बच्चों की किताबों में खेलकूद की जगह तकनीकी खोज और आविष्कार को शामिल किया जाएगा। ऑस्ट्रलिया के 10 ऐसे ही अति- महत्वपूर्ण खोज जिसने दुनिया को कई कदम आगे बढ़ा दिया।

Wi-fi

1 वाई-फ़ाई

रेडियो तरंगों की मदद से नेटवर्क और इंटरनेट तक पहुँचने का एक तरीका है। यह वाई-फ़ाई एक्सेस प्वाइंट के इर्द-गिर्द मौजूद मोबाइल फोन को वायरलैस इंटरनेट उपलब्ध कराने का काम करता है। इस तकनीक की सबसे बड़ी खूबी ये है कि इसकी स्पीड सामान्य इंटरनेट सेवाओं के मुकाबले काफी अधिक होती है।

आस्ट्रेलिया के खगोलशास्त्री और अंतरिक्ष वैज्ञानिक जॉन ओ सुलिवान ने वाई-फ़ाई की खोज की थी। आज पूरी दुनिया में इंटरनेट इस्तेमाल के लिए इस तकनीक को सबसे मुफीद माना जाता है।

Hill cloth

2 हिल क्लोथ्स

एडिलेड, आस्ट्रेलिया के गिलब्रट टोयने ने 1926 में इस तकनीक का आविष्कार किया। दरअसल, इस तकनीक के जरिए उर्जा की जबरदस्त बचत की जाती है।

इस तकनीक को आगे बढा़ने में आस्ट्रेलिया के लेंस हिल का काफी बड़ा हाथ रहा। सूर्य की किरणों से जितनी उर्जा निकलती है हिल क्लोथ उसका संग्रह करने में काफी सक्षम है।

Cochlear implants

3 कॉक्लिया इंप्लांट

आस्ट्रेलिया के ग्रीम क्लार्क ने कॉक्लिया की खोज की थी। कॉक्लिया जो किसी भी मुक-बधिर के लिए आज रामबाण की तरह है इसकी खोज आस्ट्रेलिया में हुई। सिडनी के डॉक्टर ग्रीम क्लार्क ने 1967 में कॉक्लिया का विकल्प खोजना शुरू कर दिया था।

कॉक्लिया एक तरह का मशीन है जो ऑपरेशन के जरिए कान के भीतर फिट कर दिया जाता है और बाहर कान के ठीक उपर एक उसी मशीन का दूसरा पार्ट लगाया जाता है।

इसके जरिए कोई भी आवाज़ उपर लगी मशीन तक पहुंचती है और उसे कान तक पहुंचाती है.1985 में कॉक्लिया इंप्लांट को अमरीकी खाद्य और औषधि विभाग की तरफ से स्वीकृति मिली।

Dual-flush toilets

4 डुअल-फ्लश टॉयलेट

डुअल फ्ल्श टॉयलेट बटन का आविष्कार आस्ट्रलिया में हुआ। जिससे टॉयलेट में होने वाले पानी की फजूल खर्ची पर रोक लगी।

अब ज्यादातर देशों में इस्तेमाल शुरू हो गया है। दरअसल, इस तकनीक के जरिए काम के हिसाब से पानी का इस्तेमाल करना आसान हो जाता है। इसका आविष्कार 1980 में ब्रुस थॉमसन ने किया।

Mountbatten Braillers

5 माउंटबेटन ब्रेलर

ब्रेल को आसान बनाने में भी आस्ट्रेलिया की भूमिका रही है। ब्रेल अल्फाबेट में हर अक्षर डॉट और स्पेस के इस्तेमाल से बनता है। दुनिया भर में 'एमबी लर्निंग सिस्टम' के जरिए बच्चों को अधिक आसानी से साक्षर बना रहा है।

एक ऐसी प्रणाली है जिसके जरिए बच्चों में ठोंस आधार प्रदान किया जाता है। एमबी से पहले तक एक पुरानी मशीन का इस्तेमाल ही होता रहा था जो इस्तेमाल में काफी भारी तो था ही थकाउ भी था।

ब्रिटेन के माउंटबेटन ट्रस्ट ने दुनियाभर में एक प्रतियोगिता आयोजित कर ऐसी मशीन बनाने का निर्णय लिया जो हल्का और सुविधाजनक हो। सिडनी की एक कंपनी ने इसकी रूप रेखा तैयार की और उसे क्वांटम नाम दिया गया।

