कानपुर(ब्यूरो)। सरकारी जमीनों पर कब्जा कर बेचने के मामले में कई सगे भाईयों समेत 22 लोगों को प्रशासन ने भू-माफिया घोषित कर दिया है। मंगलवार को डीएम विशाख जी के अध्यक्षता में हुए बैठक में इस पर फैसला लिया गया है। इसमें पिपौरी के 14 और मकसूदाबाद में आठ लोग शामिल है। पिछले कई दिनों से इन लोगों को भू-माफिया बनाने को लेकर नाम चिन्हित किया गया था। वहीं, वीएसीएल इंडिया लिमिटेड के निदेशक बृजेंद्र ङ्क्षसह चौहान पर दूसरी बार भूमाफिया की कार्रवाई हुई है। अब भू-माफिया की कार्रवाई के बाद इन पर गैंगस्टर की कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू होगी।

कब्जा खाली करने का नोटिस जारी
बैठक में डीएम ने निर्देश दिए कि मकसूदाबाद और पिपौरी में सरकारी जमीन की सूचना के लिए बोर्ड लगाया जाएगा। पिपौरी की जमीन प्रशासन की है, लिहाजा यहां कब्जा खाली करने का नोटिस जारी कर जिला प्रशासन कब्जा लेगा। मकसूदाबाद की जमीन केडीए की है ऐसे में वहां केडीए पैमाइश कर जमीन का कब्जा लेगा। इसके साथ ही मसवानपुर के मोहसिनपुर गांव की 5021 वर्गमी जमीन पर भी केडीए को कब्जा लेने के निर्देश दिए हैं। वहीं, डीएम विशाख जी ने बताया कि मकसूदाबाद और पिपौरी के 22 लोगों को भूमाफिया घोषित किया गया है। केडीए और तहसील अधिकारियों को जमीन पर कब्जा लेने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि प्रशासन जिन लोगों को भू-माफिया घोषित किया है, उसमें अधिकतर आपस में भाई या फिर एक फैमिली है।

भू माफियाओं में जूड़े ये नाम
जवाहर नगर निवासी प्रताप नारायण, आदित्य नारायण, उमाकांत, कृष्णकांत, अरुण कांत, एमआइजी बर्रा-2 निवासी जैनेंद्र ङ्क्षसह, बैरी अकबरपुर बांगर निवासी रमेश, सी ब्लाक स्वराज नगर पनकी निवासी बृजेंद्र ङ्क्षसह चौहान, बिहारीपुरवा मजरा पिपौरी निवासी सुभाषचंद, सुमन, पिपौरी निवासी बाबू, अमोल कुमार, विजय कुमार, लक्ष्मीनारायण, चंद्रमोहन, हरमोहन, बिहारी पुरवा मजरा पिपौरी निवासी अमर ङ्क्षसह, लाल सिंह, सुरेश कुमार, शंकर, नरेश और कैलाश को भू माफिया घोषित किया गया है। 22 लोगों का नाम बढऩे से अब कुल 99 भूमाफिया शहर में हो गए हैं।