कानपुर(ब्यूरो)। शहर दो दर्जन से अधिक क्षेत्रों में सीवर लाइन न होने की समस्या को दूर करने के लिए जलनिगम 484 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बनाया है। जिसे एसएलटीसी (राज्य स्तरीय तकनीकि समिति) ने मंजूरी दे दी है। जलनिगम के अधिकारियों के अनुसार काम पूरा होने के बाद इन क्षेत्रों में रह रही करीब 10 लाख की आबादी को सीवर लाइन की समस्या से निजात मिल जाएगी। अधिकारियों ने संभावना जताई है कि निकाय चुनाव के बाद काम तेजी से शुरू कर दिया जाएगा।
430 किमी। बिछाई जाएगी लाइन
शहर के अलग-अलग हिस्सो में लगभग वर्षो पुरानी सीवर लाइन पड़ी हुई है, जो पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। जिससे सीवर का गंदा पानी नालियों के माध्यम से सर्विस लेन में बहता रहता है। कई जगहों पर तो सर्विस लेन की नालियां पूरी तरह चोक हैं। बारिश के दिनों नालियों का गंदा पानी लोगों के घरों में भर जाता है। आए दिन इसकी शिकायत नगर निगम, जलकल और जल निगम के अधिकारियों से की जाती रही है, लेकिन इस तरफ किसी अधिकारी का ध्यान नहीं जाता। ऐसे में प्रपोजल को मंजूरी मिलने के बाद कानपुराइट्स को काफी हद तक राहत मिल जाएगी। इस प्रोजेक्ट में 430 किलोमीटर तक सीवरेज लाइन बिछाने का लक्ष्य रखा गया है।
43 हजार मकानों से जुड़ेगी सीवरेज लाइन
जल निगम ऑफिसर्स के मुताबिक, शहर के 110 वार्डों के 80 फीसदी मोहल्ले सीवर जाम, सीवर भराव से परेशान हैं। जिन क्षेत्रों में डॉट नाले बने हैं वहां पर यह समस्या चरम पर है। इसके साथ ही साउथ के क्षेत्र, सोसायटी क्षेत्र और ग्रामीण इलाकों में भी सीवर व जलभराव की समस्या से लोग परेशान हैं। कई क्षेत्रों में 40 साल पुरानी लाइनें पड़ी हैं, जिससे घरों तक में सीवर का गंदा पानी भरा रहता है। इतना नहीं दूषित पानी पांडु नदी और हलवा खांडा नहर समेत अन्य नहरों में जाता है। इससे पांडु नदी भी दूषित हो रही है। ऐसे में अब इस प्रपोजल के माध्यम से 43 हजार मकानों को सीवरेज लाइन से जोडऩे का लक्ष्य रखा गया है।
जलभराव की समस्याओं से मिलेगा छुटकारा
विभिन्न एरिया में 1600 से अधिक छोटे-बड़े नाले मौजूद है। इन नाला सफाई को लेकर नगर निगम हर साल करोड़ों रुपये खर्च करता है। बावजूद इसके शहर के तमाम एरिया में सीवर चोक और जलभराव की समस्या बनी रहती है। इसके पीछे का मुख्य कारण है कि ज्यादा तक सीवर लाइन पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। जलकल के ऑफिसर्स ने बताया कि शहर की सीवरेज लाइन पूरी तरह से डैमेज हो गई है। ऐसे में सीवरेज के बदलाव से शहर के तमात जगहों पर जलभराव और सीवर चोक की समस्या जड़ से खत्म हो जाएगी।
इन मोहल्लों को मिलेगी राहत
रविदास पुरम, दबौली, गुजैनी, रतनलाल नगर, बर्रा वेस्ट, बर्रा ईस्ट, बर्रा गांव, दबौली, बाबुपूरवा, अजीतगंज, ढकना पुरवा, तात्या टोपे नगर, बर्रा, बर्रा विश्वबैंक, साकेत नगर, किदवई नगर, कर्रही, खांडे उस्मानपुर, कल्याणपुर, मिर्जापुर, पनकी, जूही गढ़ा, शिवकटरा, लाल बंगला, अहिरवां, मंगला विहार, बिनगवां आदि कई मोहल्लों के लोगों को राहत मिलेगी।
महीने में 500 से ज्यादा शिकायतें
पानी, सीवर लाइन समेत अन्य समस्याओं के समाधान के लिए बेनाझाबर जलकल विभाग में कंट्रोल रूम बनाया गया है। यहां पर आए दिन जलभराव कानपुराइट्स अपनी समस्याओं का समाधान निकालने के लिए कॉल करते हैं। जलकल ऑफिसर्स के मुताबिक, सीवर चोक की रोजाना औसतन 15 से 20 और महीने में लगभग 500 शिकायतें आती है। जिसे संबंधित जोन के अधिकारियों के माध्यम से ठीक करवाई जाती है।
फैक्टफाइल
- 16 मार्च को बनाया गया था प्रस्ताव
- 484 करोड़ रुपये का बनाया एस्टीमेट
- 43 हजार मकानों को दिया जाएगा कनेक्शन
- 430 किलोमीटर की बिछाई जाएगी लाइन
- 10 लाख लोगों को मिलेगी राहत
- 12 वार्डो से होकर गुजरेगी सीवर लाइन
- 100 से ज्यादा मोहल्लों को मिलेगा फायदा
- 200 एमएलडी एसटीपी बिनगवां में गिरेगा दूषित पानी
- 02 महीने बाद काम शुरू होने की संभावना
यह भी जानिए
- गंगा नदी, पांडु नदी और नहरों में जाता है दूषित पानी
- प्रपोजल को बिनगवां एसटीएपी से जोड़ा जाएगा
- जलभराव और चोक की समस्या होगी खत्म
&& सीवर लाइन की समस्या को देखते हुए जल निगम की तरफ से प्रस्ताव बनाया गया था। जिसे राज्य स्तरीय तकनीकी समिति की तरफ से मंजूरी मिल गई है। काम पूरा होने के बाद शहर में सीवर चोक की समस्या पूरी तरह खत्म हो जाएगी.&य&य
बीके गर्ग, जीएम, जलनिगम
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