Black box flight recorders

6 ब्लैक बॉक्स

ब्लैक बॉक्स यानी नारंगी बक्सा। हवाई जहाज के दुर्घटनाग्रस्त होने पर दुर्घटना की वजहों का पता हमें ब्लैक बॉक्स से ही चलता है जो नारंगी रंग का होता है। हालांकि इसे तकनीकी भाषा में ब्लैक बॉक्स ही कहते हैं। ब्लैक बॉक्स का अविष्कार आस्ट्रेलिया में ही हुआ।

इस बक्से के ऊपर एक पेंट लगा होता है जिसमें तीव्र ऊष्मा यानी गर्मी को बर्दाश्त करने की क्षमता होती है। ऑस्ट्रेलिया के केमिस्ट डेव वारेन ने इसे विकसित किया।

1953 में उन्होंने ऐसे यंत्र को बनाने का प्रण किया जो कॉकपिट की आवाज को तो रिकॉर्ड कर ही सकता हो साथ ही विमान के दूसरे यंत्र का डेटा भी रखने की क्षमता रखता हो। दरअसल, 1934 में वारेन के पिता की मौत विमान हादसे में हो गई थी। पहला यंत्र लंदन में बना लेकिन ये डेव के ही दिमाग की उपज थी।

Super Sopper Rollers

7 सुपर सोपर रोलर्स

सोपर रोलर का आविष्कार तो एक उकसावे के बाद हुआ। जब कुछ लोग गोल्फ खेल रहे खिलाड़ियों ने गॉर्डन विथनल से कहा, "अरे आप तो आविष्कारक हैं कुछ कीजिए ताकि बारिश का पानी मैदान से एक झटके में सूख जाए."। ये 1974 की बात है।

गॉर्डन ने अपने बेटे के साथ मिलकर सोपर रोलर्स मशीन बनाई जो मैदान से पानी को सोखने का काम करता है। खेल के मैदानों चाहे वो क्रिकेट हो, हॉकी या फिर गोल्फ हर जगह इसका इस्तेमाल होने लगा है।

Ultrasound

8 अल्ट्रासाउंड

अपने अजन्मे बच्चे की एक झलक देख पाना माता-पिता के लिए अदभुत होता है और ये संभव हुआ अल्ट्रासाउंड के जरिए। इसका आविष्कार सिडनी में हुआ। जाहिर है चिकित्सा की दुनिया में इसने क्रांति ला दी। भ्रूण की सेहत से लेकर उसकी स्थिति का अंदाजा लगाना इससे पहले तक संभव नहीं था।

Disposable syringes

9 डिस्पोजेबल सिरिंज

दक्षिण आस्ट्रेलिया की एक खिलौना बनाने वाली कंपनी ने डिस्पोजेबल सिरिंज का आविष्कार किया जो ना जाने आज कितने लोगों की जिंदगी को सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभा रहा है।

इसके आविष्कार से पहले तक एक ही सिरिंज का कई लोगों के लिए इस्तेमाल होता था जो कई तरह की बीमारियों को दावत देने के लिए काफी था। डिस्पोजेबल सिरिंज का दुनिया में जीवन वर्धक यंत्र के तौर पर प्रयोग शुरू हुआ।

एक तरह से चिकित्सा की दुनिया में संक्रमक बीमारियों की रोकथाम में डिस्पोजेबल सिरिंज की बड़ी भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता।

Plastic banknotes

 

10 प्लास्टिक बैंक नोट्स

1960 में आस्ट्रलिया के रिजर्व बैंक ने सरकारी वैज्ञानिकों से एक ऐसा बेंकनोट बनाने का आग्रह किया जिससे जाली नोट छापने की समस्या से मुक्ति मिल सके।

प्लासिट्क नोट से जाली नोट निकाल पाना बहुत मुश्किल काम है लिहाजा सबसे पहले आस्ट्रलिया ने इस समस्या से निजात पाने के लिए वैज्ञानिकों की मदद ली।

हालांकि अब भारत समेत कई देशों में प्लास्टिक नोट के प्रचलन को बढ़ाने की कवायद चल रही है। आस्ट्रलिया में 1988 में सबसे पहले ‘वाटरप्रूफ नोट’ सार्वजनिक किया गया। इसके बाद बांग्लादेश कुवैत न्यूजीलैंज रोमानिया जैसे देशों में पॉलीमर नोट्स शुर किए।

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