- जागरूकता और समझदारी के चलते साइबर ठगों द्वारा खाते से उड़ाई गई 30 लाख की रकम वापस मिली
- एक साल में ठगी की 964 शिकायतें मिलीं, साइबर सेल व बैंक ने 160 कस्टमर्स को वापस दिलाई रकम
KANPUR : साइबर ठगों ने हर तरफ अपना जाल बिछा रखा है। तरह-तरह का झांसा और लालच देकर ये ठग लोगों के खाते से उनकी गाढ़ी कमाई की रकम उड़ा रहे हैं। वारदातें लगातार बढ़ रही हैं। लेकिन, वारदात होने के बाद भी अगर आप अलर्ट हैं और अवेयर हैं तो आपकी गई रकम भी वापस आ सकती है। बस आपको समय रहते अपनी शिकायत संबंधित बैंक, साइबर सेल और आरबीआई को करनी है। ऐसी ही सजगता दिखाने वाले 160 लोगों की खाते से निकली रकम उन्हें वापस मिल गई। बैंक ने बीते एक साल में 30 लाख की रकम कस्टमर्स को वापस कराई।
एक साल में 964 शिकायतें
शहर में साइबर क्राइम्स और क्रिमिनल्स पर नकेल कसने के लिए साइबर सेल और साइबर थाना है। साइबर सेल में बीते साल कुल 964 शिकायतें साइबर ठगी की पहुंचीं। इनमें से 160 लोगों का पूरा पैसा खाते में वापस आया। 2019 में ये आंकड़ा 700 के करीब था। यानी बीते वर्ष 250 से अधिक ठगी के मामले पहुंचे। बहुत से ऐसे भी मामले हैं, जिनमें पुलिस ने कार्रवाई ही नहीं की।
72 घंटे के अंदर दर्ज कराएं
साइबर एक्सपर्ट मनीष गोयल ने बताया कि साइबर ठगी की वारदातों में 72 घंटे के भीतर संबंधित बैंक(जिसमें खाता है) और आरबीआई को लिखित सूचना देनी होती है। ई-मेल भी कर सकते हैं। इसके साथ ही पुलिस व साइबर सेल में भी शिकायत तय समय में दर्ज कराएं। ऐसा करने पर ग्राहकों के खातों में रकम वापस आने की संभावना अधिक रहती है। यह भी ध्यान रखें कि अगर आपने ही शातिर के झांसे में आकर एटीएम पिन, ओटीपी या पासवर्ड बताया और रकम खाते से निकल गई तो ऐसी स्थिति में बैंक पैसा वापस करने के लिए बाध्य नहीं है। पुलिस इसकी जांच जरूर कर सकती है।
सावधानी बरतें, जागरूक बने, ठगी से बचेंगे
-किसी से भी बैंक खाता, नेट बैंकिंग, क्रेडिट-डेबिट कार्ड व यूपीआई संबंधी जानकारी साझा न करें
-कोई बैंक अफसर बताकर खाते संबंधी जानकारी फोन पर आपसे पूछे तो समझ जाइए ये कोई ठग है
-अगर कभी बिना बैंक खाता जानकारी दिए कोई ओटीपी आता है और कोई उसे पूछता है तो न बताएं
-ईनाम या डिस्काउंट के लालच में आकर किसी अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
-एटीएम में ट्रांजेक्शन करते वक्त बेहद सावधान रहें, ट्रांजेक्शन के दौरान कोई आसपास नहीं होना चाहिए
-अपना आधार, एटीएम ट्रांजेक्शन की स्लिप को यूं हीं कहीं मत फेंके, उसे फाड़कर डिस्पोज करें
भाषा से पहचानें ठग को
साइबर ठगी की वारदातें लगातार हो रही हैं। साइबर एक्सपर्ट की मानें तो एक मामूली सी सावधानी आपकी रकम बचा सकती है। अगर ठगों की कॉल आती है तो उनकी भाषा पर ध्यान दें। अब तक की जानकारी में आए अधिकतर ठग ज्यादा पढ़े लिखे नहीं होते लिहाजा उनकी भाषा से ही पहचान हो जाती है।
ट्रू कॉलर एप एक्टिव करें
अगर आप स्मार्ट फोन यूजर हैं तो फोन पर ट्रू कॉलर एक्टिव करें और आने वाली फेक कॉल्स की जानकारी करें। अंजान नंबर को पिक करने से बचें। आम तौर पर कॉल आने पर फ्रॉड या स्पैम लिखकर आने लगता है। ऐसी कॉल्स को एंटरटेन न करें।
अंजान मेल डिलीट कर दें
अपने मेल बॉक्स का इनबॉक्स लगातार चेक करते रहें। अगर कोई अंजान मेल मिल जाती है तो उसे तुरंत डिलीट कर दें। मेल डिलीट करने के बाद तुरंत अपना पासवर्ड बदल दें। किसी ईनाम या लॉटरी के लालच वाली मेल पर क्लिक न करें।
ठगी हो तो यहां करें शिकायत
1- साइबर सेल प्रभारी के मोबाइल नंबर 7839863374 पर दर्ज कराएं
2- संबंधित थाने के सीयूजी नंबर पर या थाने जाकर प्रार्थना पत्र दें।
3- ट्रैफिक लाइन रेलबाजार स्थित साइबर सेल में दर्ज करवा सकते हैं शिकायत
4- सुनवाई न होने पर एसएसपी, एसपी व सीओ से भी शिकायत कर सकते हैं।
------------------------
964 कुल शिकायतें दर्ज की गई
160 मामलों में रकम वापस मिली
29.70 लाख की रकम टोटल वापस आई