गोरखपुर (प्रांजल साहू)।इस पर अटेंडेंट ने वहां हंगामा शुरू कर दिया। न तो डॉक्टर्स का पता था। हंगामे के बीच स्टाफ नर्स ने छिपकर खुद को बचाया। अस्पताल के बाहर अटेंडेंट की भीड़ जुटने लगी तो स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को शांत कराया।
30 पेशेंट्स की हालत बिगड़ी
अस्पताल पहुंचे दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के फोटो जर्नलिस्ट प्रांजल साहू को अटेंडेंट ने बताया, रात करीब 10.30 बजे रोज की तरह एंटीबॉयोटिक इंजेक्शन पेशेंट्स को दिया गया। इस दौरान लगभग 30 पेशेंट्स की हालत बिगडऩे लगी। उन्हें तेज बुखार और शरीर में कंपकपी होने लगी। साथ ही बीपी बढ़ गया और सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी। साथ ही आंखों में जलन हो रही थी और शरीर असहाय सा होने लगा।
नहीं मिला कोई स्टाफ
मरीज की तबीयत बिगडऩे के बाद हॉस्पिटल में हड़कंप मच गया। पेशेंट्स के साथ मौजूद अटेंडेंट ने डॉक्टर को खोजा तो पूरे हॉस्पिटल में कोई डॉक्टर और स्टाफ नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। अटेंडेंट एसआईसी को बुलाने की मांग करने लगे। आरोप लगाया कि कॉल करने के बावजूद एसआईसी ने फोन नहीं रिसीव किया। मामले को शांत कराने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा।
रिएक्शन कम करने के लिए दी दवा
मरीजों की हालत बिगडऩे के बाद हॉस्पिटल स्टाफ ने उन्हें रिएक्शन कम करने के लिए इंजेक्शन दिया, जिसके बाद धीरे-धीरे उनकी तबीयत में सुधार आने लगा। इस दौरान अटेंडेंट अपने-अपने पेशेंट के हाथ मलते रहे और पंखा करते रहे।
इंजेक्शन लगने के आधे घंटे बाद शरीर में कंपकपी होने लगी। तेज बुखार के साथ ही बीपी बढ़ गया और सांस लेने में दिक्कत आने लगी।
कल्याणी गुप्ता, पेशेंट
इंजेक्शन लगने के थोड़ी देर में ही रिएक्शन शुरू हो गया। पूरे शरीर में कंपकपी होने लगी। काफी देर तक कोई डॉक्टर या स्टाफ भी नहीं आया।
नेहा, पेशेंट
डेली की तरह रात में इंजेक्शन लगा, जिसके थोड़ी देर बाद शरीर में कंपकपी होने लगी। बीपी बढ़ गया और सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी।
चंदा, पेशेंट
मरीजोंं को एंटीबॉयोटिक इंजेक्शन लगाया गया था। थोड़ी देर बाद उन्हें कंपकपी होने लगी। इलाज के लिए फिजिशियन को बुलाया गया। भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को बुलाया गया। मामले की जांच की जाएगी।
डॉ। जय कुमार, एसआईसी महिला अस्पताल