- जरा सी सावधानी से बचा सकते हैं बिजली
- बिजली विभाग का ध्यान चेकिंग पर, जर्जर फीडर्स की नहीं लेते सुध
GORAKHPUR : सिटी में बिजली की कमी नहीं है, लेकिन बर्बादी के चलते करीब ब्-भ् घंटे की बिजली बर्बाद हो रही है। अगर इस बर्बादी को सरकारी विभाग और कंज्यूमर्स मिलकर रोक लें तो शहर रोशन हो सकता है। बिजली विभाग, नगर निगम और पब्लिक की लापरवाही से बर्बाद हो रही बिजली आखिरकार कहां गुम हो रही है, ये आज हम आपको बताएंगे। कैसे आप कर सकते हैं बिजली बचाने में योगदान, इसके लिए पढि़ए ये खबर।
पब्लिक को भी बचानी होगी बिजली
महानगर विद्युत वितरण निगम के लगभ क्.ब्फ् हजार कंज्यूमर्स हैं। इनमें से 70 प्रतिशत घरों की वायरिंग मानक के विपरीत है। इन घरों में अक्सर फॉल्ट होते रहते हैं। ये फॉल्ट इतने छोटे होते हैं कि घरवालों को पता तक नहीं चलता। एक्सईएन एके सिंह की मानें तो अगर घरों में होने वाले यह छोटे-छोटे फॉल्ट रुक जाएं तो सिटी को करीब क् घंटे बिजली सप्लाई की जा सकती है। इसके लिए कंज्यूमर्स घर की वायरिंग साल में एक बार चेक कराएं और कटे तारों की मरम्मत कराएं। घर में अर्थिग जरूर लगाएं। अगर अर्थिग सही तरीके से लगी हो तो घर में शार्ट सर्किट होने पर बिजली बर्बाद नहीं होगी।
ये कर सकते हैं आप
- सीएफएल या एलईडी बल्ब का यूज करें।
- जरूरत हो तभी एसी का यूज करें।
- जरूरत न हो तो लाइट्स ऑफ कर दें।
- रोड पर कहीं लाइट्स जलती दिखें तो उसे बंद करवा दें।
- घर की वायरिंग चेक कराएं।
- अर्थिग का प्रयोग जरूर करें।
फीडर्स हैं खराब, ध्यान चेकिंग पर
सिटी में बिजली सप्लाई करने के लिए 70 फीडर हैं। इसमें से ब्भ् फीडर जर्जर हो चुके हैं। इन फीडर्स पर सबसे अधिक लाइनलॉस होता है, लेकिन बिजली विभाग इन फीडर्स की मरम्मत करने के बजाय बिजली चोरी रोकने पर अपना ध्यान लगाए हुए है। पिछले तीन माह में सिटी में मरम्मत की जगह केवल चेकिंग की जा रही है। महानगर विद्युत वितरण निगम के फर्स्ट डिविजन के एक्सईएन एके सिंह का कहना है किसिटी में जनवरी-फरवरी में फ्9 प्रतिशत लाइन लॉस था। एक माह चेकिंग अभियान के बाद यह लाइन लॉस ख्9 प्रतिशत तक आ गया है। इस माह फिर से लाइन लॉस रोकने और बकाया वसूली के लिए अभियान शुरू किया गया है। अगर सिटी में लाइन लॉस क्भ् प्रतिशत तक आ जाए तो सिटी को कम से कम क् घंटा एक्स्ट्रा बिजली मिल सकती है।
स्ट्रीट लाइट्स बर्बाद कर रहीं बिजली
सिटी के लगभग क्भ् हजार स्ट्रीट प्वाइंट्स दिन में भी जलते रहते हैं। 70 और ख्भ्0 वाट के यह स्ट्रीट प्वाइंट्स गोरखपुराइट्स को मिलने वाली करीब फ् घंटे की बिजली बर्बाद करते हैं। इनमें से म्भ्00 स्ट्रीट प्वाइंट्स बिजली विभाग की लापरवाही से दिन में जलते हैं। नगर निगम की ओर से सिटी में स्ट्रीट लाइट्स प्वाइंट जलाने के लिए सिंगल फेज की म्भ् किलोमीटर लंबी लाइन बिछाई गई है। पथ प्रकाथ प्रभारी की मानें तो सिटी में हर क्00 मीटर पर एक स्ट्रीट प्वाइंट लगा हुआ है। हर क्00 प्वाइंट के बाद एक स्विच लगाया जाता है ताकि स्विच बंद कर दिन में बिजली की खपत रोकी जा सके। बिजली विभाग ने इसी लाइन पर कंज्यूमर्स को कनेक्शन भी दे रखा है इसलिए नगर निगम इन प्वाइंट को बंद नहीं करता है। बिजली विभाग के जेई प्रदीप दूबे का कहना है कि एक स्ट्रीट लाइट घंटे भर में एक यूनिट बिजली खर्च करती है। इस तरह क्ब् से क्भ् हजार स्ट्रीट लाइट्स अगर दिन में आठ घंटे जलती हैं तो डेली कुल क् लाख यूनिट बिजली बरबाद हो रही है। अगर बिजली की ये बर्बादी रोक दी जाए तो सिटी को दिन में फ् घंटे एक्स्ट्रा बिजली मिल सकती है।