कानपुर (ब्यूरो) जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो। संजय काला ने जानकारी दी कि मेडिसिन विभाग के वार्ड-14,15,16,17 को आईसीयू में कन्वर्ट किया जाएगा। उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड इसका निर्माण करेगा। एक आईसीयू बेड तैयार होने में 1.30 लाख रुपए लागत आएगी। इसके अलावा इन वार्डों की एयरकंडीशनिंग के लिए एयर हैंडलिंग यूनिटें भी इंस्टॉल की जाएंगी। इसके अतिरिक्त एक एसी प्लांट लगाने के लिए भी शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। ईसीआरबी की मद से 40 कंप्यूटर और इतने ही प्रिंंटर भी अस्पताल को मिल रहे हैं।

खत्म होगी वेटिंग
सिटी के प्राइवेट अस्पतालों में अगर मरीज वेंटीलेटर पर है। तो प्रतिदिन का औसत खर्च 10 हजार रुपए से लेकर 50 हजार रुपए तक आता है। आईसीयू में सबसे ज्यादा खर्च उसके किराए और ऑक्सीजन की मद में आता है। हैलट के आईसीयू में बड़ी संख्या में ऐसे क्रिटिकल पेशेंट्स भी इलाज के लिए आते हैं जो कि पहले किसी प्राइवेट अस्पताल के आईसीयू में इलाज करा चुके हैं और पैसे खत्म होने के बाद आगे इलाज करा पाने में सक्षम नहीं रहते। इस वजह से भी हैलट के मेडिसिन आईसीयू में बेड के लिए लंबी वेटिंग चलती है। इसके अलावा मेडिसिन डिपार्टमेंट में पहले से ही पेशेंट्स का काफी लोड है.ऐसे में पेशेंट के क्रिटिकल होने पर मरीज को आसानी से आईसीयू मिल सकेगा। साथ ही 24 घंटे रेजीडेंट्स व कंसल्टेंट की निगरानी भी संभव हो सकेगी।

50 बेड- सामान्य नॉनकोविड आईसीयू की क्षमता
212 वेंटीलेटर- एलएलआर अस्पताल में कुल कोरोना के बाद से
180 वेंटीलेटर- चालू हालत में
8 एडवांस पीडियाट्रिक वेंटीलेटर और आए
1.30 लाख रुपए- एक आईसीयू बेड को तैयार करने की आएगी लागत

ईसीआरबी की मद से 100 बेड के आईसीयू के निर्माण को मंजूरी मिल गई है। मेडिसिन के चार वार्डों में इसे तैयार किया जाएगा। इन वार्डों में ऑक्सीजन पाइप लाइन पहले से ही है। और ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट भी अब चल रहा है।
- प्रो। संजय काला, प्रिंसिपल, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज