- ई वे बिल के एक और नए प्रावधान से ट्रांसपोर्टर्स में आक्रोश, पहले टैक्स स्लैब के हिसाब से देनी पड़ती थी पेनॉल्टी

KANPUR: ई वे बिल के नए प्रावधानों को लेकर ट्रांसपोर्टर्स पहले ही बेहद नाराज चल रहे हैं। वहीं अब ई वे बिल में नॉन कंप्लायंस और गड़बड़ी में भारी पेनाल्टी की व्यवस्था भी कर दी गई है। जिसके बाद ट्रांसपोर्टर्स की परेशानी और बढ़ गई है। नए बदलावों के मुताबिक ई वे बिल में गड़बड़ी पकड़े जाने पर टैक्स के साथ अब 100 फीसदी पेनाल्टी भी देनी होगी। यह पेनाल्टी किसी जगह देर से पहुंचने की वजह से ई वे बिल के एक्सपायर होने पर भी देय होगी। पिछले महीने ही ई वे बिल में सेक्शन 129 में ऐसे प्रावधान कर दिए गए हैं। जिसके बाद ट्रांसपोर्टर्स की परेशानी और भी ज्यादा बढ़ जाएगी।

दूरी की मुसीबत पहले से ही

जनवरी से ई वे बिल सिस्टम में नए प्रावधान करते हुए इसकी दूरी के लिहाज से समय की वैधता को कम कर दिया गया था। इसका ट्रांसपोर्टर्स ने तीखा विरोध करते हुए एक दिन की स्ट्राइक भी कर दी थी,लेकिन इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा। 200 किमी माल भेजने में ई वे बिल की वैधता एक दिन की ही रखी गई है जोकि जनवरी से पहले 2 दिन की होती थी।

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ऐसे बढ़ेगी परेशानी

पहले जहां माल भेजने वाले या उसे लेने वाले व्यापारी पेनाल्टी जमा कराते थे। पेनाल्टी टैक्स के हिसाब से लगती थी। यानी 5, 12 और 18 परसेंट के टैक्स स्लैब के मुताबिक ही पेनाल्टी बनती थी। इसमें टैक्स की रकम भी वापस हो जाती थी,लेकिन नए प्रावधान में टैक्स की वापसी नहीं होगी। साथ ही जुर्माना भी दो गुना भरना पड़ेगा। मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश गांधी बताते हैं कि ई वे बिल के नए प्रावधानों का सबसे ज्यादा खामियाजा ट्रांसपोर्टर्स को ही भुगतना पड़ेगा।

नए प्रावधानों की वजह से काम करना अब और भी मुश्किल हो गया है। ई वे बिल की टाइमिंग कम करने के साथ जुर्माने के नए प्रावधानों की मार हम पर ही पड़ रही है।

- श्याम सुंदर गर्ग, ट्रांसपोर्टर

ई वे बिल सिस्टम के बदलावों की वजह से ट्रांसपोर्टर्स की परेशानी बढ़ गई है। इससे ट्रक ड्राइवर पर लोड बढ़ा है। इससे हादसे का भी खतरा रहता है। भारी पेनाल्टी दूसरी बड़ी मुसीबत है।

- श्याम शुक्ला, महामंत्री, यूपी युवा ट्रांसपोर्ट व्यापार मंडल

पहले भी हम इन बदलावों को वापस लेने की मांग पर चक्काजाम कर चुके हैं। अब इसे लेकर नए सिरे से रणनीति बना रहे हैं। ट्रांसपोर्टर्स पर इसका काफी बुरा असर पड़ा है।

- सतीश गांधी, अध्यक्ष, यूपी मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन