कानपुर (ब्यूरो)। पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में एक स्मार्ट सिटी मिशन में लापरवाही बरती जा रही है। 30 जून 2023 को प्रोजेक्ट के तहत हो रहे कामों को पूरा करने की पहली डेडलाइन निकल चुकी है। अगली डेडलाइन जून 2024 है लेकिन कई काम इस डेडलाइन में भी पूरे होते नहीं दिख रहे हैं। वहीं कई कामों मेें क्वालिटी और मेंटिनेंस को लेकर भी बड़ी लापरवाही हुई है। कामों पर नजर रखने के लिए स्मार्ट सिटी मिशन के अफसर खुद नजर रख रहे हैं और आईआईटी और एचबीटीयू से जांच कराई जा रही है। काम में गड़बड़ी करने में अब तक 19 कंपनियों पर 2.21 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। सबसे ज्यादा जुर्माना कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का निर्माण करने वाली कंपनी टेक महिन्द्रा पर 96.98 लाख रुपये लगाया गया है।

750 करोड़ के काम ही हुए

वर्ष 2018 से स्मार्ट सिटी मिशन के काम शुरू हुए थे। पहले सभी काम 30 जून 2023 तक पूरे होने थे, लेकिन अब 30 जून 2024 तक काम पूरा करने का समय बढ़ा दिया गया है। स्काडा और इलेक्ट्रिसिटी स्काडा का काम आईआईटी की देख रेख में हो रहा है। अब नए काम के लिए स्मार्ट सिटी मिशन से धन नहीं जारी किया जा रहा है। वर्तमान समय में 950 करोड़ रुपये की योजना में अब तक 750 करोड़ रुपये के काम हो गए है। दो सौ करोड़ रुपये खजाने में रखे हैं। वीआईपी रोड में बनने वाली मल्टीलेवल पार्किंग और चुन्नीगंज में बनने वाले कन्वेंशन सेंटर का काम समय पर होता नजर नहीं आ रहा है।

एनओसी में फंसीं योजनाएं

प्रभारी स्मार्ट सिटी मिशन आरके सिंह ने बताया कि धन की कमी नहीं है। केवल दो योजनाएं पुरातत्व विभाग की एनओसी के चलते रुकी हैं। विकास के कामों में लापरवाही के मामले में लगातार कार्रवाई की जा रही है। बता दें कि स्मार्ट सिटी मिशन की पूर्व प्रभारी व सहायक नगर आयुक्त पूजा त्रिपाठी को लारवाही के चलते हटाकर जिम्मेदारी एक्सईएन आरके ङ्क्षसह को सौंपी गई है। आईआईटी द्वारा विकास कार्य के मानक के अनुरूप होने की मुहर लगने के बाद ही कंपनी को भुगतान किया जाएगा। साथ ही सिक्योरिटी मनी भी दी जाएगी। अलग-अलग प्रोजेक्ट के हिसाब से एक साल से पांच साल तक रखरखाव व संचालन के लिए जमानती धनराशि रोकी गई है।