कानपुर (ब्यूरो) एसआईटी की जांच रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि युवाओं के साथ-साथ हिंसा में नाबालिगों को भी शामिल किया गया था। नाबालिगों को केवल हिंसा में आगे रखने और पथराव करने के लिए रखा गया था। उपद्रव से पहले खजांची और साजिशकर्ताओं के रूप में चिन्हित बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा, बिल्डर हाजी वसी और हयात जफर हाशमी द्वारा संपत्तियों की खरीद फरोख्त की गई थी। इस तथ्य के सामने आने के बाद एसआईटी ने मुख्तार और वसी के बैंक खाते खंगालने शुरू कर दिए हैं। ये कवायद इसलिए की जा रही है, ताकि मनी ट्रेल के जरिए उपद्रव से जुड़े अन्य ङ्क्षबदुओं की जांच की जा सके।

कोर्ट में दाखिल किए पर्चे
पुलिस ने कोर्ट में जो पर्चे दाखिल किए हैं, उसमें कहा गया है कि उपद्रवियों को एक हजार से पांच हजार रुपये देकर पथराव के लिए तैयार किया गया था। इसके बाद मंगलवार को प्रकाश में आया था कि हाजी वसी और हयात ने उपद्रव से पहले अपनी 1.30 करोड़ रुपये की संपत्तियां बेची थीं। आरोप लग रहा है कि इस पैसे का उपयोग उपद्रव के लिए किया गया। इससे पहले एसआईटी ने हयात जफर हाशमी के खातों की जांच की थी। हयात व उसकी पत्नी के तीन बैंक खातों की जानकारी मिली थी, लेकिन उनमें ज्यादा लेनदेन सामने नहीं आया था।

बैंक खातों की तलाश
अब नए तथ्यों के सामने के बाद संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी के आदेश से एसआईटी ने मुख्तार बाबा और हाजी वसी और इनके परिवार वालों के बैंक खातों को खंगालने शुरू कर दिया है। हालांकि अब तक स्थित यह है कि गिरफ्तारी के पंद्रह दिनों बाद भी मुख्तार बाबा के किसी भी बैंक खाते की जानकारी पुलिस को नहीं मिली है। वहीं हाजी वसी ने जेल जाने से पहले पुलिस को यश बैंक में अपना खाता होने की जानकारी दी थी। अब पुलिस पैन कार्ड, आधार कार्ड के जरिए इसके बैंक खातों की तलाश में लगी है।

हो रहा था लेन देन
सूत्रों का दावा है कि मुख्तार और वसी करीब आधा दर्जन बैंक खातों से लेनदेन करते थे। वसी ने अपनी कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम से भी खाता खोला हुआ है। इसके साथ ही इन दोनों के परिवार वालों के भी बैंक खातों की पड़ताल की जा रही है, ताकि यह देखा जा सके कि उपद्रव से पहले और बाद में पैसों का लेनदेन कहां-कहां हुआ। संयुुक्त पुलिस आयुक्त ने बताया कि बैंक खातों की पड़ताल करने को कहा गया है। जानकारियां जुटाई जा रही हैं।