गोरखपुर (ब्यूरो)। लड़कियां तो पहले से ही सजती संवरती आई हैं, लेकिन अब लड़के भी इस मामले में पीछे नहीं हैं। फॉलोवर्स गेन करने के लिए लड़कों में भी हैैंडसम और जवां दिखने का शौक बढ़ गया है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के एक्स प्रिंसिपल व चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ। ललित मोहन के अंडर हुई स्टडी में यह बात सामने आई है। इस स्टडी में अहम रोल निभाने वाली डॉ। नीलू की मानें तो ब्वाएज भी अपने रिंकल्स, पिंपल्स से पीछा छुड़ाने के लिए कॅास्मैटोलॉजिस्ट के पास पहुंच रहे हैं। उनका ख्वाब हैंडसम दिखना है और इसके लिए वह अपने हेयर ड्रेसर्स से लेकर डॉक्टर्स तक की सलाह ले रहे हैं।
318 मरीजों पर हुई स्टडी
डॉ। ललित मोहन के अंडर में ओपीडी में आने वाले 318 मरीजों पर स्टडी की गई। इसमें 25-45 साल के बीच मेल व फीमेल पेशेंट्स की हिस्ट्री ली गई। इनमें फीमेल से ज्यादा मेल पेशेंट्स अपने हेयर फॉल और चेहरे पर पडऩे वाले झुर्रियों, आंखों के नीचे रिंकल्स और कील मुहासों को अलर्ट नजर आए। उन्होंने इसे जल्द से जल्द दूर करने के लिए गुजारिश भी की। स्टडी में डॉक्टर्स ने इनसे सुबह से लेकर रात तक की दिनचर्या के साथ ही सोने तक का समय आदि की जानकारी ली। इस दौरान उनमें स्मोकिंग, एलकोहल का इस्तेमाल, फास्ट फूड का सेवन, बदलती लाइफ स्टाइल और विटामिन्स-सी और ई कमी के साथ ही कैंल्शियम में भी कमी पाई गई।
पुरुषों के चेहरे पर साइनिंग और ग्लो की कमी
चर्मरोग विशेषज्ञ डॉ। ललित मोहन ने बताया कि आज की युवा पीढ़ी खासतौर से पुरुष वर्ग में हेयर फाल व स्किन पिगमेंटेशन की समस्या से जूझ रही है, वहीं महिलाएं भी रिंकल्स और पिंपल्स आदि की समस्या लेकर आती हैैं। पुरुषों के चेहर के साइनिंग और ग्लो को लेकर जहां परेशान रहते हैैं, वहीं इनमें यह बीमारी कॉमन होता जा रहा है। लेकिन इसके इलाज से यह सारी बीमारी ठीक हो सकती है।
ब्यूटी थिरैपी भी ली
वहीं कॉस्मैटोलॉजिस्ट डॉ। नीलू मोहन ने बताया कि जो पेशेंट्स आए, उन्होंने खूबसूरत बनाने के लिए अलग-अलग तरह की ब्यूटी थेरैपी ली। इस दौरान उनके चेहरे, बालों और पूरे शरीर का ब्यूटी ट्रीटमेंट किया गया। वैसे तो कॉस्मेटोलाजिस्ट ऐसे ब्यूटी सर्विस देते हैैं, जिसमें बालों के स्टाइल, मेकअप और त्वचा की देखभाल सहित विभिन्न पहलुओं पर गौर किया जाता है। लेकिन अनट्रेंड एक्सपर्ट के जरिए जो ब्यूटी थैरैपी की जा रही है, उससे चेहरे का रंग कई बार बिगड़ भी जाता है। जो मरीज आ रहे हैं, उन्होंने अपने बार्बर से ब्यूटी थेरैपी ले रखी है। इससे ज्यादातर के चेहरे कुछ दिनों के लिए तो खूबसूरत दिखने लग जाते हैं, लेकिन आगे चलकर उनकी स्किन पर झुर्रियां और दूसरी प्रॉब्लम नजर आने लगती है।
करना होगा प्रॉपर केयरिंग
- डॉ। नीलू मोहन बताती हैैं कि प्रॉपर स्किन केयर रूटीन फॉलो करना चाहिए।
- ब्यूटी पॉर्लर में मेडिकेटेड कुछ भी नहीं होता है।
- फेशियल रिलैक्सिंग थेरैपी होती है। इसके पिंगमेंटेशन का कोई फायदा नहीं होता है, ग्लो या एंटी एजिंग का प्रभाव नहीं पड़ता है।
- वैसे भी जो लोग स्मोकिंग, एल्कोहल, स्ट्रेस और बदले हुए लाइफ स्टाइल में जी रहे हैैं, उनके फेस पर ज्यादा प्रॉब्लम आ रहे हैैं।
- ऐसे में रिडक्शन इन पिगमेंटेशन के जरिए झाई समेत सभी प्रकार के काले पन को कम किया जा सकता है।
- एंटी एजिंग स्किन की थिकनेस व स्किन को पतला करता है। इस वजह से चेहरे पर फाइन लाइंस व रिंकल्स दिखने लगता है।
- समय पर न सोना, स्मोकिंग करना, गुटखा खाना, प्रॉपर स्किन की केयरिंग न करना।
- अनट्रेंड हेयर सैलून में ब्लीचिंग और क्रीम का इस्तेमाल करना पाया गया।
फैक्ट फीगर
400-500 ओपीडी में आने वाले पेशेंट्स
318 ओपीडी में आए पेशेंट्स पर स्टडी
25-45 वर्ष पेशेंट्स के एज ग्रुप
159 मेल पेशेंट्स की संख्या
159 फीमेल पेशेंट्स की संख्या