ट्रेशन कराने के लिए वाहन के ओनर्स को जनवरी 2023 तक का समय दिया गया है। फरवरी से इन सभी वाहनों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि बीते वर्ष 6 हजार से अधिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन कैंसिल किए गए थे। जिन्होंने 7 साल से अधिक समय से वाहन का री-रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था।

आउटर में इनकी संख्या अधिक
आरटीओ प्रशासन राजेश सिंह ने बताया कि सिटी की अपेक्षा वाहनों का री-रजिस्ट्रेशन और फिटनेस न कराने वालों की संख्या आउटर इलाकों में अधिक है। क्योंकि आउटर एरिया में ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ की प्रवर्तन टीमों का मूवमेंट कम होता है। लिहाजा ग्रामीण इलाकों में बिना रजिस्ट्रेशन के स्कूटर व बाइक अधिक संचालित होती हैं। वहीं कंडम बसें भी आउटर में ज्यादा चलती हैं।

इतने वाहन दौड़ रहे अनफिट
एंबुलेंस 105
बसें 192
ई-रिक्शा 12204
ई-रिक्शा गुड्स 199
गुड्स कैरियर 6976
मैक्सी कैब 431
मोटर कैब 659
ओमिनी बस 42
थ्री व्हीलर गुड्स 1778
थ्री व्हीलर पैसेंजर्स 514
ट्रैक्टर कॉमर्शियल 320
ट्रेलर कॉमर्शियल 339
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इन्होंने नहीं कराया री-रजिस्ट्रेशन

अपडेटेड व्हीकल 4
एग्रीकल्चर ट्रैक्टर 1174
बाइक व स्कूटर 266501
स्कूटर विद साइड कार 51
मोपेड 15788
मोटर कार 34732
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- 3 लाख से अधिक रि रजिस्ट्रेशन न कराने वाले व्हीकल
- 25 हजार से अधिक अनफिट वाहन सिटी में में दौड़ रहे
- 15 लाख से अधिक आरटीओ में रजिस्टर्ड टोटल व्हीकल
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कोट
बीते कई सालों से वाहन का रजिस्ट्रेशन खत्म होने के बावजूद री-रजिस्ट्रेशन न कराने वाले व वाहन की फिटनेस न कराने वालों के खिलाफ फरवरी से कार्रवाई शुरू की जाएगी। सालों से वाहन का री-रजिस्ट्रेशन न कराने वालों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल किया जाएगा।
राजेश सिंह, आरटीओ, प्रशासन