-कुश्ती की प्रैक्टिस से सिर्फ फायदा ही फायदा

-27 दिसंबर को सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम में होगा 'आरपीएम एकेडमी प्रजेंट्स आई नेक्स्ट गोरखपुर का योद्धा'

GORAKHPUR: 'आरपीएम एकेडमी प्रजेंट्स आई नेक्स्ट गोरखपुर का योद्धा' ख्7 दिसंबर को सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम में आयोजित किया जा रहा है। इस महामुकाबले से पहले सभी के दिमाग में एक ही सवाल उठ रहा है कि आखिर कुश्ती का खिलाड़ी बनने से क्या मिलेगा? कुश्ती का अच्छा खिलाड़ी कैसे बना जा सकता है? किस उम्र में कुश्ती की प्रैक्टिस शुरू की जा सकती है? ऐसे कई सवालों से परेशान लोगों की प्रॉब्लम को आई नेक्स्ट आज सॉर्टआउट करने जा रहा है। जिसके बाद कुश्ती से जुड़ी सभी समस्याएं सॉल्व हो जाएंगी।

क्0 साल सही है प्रैक्टिस की उम्र

सुशील कुमार ने ओलंपिक में सिलवर मेडल जीता तो योगेश्वर दत्त ने ब्रांज मेडल। सरकार ने उन पर प्राइज की बारिश कर दी। पूरे देश में सम्मान मिला। इसके बाद हर युवा सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त बनने का सपना देखने लगा। मगर सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त बनने के लिए सही उम्र से प्रैक्टिस समेत कई चीजों का ध्यान रखना जरूरी है। कुश्ती की प्रैक्टिस की सही उम्र क्0 से क्ख् साल के बीच है। इस उम्र में किसी भी अखाड़े में जाकर कोच की देखरेख में प्रैक्टिस कर सकते हैं। कोशिश यह रहे कि अखाड़ा वह है, जिसमें मिट्टी के बजाए मैट पर प्रैक्टिस की जा रही हो। प्रैक्टिस का पहला लक्ष्य स्पो‌र्ट्स कॉलेज और स्पो‌र्ट्स हॉस्टल में एडमिशन होना चाहिए। क्योंकि वहां परफॉर्मेस निखारना आसान रहता है। स्पो‌र्ट्स कॉलेज में क्ख् साल की उम्र में क्लास-म् में एडमिशन होता है, जबकि हॉस्टल में क्म् साल की उम्र में क्लास-9 में।

इन सेंटर का जवाब नहीं

कड़ी प्रैक्टिस और मजबूत इरादे से हर कुछ पाया जा सकता है। मगर कहीं हद तक सुविधा और ट्रेनिंग देने वाले कोच का भी काफी अहम रोल होता है। इसलिए यूपी में कुश्ती के लिए ये सेंटर बेस्ट है। वीर बहादुर सिंह स्पो‌र्ट्स कॉलेज गोरखपुर, स्पो‌र्ट्स हॉस्टल गोरखपुर, स्पो‌र्ट्स हॉस्टल मेरठ, साई हॉस्टल नंदिनी नगर और स्पो‌र्ट्स कॉलेज सैफई में कुश्ती की सबसे अच्छी सुविधा है। जिसका रिजल्ट भी पहलवान मेडल के रूप में देते हैं। यूपी के अधिकांश मेडलिस्ट रेसलर इन्हीं सेंटर के हैं।

जैसा मेडल, वैसी जॉब

सिर्फ कुश्ती सीख लेने से जॉब नहीं मिलती। अगर दम है तो फ्यूचर भी सेफ होगा। कुश्ती में मेडल जीतने के आधार पर जॉब का क्राइटेरिया भी अलग-अलग है। स्टेट लेवल कॉम्प्टीशन में मेडल जीतने वाले पहलवान को पुलिस में सिपाही और रेलवे में ग्रुप डी में जॉब मिलती है। नेशनल में मेडल लाने वाले पहलवान को रेलवे में क्लास-फ्, स्टेट पुलिस में सब-इंस्पेक्टर और आर्मी में हवलदार की जॉब से स्टार्टिग होती है। वहीं एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स और व‌र्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीत कर देश का नाम रोशन करने वाले पहलवान को रेलवे हेड टीटीई और स्टेट पुलिस डिप्टी एसपी की जॉब देता है।

इन जॉब में है फ्यूचर सेफ

-रेलवे (सभी रेलवे हेडक्वार्टर)

-पुलिस (सभी स्टेट पुलिस)

-आर्मी

-एयरफोर्स

-नेवी

-बिजली विभाग

-ओएनजीसी

-बीएसएफ

-सीआईएसएफ

-सीआरपीएफ

-डाक विभाग

-एमटीएनएल

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मेडल भी जीता और फ्यूचर भी सेफ

नाम - विभाग - पोस्ट

सुशील कुमार - रेलवे - डिप्टी सीसीएम

योगेश्वर दत्त - हरियाणा - डिप्टी एसपी

नरसिंह पंचम यादव - महाराष्ट्र - डिप्टी एसपी

अनुज चौधरी - यूपीपी - डिप्टी एसपी

भगत सिंह - यूपीपी - इंस्पेक्टर

जगदीश काली रमण - यूपीपी - इंस्पेक्टर

रवींद्र यादव - यूपीपी - सबइंस्पेक्टर

राजकुमार पटेल - यूपीपी - सबइंस्पेक्टर

बजरंग - रेलवे - टीटीई

रामाश्रय यादव - रेलवे - सीटीटीआई

जनार्दन सिंह - रेलवे - हेड टीटीई

चन्द्रविजय सिंह - रेलवे - हेड टीटीई

राजीव तोमर - रेलवे - हेड टीटीई

संदीप तुलसी यादव - रेलवे - हेड टीटीई

काका पवार - रेलवे - अस्सिटेंट स्पो‌र्ट्स अफसर

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कुश्ती के हैं ये बेस्ट सेंटर

-छत्रसाल स्टेडियम, नई दिल्ली

-रेलवे एकेडमिक किशनगंज, नई दिल्ली

-गुरु हनुमान अखाड़ा, नई दिल्ली

-साई सेंटर खरसौदा, सोनीपत हरियाणा