कानपुर (ब्यूरो)। हैलट हॉस्पिटल सिर्फ कानपुर का नहीं बल्कि आसपास के कई जिलों के लिए सबसे बड़ा सरकारी हॉस्पिटल है। यहां रोजाना ओपीडी में हजारों पेशेंट्स के साथ गंभीर पेशेंट्स भी पहुंचते हैं लेकिन आईसीयू के बेड बेहद कम होने के कारण सभी को बेड नहीं मिल पाता है। यो तो उन्हें प्राइवेट हॉस्पिटल्स की शरण लेनी पड़ती है या साधारण वार्ड में भर्ती होना पड़ता है। इस समस्या को देखते हुए इंटेंसिव केयर यूनिट यानि आईसीयू में 100 और बेड बढ़ाने की तैयारी शुरू हो गई है।

अभी सिर्फ 56 आईसीयू बेड
इसके लिए शासन ने 3.14 करोड़ रुपये कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड को जारी कर दिए हैं, जल्द निर्माण कार्य शुरू होगा। आईसीयू में बेड बढऩे से पेशेंट्स के फैमिली मेंबर्स को परेशान नहीं होना पड़ेगा। हैलट हॉस्पिटल के इमरजेंसी ब्लाक में मेडिसिन और सर्जरी मिलाकर आईसीयू के 56 बेड हैं। इसलिए कोरोना काल में गंभीर मरीजों के इलाज में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है।

शासन ने दिया ग्रीन सिग्नल
इस समस्या को देखते हुए आपातकालीन प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली तत्परता पैकेज-दो (ईसीआरपी-टू) के अंर्तगत सेंट्रल और स्टेट गवर्नमेंट ने मिलकर हॉस्पिटल में सुविधाएं और संसाधन बढ़ाने का डिसीजन किया था। इसी कड़ी में जीएसवीएम की ओर से हैलट हॉस्पिटल के विभिन्न डिपार्टमेंट्स में आईसीयू के बेड बढ़ाने का प्रपोजल भेजा गया था, जिसे शासन ने पास कर दिया है। यही नहीं शासन ने बजट जारी करते हुए कार्यदायी संस्था को नामित कर दिया है। जगह चिन्हित की जा चुकी है।

5 डिपार्टमेंट में बढ़ेंगे
यहां के पांच डिपार्टमेंट में 100 बेड बढ़ाए जाएंगे। जीएसवीएम मेडिकल कालेज की वाइस प्रिंसिपल प्रो। रिचा गिरि ने बताया कि शासन ने आईसीयू के 100 बेड बढ़ाने के लिए 3.14 करोड़ रुपये पास किए हैं। मेडिसिन, बाल रोग, रेस्पिरेटरी मेडिसिन, ऑब्स एंड गायनी और एनस्थीसिया विभाग में आईसीयू बेड बढ़ाए जाएंगे। इन डिपार्टमेंट्स में जगह भी चिन्हित कर ली गई है। बेड बढऩे से सीरियस पेशेंट्स का इलाज बेहतर होगा।

प्रोजेक्ट पर नजर
- 3.14 करोड़ रुपये का बजट जारी कर दिया गया है
- 40 बेड मेडिसिन व 20 बेड बाल रोग विभाग में बढ़ेंगे
- 20 बेड रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग भी बढ़ाए जाएंगे
-10-10 बेड ऑब्स एंड गायनी व एनीस्थिसिया डिपार्टमेंट में
शासन ने आईसीयू के 100 बेड बढ़ाने के लिए 3.14 करोड़ रुपये पास किए हैं। बेड बढऩे से सीरियस पेशेंट्स का इलाज बेहतर होगा।
प्रो। रिचा गिरि, वाइस प्रिंसिपल, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज