कानपुर (ब्यूरो)। कोहरे की वजह से ट्रेनों की लेटलतीफी जारी है। वंदे भारत, श्रम शक्ति, शताब्दी और राजधानी जैसी ट्रेनें भी देरी से सेंट्रल पहुंची। वेडनेसडे को करीब 100 ट्रेनें लेट रही। इससे हजारों पैसेंजर बेहाल रहे। नई दिल्ली-वाराणसी-नई दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस अप और डाउन दोनों ही लेटलतीफी का शिकार रहीं। दिल्ली से चली वंदे भारत सेंट्रल स्टेशन पर 5.30 घंटे देरी से आई, जबकि ट्रेन वाराणसी निर्धारित समय 2.0 बजे के स्थान पर 7.25 बजे पहुंची। इसी तरह वाराणसी से नई दिल्ली के लिए वंदे भारत वाराणसी से ही करीब पांच घंटा देरी से चली। सेंट्रल स्टेशन पर रात 11.30 बजे पहुंची।
दिल्ली जाने के लिए कानपुराइट्स की फेवरिट श्रमशक्ति एक्सप्रेस का हाल भी बुधवार को बेहद खराब रहा। ट्रेन सुबह 6.15 बजे के स्थान पर लगभग चार बजे आई। इससे पहले पनकी धाम पर 2.51 बजे ट्रेन आते ही बड़ी संख्या में पैसेंजर उतर गए। सेंट्रल से मंगलवार रात निर्धारित समय से 30 मिनट देरी से ट्रेन गई व दिल्ली में 5.50 बजे के स्थान पर एक बजे पहुंची। ऐसे ही कोहरे के कारण 100 से अधिक ट्रेनें लेट रहीं। गोरखपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस, आम्रपाली, पारसनाथ, पनवेल-गोरखपुर, मेमू ट्रेनें, सिकंदराबाद सुपरफास्ट एक्सप्रेस, संगम, पुरुषोत्तम, ब्रह्मपुत्र, रांची राजधानी, नई दिल्ली क्लोन, महाबोधि, डिब्रूगढ़ राजधानी, कानपुर सेंट्रल शताब्दी, लखनऊ जंक्शन स्वर्ण शताब्दी जैसी ट्रेनें भी घंटों लेट रहीं।
ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट
कोहरा-धुंध और अलग-अलग एरिया रेलवे के कार्यो की वजह कैंसिल ट्रेनों के कारण वेटिंग लिस्ट फिर बढ़ गई है। स्लीपर में वेटिंग लिस्ट 450 तक पहुंच गई है, जबकि एसी में 50 से 125 तक हो गई है। ट्रेनों की लेटलतीफी के हर दिन सैकड़ों पैसेंजर टिकट कैंसिल कराकर रुपये वापस ले रहे हैं।
तेजस चार घंटा से अधिक लेट
लखनऊ जंक्शन आईआरसीटीसी तेजस एक्सप्रेस भी बुधवार को चार घंटा से अधिक लेट रही। नियमानुसार ट्रेन पैसेंजर्स को आईआरसीटीसी की ओर से मुआवजा मिलेगा। एक घंटे तक देरी पर 100 व दो घंटे या अधिक देरी पर 250 रुपये का मुआवजा दिए जाने का नियम है। पिछले दिनों तेजस की लेटलतीफी से 16 लाख रुपये की वापसी करनी पड़ी थी।