-30 लाख से बनेगा सैयद मोदी स्टेडियम में रेसलिंग हॉल

-रेसलिंग हॉल बनने का प्रॉसेस हुआ शुरू

GORAKHPUR: मेडल पर मेडल जीतने वाले एनई रेलवे के रेसलर अब अपने हॉल में प्रैक्टिस कर सकेंगे। इंडियन टीम को व‌र्ल्ड चैंपियनशिप में ग्रीको कैटेगरी में पहला मेडल दिलाने वाले चन्द्रविजय सिंह भी अब अपने रेसलर को हॉल में प्रैक्टिस करा सकेंगे, क्योंकि सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम में जल्द रेसलिंग हॉल बनेगा। इसके लिए प्रॉसेस शुरू हो चुका है। हॉल में लगने वाला रेसलिंग मैट दो साल पहले ही आ चुका है।

टेंप्रेरी मैट लगाकर होती थी प्रैक्टिस

थाईलैंड में जूनियर व‌र्ल्ड कप और कजाकिस्तान में जूनियर एशिया कप में इंडिया टीम के मैनेजर रहे एनई रेलवे के सीनियर विजिलेंस ऑफिसर और रेसलिंग टीम मैनेजर जीएन सिंह ने बताया कि रेसलिंग हॉल के लिए लगभग फ्0 लाख रुपए का बजट पास हो गया है। उन्होंने बताया कि एनई रेलवे के जीएम राजीव मिश्र के खेल प्रेम और नरसा प्रेसिडेंट अनिल शर्मा, नरसा सेक्रेटरी पीके अग्रवाल के प्रयास की बदौलत हॉल जल्द बनकर तैयार हो जाएगा। अभी तक इंटर रेलवे, स्टेट और नेशनल रेसलिंग कॉम्प्टीशन में मेडल जीतने वाले रेसलर टेंप्रेरी मैट लगाकर प्रैक्टिस करते थे। मतलब डेली मैट लगाया और डेली हटाया। दो साल पहले तक तो हालत और खराब थी। तब उन्हें मैट पर प्रैक्टिस के लिए रीजनल स्टेडियम का सहारा लेना पड़ता था। हॉल न होने से अहम टूर्नामेंट के टाइम भी अगर बारिश हो गई तो उनकी प्रैक्टिस नहीं हो पाती थी। बिना मेडल के एनई रेलवे की रेसलिंग टीम लास्ट इयर दिल्ली में हुए इंटर रेलवे में तीन मेडल और इसके पहले गोरखपुर में हुए इंटर रेलवे में पांच मेडल जीते थे।

सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम में तीस लाख रुपए के बजट से रेसलिंग हॉल बनेगा। रेसलिंग मैट ऑलरेडी है। इससे रेसलर की परफॉर्मेस सुधरेगी तो देश और रेल का मेडल बढ़ेगा। अभी तक रेसलर टेंप्रेरी मैट लगाकर प्रैक्टिस करते हैं।

जीएन सिंह, सेक्रेटरी रेसलिंग एनई रेलवे