डिस्टिलरी से निकले प्रदूषित वेस्ट और पानी ने जोधपुर समेत आधा दर्जन गांव की फिजा को जहरीला कर दिया है। प्रदूषित पानी और वेस्ट की दुर्गंध से लोगों का यहां रहना मुश्किल हो गया है। वयासी नाले में गिरने वाले दूषित जल ने जलस्रोत को भी अपनी जद में ले लिया और आस-पास का पानी पीने लायक तक नहीं। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि जहरीला पानी पीने के चलते उनके पालतू जानवरों की मौत हो रही है।
नहीं उठ रही बारात
एरिया में प्रदूषित पानी के चलते जोधपुर गांव में रहने वालों से लोग रिश्ता जोड़ने से कतरा रहे हैं। एरिया में रहने वाले कई लड़कों की शादी तक नहीं हो पा रही। लोग रिश्ते की बात करने तो आते हैं लेकिन हालात देख कर वापस लौट जाते हैं। यहां तक की शादीशुदा परिवार के टूटने तक की नौबत आ रही हैैं। बच्चों के भविष्य को बचाने के लिए लोग एरिया से पलायन करने के लिए भी मजबूर हो रहे हैं। दूषित पानी सेे बच्चे बीमार पड़ रहे हंै और लोग पेट के रोगी बन रहे हैं।
राख से खराब हो रही आंखें
डिस्टिलरी से निकलने वाले वेस्ट की राख खुले एरिया में फेंक दी जाती है। यह राख हवा में घुलकर एरिया में रहने वाले लोगों की आंखों की रोशनी पर भी असर डाल रही है। खास तौर पर स्कूल आने-जाने वाले बच्चें इससे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। यही नहीं लोगों का कहना है कि वयासी नाले के प्रदूषित जल के चलते आस-पास की फसल भी खराब हो रही है। बाढ़ के समय दूषित जल खेतों तक पहुंच जाता है और जमीन को जला देता है। जिससे एक साल की फसल नष्ट हो जाती है।डिस्टिलरी के दूषित पानी के चलते लोगों की जीना मुहाल हो गया है। वयासी नाले में गिरने वाले दूषित पानी से एरिया के जलस्रोत बिल्कुल खराब हो चुका है। बच्चों के भविष्य के चलते परिवार गांव छोड़ कर नंदा नगर एरिया में मकान लेने का दबाव बना रहा है लेकिन गांव में खेती और जमीन के चलते छोड़ना भी मुश्किल है। इस समस्या को लेकर कमिश्नर से भी शिकायत की गई। जिसके बाद जल निगम ने जांच की थी।
अशोक यादव, क्षेत्रीय नागरिक
स्थानीय लोगों की शिकायत पर कमिश्नर से इस संदर्भ में शिकायत की गई। जिसके बाद जल निगम ने वयासी नाले और एरिया के पानी की जांच की। जांच में भी सरकारी विभाग ने दूषित जल होने की बात स्पष्ट की है लेकिन क्षेत्र में रहने वाले लोगों की मदद के लिए अभी तक कुछ नहीं किया गया। डिस्टिलरी का ट्रीटमेंट प्लांट भी बंद है। प्लांट चालू हो जाए तो शायद बहुत हद तक स्थिति से निपटा जा सकता है।
राजन यादव 'अर्थी बाबाÓ
प्रदूषण से गांव में रहना मुश्किल हो गया है। दूषित पानी के चलते बच्चे बीमार पड़ रहे हैं और वयासी नाले का पानी पी कर पालूत जानवरों की मौत हो रही है। बाढ़ के पानी के साथ नाले का जहरीला पानी खेतों तक पहुंच जाता है और फसल खराब हो जाती है। खराब पानी के चलते रिश्तेदार आते तो हैं लेकिन यहां रूकते नहीं है।
देवेन्द्र प्रसाद
हवा के साथ डिस्टीलरी से निकलने वाले कूड़े की बदबू घरों तक पहुंचती है। शाम होते ही घर में रहना तक मुश्किल हो जाता है। ऐसी हालत में बेटों की शादी में भी परेशानी हो रही है। रिश्ता लेकर लोग आते हंै लेकिन दूषित पानी और बदबू के चलते रिश्ता करने की जगह वापस चले जाते हैं। सालों से परेशानी झेल रहे हैं लेकिन समस्या का समाधान करने वाला कोई नहीं। कई बार शिकायत की गई लेकिन कोई सुनता तक नहीं।
मैना देवी