कानपुर (ब्यूरो)। लगभग तीन महीने से शहर में फैला डेंगू का आतंक फिलहाल राहत देने के मूड में नहीं है। सिटी के विभिन्न इलाकों से एक महीने से लगातार डेंगू के एक दर्जन से अधिक नए केस रोज निकल रहे हैं। कई एरिया तो डेंग के हॉटस्पॉट बन गए हैं। डेंगू की रोकथाम के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट की मलेरिया विभाग की टीम ने सर्वे कर सिटी में डेंगू के 14 डार्क जोन चिन्हित किए हैं। जहां अभी तक सबसे अधिक डेंगू के केस निकल कर सामने आए हैं। अगर आप भी इन इलाकों में रहते हैं तो खास अहतियात बरतें। हेल्थ डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के मुताबिक डेंगू के सबसे अधिक केस ग्वालटोली व गीता नगर इलाके में निकले हैं।
सिटी में 13 व आउटर में एक
हेल्थ डिपार्टमेंट के चिन्हित किए गए डेंगू के डार्क जोन में सिटी के अंदर के 13 व आउटर इलाके का एक क्षेत्र है। सिटी में जहां डेली 10 से अधिक केस डेंगू के सामने आ रहे हैं। वहीं सिटी के आउटर सरसौल ब्लाक से डेली 5 नए केस सामने आ रहे हैं। जिसमें विचित्र बुखार से एक युवक की मौत भी हो चुकी हैं। शुरुआत में डेंगू के डंक का असर लोगों पर अधिक प्रभावशाली नहीं था, लेकिन अब डेंगू से ग्रसित पेशेंट को हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ रहा है। यहीं नहीं उनकी प्लेटलेट्स भी कम हो रही हैं जिससे पेशेंट और उसके परिजन पैनिक हो रहे हैं।
मलेरिया डिपार्टमेंट की 52 टीमें एक्टिव
फॉगिंग के साथ अवेयरनेस
जिला मलेरिया अधिकारी एके सिंह का कहना है कि सिटी के 14 क्षेत्र व आउटर में सरसौल ब्लॉक डार्कजोन में है। इन क्षेत्रों में शामिल घर व दुकानों पर टीम प्रतिदिन सर्वे कर एंटी लार्वा का छिडक़ाव करने के साथ लोगों को सफाई पर विशेष ध्यान रखने के लिए अवेयर कर रही है। इसके अलावा जिन क्षेत्रों में गंदगी व जलभराव की शिकायतें मिल रही हैं, उस क्षेत्र से संबंधित जानकारी नगर निगम व जिला पंचायत विभाग को दी जा रही है। ताकि गंदगी व जलभराव से लोगों को मच्छर जनित रोग न हो सकें।
हॉस्पिटल ही बांट रहे बीमारी
सिटी में हैलट, उर्सला, डफरीन, केपीएम व कांशीराम गवर्नमेंट हॉस्पिटल है। यहां पर प्रतिदिन सैकड़ों लोग ट्रीटमेंट के लिए आते हैं। इसके बावजूद इन हॉस्पिटल में पेशेंट की सुरक्षा व परिसर की सफाई पर विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यहां तक सीएमओ कार्यालय के पीछे व बगल में गंदगी व जलभराव बीते दिनों देखने को मिला था। नतीजन इन सभी सरकारी हॉस्पिटल में डेंगू के लार्वा पाए गए हैं। साथ ही कई सरकारी कॉलोनियों में रहने वाले कर्मचारी भी डेंगू की चपेट में आ चुके हैं।