कानपुर (ब्यूरो) अनवरगंज से मंधना तक रेलवे ट्रैक को एलीवेटेड करने के लिए सर्वे टीम मंडे को आई। इसमें रेलवे, मेट्रो, पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, यूपीपीसीएल व स्मार्ट सिटी के डायरेक्टर शामिल थे। अनवरगंज स्टेशन पर इस दौरान सांसद देवेंद्र सिंह भोले और सत्यदेव पचौरी भी मौजूद रहे। वहीं व्यापारियों ने टीम का स्वागत किया। टीम ने सुबह मंधना उसके बाद कल्याणपुर स्टेशन पर सर्वे किया। दोपहर तीन बजे यह टीम रावतपुर स्टेशन पहुंची। इसके बाद अनवरगंज स्टेशन पर सर्वे को खत्म किया। सर्वे टीम ने एलीवेटेड ट्रैक बनाने की जरूरत को माना। साथ ही इसके लिए डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने को लेकर भी सहमति दी।
प्रशासन खाली कराएगा अतिक्रमण
इज्जतनगर मंडल के एडीआरएम विवेक गुप्ता सर्वे करने वाली टीम में मौजूद थे। उनके साथ मंडल के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी निर्माण विभाग राजीव कुमार भी आए थे। एडीआरएम व टीम के सदस्यों ने सर्वे के बाद सांसद व जिला प्रशासन के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक की। जिसमें ट्रैक किनारे रेलवे की जमीन पर अवैध अतिक्रमण को खाली कराने का आग्रह किया गया। जिस पर दोनों की सांसद ने ट्रैक किनारे अतिक्रमण को खाली कराने का आश्वासन दिया है। जिससे एलीवेटेड ट्रैक के निर्माण में किसी प्रकार की कोई बाधा न आए।
2 हजार करोड़ हो सकती कास्ट
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक अनवरगंज से मंधना तक रेलवे ट्रैक को एलीवेटेड ट्रैक बनाने के सर्वे के लिए 42 लाख रुपए का बजट पास हुआ था। रेल बजट में भी ऐलीवेटेड ट्रैक को लेकर प्रस्ताव है। उन्होंने बताया कि सर्वे का कार्य लगभग खत्म हो गया है। अब ऐलीवेटेड ट्रैक के प्रोजेक्ट की डीपीआर पर काम शुरू होगा। जिसके बाद एलीवेटेड ट्रैक की अनुमानित लागत निकल सकेगी। संभावना है कि 17 किमी का एलीवेटेड बनाने में 2 हजार करोड़ रुपए का खर्च आ सकता है।
बंद हो सकती है क्रासिंग
एलीवेटेड रेलवे ट्रैक बनने से जरीब चौकी रेलवे क्रासिंग के पूरी तरह से बंद होने की भी संभावना है। क्योंकि यहीं से अनवरगंज स्टेशन के लिए रैंप का भी निर्माण होना है। यह बेहद भीड़भाड़ वाली क्रासिंग है। इसके अलावा गोल चौराहे से रामादेवी तक जीटी रोड पर एलीवेटेड रोड का प्रोजेक्ट पहले ही पास हो चुका है। ऐसे में क्रासिंग बंद होने के कारण वाहन सवारों को फजलगंज की ओर जाने के लिए लंबा चक्कर भी लगाना पड़ सकता है। हालांकि क्रासिंग परमानेंट बंद होगी या नहीं। यह इस प्रोजेक्ट का डिजाइन और डीपीआर बनने के बाद ही निश्चित हो सकेगा।
फैक्टफाइल-
17 किमी- एलीवेटेड ट्रैक बनना है
17- रेलवे क्रासिंग इसके अंतर्गत आती है
3- रेलवे स्टेशन भी एलीवेटेड होंगे
42 लाख- रुपए का बजट सर्वे के लिए मिला था
2 हजार करोड़- रुपए लगभग एलीवेटेड की कॉस्ट होगी
10 लाख- से अधिक लोगों को क्रासिंग पर लगने वाले जाम से मुक्ति मिलेगी
सर्वे का काम पूरा हो गया है। कुछ स्थानों पर फाइनल सर्वे पीडब्ल्यूडी करेगी। इसके बाद ऐलीवेटेड का डीपीआर तैयार किया जाएगा। बजट पास होते ही अगले साल तक निर्माण शुरू हो जाएगा।
विवेक गुप्ता, एडीआरएम, इज्जतनगर डिवीजन