कानपुर(ब्यूरो)। इनकम टैक्स कानपुर ऑफिस से जुड़े एरिया में एक हजार बिजनेसमैन ऐसे हैं जिनका व्यापार तो पिछले वर्ष के मुकाबले बढ़ा है लेकिन उन्होंने प्रॉफिट कम दिखाया है। इसके हिसाब से उन्होने अपना टैक्स भी कम दिया है। अब इनकम टैक्स के ऑफिसर ऐसे बिजनेसमैन के जीएसटी रिटर्न से उनकी खरीद और बिक्री के आंकड़ों की जांच कर रहा है। जांच के बाद इन पर कार्रवाई तय है।

हर तीन महीने में
आयकर विभाग के कानपुर कार्यालय पश्चिम उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड का मुख्यालय है। जिन कारोबारियों का एनुअल 10 हजार से अधिक का टैक्स बनता है, उन्हें अपना एडवांस टैक्स हर तीन माह में चुकाना होता है। बिजनेसमैन के एडवांस टैक्स के आंकड़ों की जांच में आयकर अधिकारियों ने पाया है कि एक हजार से ज्यादा कारोबारियों का कारोबार तो पिछले वर्ष के मुकाबले बढ़ा है लेकिन उन्होंने अपने लाभ को कम दर्शाया है। इसलिए वे लाभ कम दिखा कर टैक्स भी कम दे रहे हैं। इसलिए कारोबार बढऩे के बाद भी उनका टैक्स या तो पिछले वर्ष के बराबर आ रहा है या उससे कम। जबकि यह टैक्स बढऩा चाहिए था।

रिटर्न का डाटा मिलाकर
आयकर अधिकारी व्यापारियों के पूरे कारोबार को जांचने के लिए उनके जीएसटी रिटर्न देख रहे हैं। आयकर विभाग के अधिकारियों के पास पिछले कई वर्ष से यह सुविधा है कि वे किसी भी कारोबारी के जीएसटी रिटर्न अपने सिस्टम पर ही जांच सकते हैं। मर्चेन्ट््स चैम्बर ऑफ उत्तर प्रदेश की जीएसटी कमेटी के चेयरमैन संतोष कुमार गुप्ता ने बताया कि आयकर के रिटर्न जीएसटी में जमा किए गए रिटर्न का डाटा मिलाकर ही दाखिल करें। जीएसटी का डाटा आयकर के पोर्टल पर भी दिखता है। उसमें दिख रहे लाभ और आयकर के रिटर्न में दिख रहे लाभ अथवा अन्य आंकड़ों में अंतर हुआ तो आयकर विभाग कार्रवाई कर सकता है।