कानपुर(ब्यूरो)। चोर लुटेरों से बचाने वाले थाने-चौकी खुद ही सुरक्षित नहीं हैं। पनकी थाने से दो अहम मामलों की केस डायरी ही गायब हो गई है। थाने में तैनात दरोगा आलोक तिवारी की तहरीर पर पांच सब-इंस्पेक्टर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। कोर्ट से दोनों मामलों में री-इनवेस्टिगेशन का आदेश हुआ तो केस डायरी गायब होने का खुलासा हुआ। पुलिस कमिश्नर ने पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए जांच बैठा दी है।

जिन्होंने की थी जांच
एसीपी पनकी टीबी सिंह ने बताया कि पनकी इंडस्ट्रियल एरिया चौकी इंचार्ज दरोगा आलोक तिवारी को कोर्ट के आदेश पर 28 अप्रैल को दो पुराने मामले की रीइवेंस्टिगेशन के लिए सौंपा गया। इनमें एक क्राइम नंबर-189/2016 बाइक चोरी और दूसरा क्राइम नंबर-175/2017 लूट और मारपीट का है। आलोक ने बताया कि उन्होंने जांच शुरू की तो पनकी थाना, एसीपी कार्यालय और कोर्ट में काफी खोजबीन के बाद भी मामलों की केस डायरी नहीं मिली।

आईओ पाए गए दोषी
आलोक तिवारी ने एसीपी पनकी टीबी सिंह और डीसीपी वेस्ट विजय ढुल को इस संबंध में जानकारी दी। जांच के दौरान सामने आया कि दोनों ही मामलों की पनकी थाने में तैनात रहे दरोगा अनिल कुमार पांडेय, धीरेंद्र सिंह, अनिल कुमार, देवीशरण और मनोज कुमार सिंह ने जांच की थी। इन विवेचकों की लापरवाही के चलते केस डायरी गायब हुई है। इसके चलते चौकी इंचार्ज आलोक की तहरीर पर इन सभी पांच दरोगाओं के खिलाफ आईपीसी की धारा-409 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
क्या होती है धारा-409
आईपीसी की धारा 409 के अनुसार, जो भी कोई लोक सेवक के नाते अथवा बैंक कर्मचारी, व्यापारी, फैक्टर, दलाल, अटार्नी या अभिकर्ता के रूप में किसी प्रकार की संपत्ति से जुड़ा हो या संपत्ति पर कोई भी प्रभुत्व होते हुए उस संपत्ति के विषय में विश्वास का आपराधिक हनन करता है, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही आर्थिक दंड से दंडित किया जाएगा।

डायरी कहां से लापता, जांच शुरू
एसीपी पनकी टीबी सिंह ने बताया कि पनकी थाना पहले कल्याणपुर सर्किल में आता था, लेकिन अब पनकी सर्किल नया बनने के बाद इसमें शामिल कर लिया गया। कल्याणपुर सर्किल से सामान शिफ्ट किया जा रहा है। इसमें भी डायरी इधर-उधर होने की आशंका है। इसके साथ ही ये भी जांच की जा रही है कि पूर्व विवेचकों ने कोर्ट से केस डायरी ली भी थी या नहीं। जांच के बाद ही साफ हो सकेगा कि केस डायरी कहां से लापता हुई? लापरवाही के चलते दोनों केस से जुड़े पांच विवेचकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।