कानपुर (ब्यूरो)। अपने 100 साल पूरे कर चुका हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एचबीटीयू) को पूर्व में एचबीटीआई के नाम से जाना जाता था। एक दशक पहले इस संस्थान में एडमिशन के लिए मारामारी होती थी। इंजीनियर बनने का सपना देखने वाले हर दूसरे स्टूडेंट के लिए एचबीटीआई पहली पसंद होता था। समय बीतने के साथ साथ 2016 में यूनिवर्सिटी बनने के बाद से इस संस्थान की रैकिंग मे गिरावट देखी जा रही है। साल 2023-24 में बीटेक में एडमिशन की बात करें तो 201 स्टूडेंट्स ने बीटेक में एडमिशन के लिए काउंसिलिंग में शामिल होकर फीस जमा करने के बाद सीट को कैसिल करा दिया। संस्थान ने उन कैंडीडेट्स की फीस रिफंड के लिए आवश्यक कार्यवाही कर दी है।
तीन राउंड की काउंसिलिंग
एचबीटीयू में बीटेक की टोटल 912 सीटें है। तीन राउंड की काउंसिलिंग के बाद महज 550 सीटों में एडमिशन हुए हैं। वहीं, 362 सीटें खाली बची है। उन सीटों पर एडमिशन के लिए संस्थान ने एडीशनल काउंसिलिंग का रास्ता अपनाया है। अब अगर एडीशनल काउंसिलिंग में सिलेक्ट कैडीडेट्स में भी कुछ एडमिशन नहीं लेते है तो उनको स्पॉट कोटे से भरने की तैयारी है।
नैक ए प्लस ग्रेड मिला
एचबीटीयू के ग्रेड की बात करें तो बीते महीने में नैक ने एचबीटीयू को ए प्लस ग्रेड दिया है। यहां पर हर डिपार्टमेंट में लैब समेत सभी फैसिलिटीज है। इसके अलावा क्वालिफाइड टीचर्स भी है। इस ग्रेड के मिलने के बाद अनुमान लगाया जा रहा था कि एचबीटीयू में इस साल सीटों को भरने के लिए कोई जद्दोजहद नहीं करनी होगी। लेकिन यह अनुमान भी गलत साबित हुआ।
सबसे ज्यादा इन ट्रेडों मे खाली बची सीटें
संस्थान की बीटेक में सीएस, आईटी, केमिकल, इलेक्ट्रानिक्स, इलेक्ट्रिकल्स और मैकनिकल में सीटों के भरने की स्थिति तो ठीक है। इनके अलावा पेंट, लेदर, प्लास्टिक, बायोकेमिकल और सिविल समेत कई ब्रांचों में सीटों को भरने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है।
कैंसिलेशन के लिए आ रहे आवेदन
फीस जमा करने के बाद भी सीट कैंसिल कराने का सिलसिला 201 के बाद थमा नहीं है। थर्सडे को भी कई स्टूडेंट डीन एकेडमिक अफेयर्स के पास आए और सीट कैंसिल और फीस रिफंड का प्रोसेस जाना। ये वो स्टूडेंट हैं जिन्होंने फीस देकर सीट तो लॉक करा दी थी लेकिन बेहतर इंस्टीट्यूट में एडमिशन मिलने के बाद उन्होंने इसे छोड़ दिया।
इस वजह से खाली हो रहीं सीटें
एचबीटीयू में सीटें खाली रहने और कैंसिल कराने के पीछे कई वजह है। आज के मैक्सिमम स्टूडेंट्स को केवल सीएस या आईटी ब्रांच को लेना चाहते है। ऐसे में सीटों को कैंसिल कराने वाले अधिकतर स्टूडेंट वही है, जिनको किसी अन्य कॉलेज में मनचाही ब्रांच मिल गई है। वहीं, फीस रिफंड के लिए आए स्टूडेंट्स ने बातचीत में बताया कि उनको फीडबैक मिला है कि अब यहां एचबीटीआई जैसी पढ़ाई नहीं होती है। ऐसे में उन्होंने सीट कैंसिल कराने में ही भलाई समझी। वहीं, अगर मुख्य कारण की बात करें तो यहां की फीस है। यहां बीटेक के एक साल की फीस 135000 है। इतनी फीस सिटी में स्टेट गवर्नमेंट से संचालित किसी भी
गवर्नमेंट इंस्टीट्यूशन की नहीं है।
एडीशनल काउंसिलिंग से सीटों को भरा जा रहा है। अगर इसके बाद भी सीटें बच जाती है तो उनको स्पॉट कोटे से भरा जाएगा। मनचाही ब्रांच न मिलने वाले कैंडीडेट्स ही सीटों को कैंसिल करा रहे है। सबको सीएस और आईटी चाहिए। हम तय सीटों पर ही एडमिशन दे सकते है। सीटों को कैसिल कराने वाले 35 स्टूडेंट ऐसे थे, जिन्होंने पूरी फीस जमा की थी। इसके अलावा अन्य ने 70 से 75 हजार फीस को ही जमा किया था।
आनंद कुमार, डीन एकेडमिक अफेयर्स, एचबीटीयू