- विशेष न्यायालयों का होगा गठन
- एससी, एसटी एक्ट में बदलाव पर हुई चर्चा
GORAKHPUR: अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम में भारी संशोधन किए गए हैं। इसकी जानकारी देने के लिए शनिवार को पुलिस लाइन में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ आईजी जोन हरीराम शर्मा तथा समापन डीआईजी शिव सागर सिंह ने किया। जोन भर के नोडल अफसर, विशेष जांच प्रकोष्ठ प्रभारियों, समाज कल्याण विभाग और अभियोजन अधिकारी मौजूद रहे। मुकदमे के दौरान पीडि़तों को आर्थिक सहायता दिलाने, मुकदमों के त्वरित निस्तारण के संबंध में जानकारी दी गई। प्रचार-प्रसार के लिए उपस्थित लोगों को बुकलेट देकर पढ़ने को कहा गया।
विशेष न्यायालयों में सुनवाई
संशोधन के बाद कार्रवाई की प्रक्रिया में भारी बदलाव आए हैं। एक्ट में नई धाराओं और उप धाराओं को बढ़ाते हुए सबको अलग-अलग परिभाषित किया गया है। इसके तहत मुकदमे में 60 दिन के भीतर चार्जशीट लगाने की अनुमति मिली है। जबकि मुकदमों के त्वरित निस्तारण के लिए विशेष न्यायालयों का गठन करने के निर्देश भी दिए गए हैं। इन न्यायालयों में छह माह के भीतर मुकदमे निस्तारण हो सकेगा। अपराध से संबंधित कार्रवाई में यथा संभव वीडियोग्राफी कराने को कहा गया है। पुराने में एक्ट में 30 दिन के भीतर चार्जशीट लगाने का प्राविधान था।
पहचान छिपा सकेंगे गवाह
संशोधन के बाद मुकदमों में अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बिना चार्जशीट दाखिल की जा सकेगी। मुकदमों के गवाहों की पहचान भी छिपाने का प्रावधान किया गया है। नाम-पते की गोपनीयता का ख्याल रखते हुए पुलिस कार्रवाई करेगी। पीडि़त के साथ गवाहों और आश्रितों को जरूरत के अनुसार सुविधाएं, सुरक्षा, यात्रा भत्ता और उनके पुनर्वास का प्रबंध किया जाएगा। इसके अलावा अन्य संशोधनों के संबंध में जानकारी दी गई।