- बचा रहे बचपन कैंपेन के तहत दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने शनिवार को स्टेपिंग स्टोन इंटर कॉलेज में कराई वर्कशॉप

- बच्चों को बताया गया कि कोई उनके साथ अगर गलत करे तो चिल्लाकर करें विरोध

GORAKHPUR: एक डर आपकी जिदंगी तबाह कर सकता है। कोई भी इंसान आपके डर का फायदा उठाकर आपके साथ खिलौने की तरह खेलता रहेगा अगर आप चुप रहेंगे। आपके मुंह खोलने से आपकी ही नहीं, कई जिंदगियां बर्बाद होने से बच सकती हैं। इसलिए जितनी जल्दी हो सकता है अपने इस डर को निकालना होगा तभी आप आजादी से अपना जीवन जी सकते हैं। ये बातें दैनिक जागरण आई नेक्स्ट और परवरिश संस्था द्वारा चलाए जा रहे कैंपेन बचा रहे बचपन के तहत स्टेपिंग स्टोन इंटर कॉलेज में आर्गनाइज हुई वर्कशॉप में काउंसलर आदित्य कुमार ने बच्चों से शेयर कीं। उन्होंने बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में विस्तार से बताया।

अनसेफ टच के बारे में बताया

वर्कशॉप में बच्चों को गुड टच और बैड टच से परिचित कराया गया। इसके साथ ही अनसेफ टच क्या होता है इसके बारे में बच्चों से बात कर डीपली समझाया। वर्कशॉप में शामिल बच्चे भी जब सच्चाई से रूबरू हुए तो उन्होंने भी अपने अंदर पल रहे सस्पेंस को शेयर कर उसे दूर किया। इस दौरान बच्चे काउंसलर से बार-बार क्वेश्चन करते रहे। काउंसलर ने भी डेमो कर बच्चों के क्वेश्चन का आंसर दिया। उन्होंने बच्चों को डंब शिराज नामक एक वीडियो भी दिखाया।

वीडियो में झलका बच्चे का दर्द

डंब शिराज वीडियो में दिखाया गया कि एक बच्चा जो अपने अंकल के एब्यूज का शिकार है, वो किस तरह चुप रहकर अपनी बातों को अपने पैरेंट्स से शेयर कर रहा है और वे उसके दर्द को समझ नहीं पा रहे हैं। आदित्य कुमार ने बताया कि बच्चों को सिखाया जाता है कि बड़ों का सम्मान करें। ये सही है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि वो आपके प्राइवेट पार्ट को टच करें या फिर आपके साथ एब्यूज करें। कभी भी अगर आपके अंकल या फिर कोई और ऐसा करे जिसमें आप कंफर्ट फील ना करें तो इसकी कंप्लेन पैरेंट्स से जरूर करें। याद रखिए आपकी खामोशी आपको अंधेरे में धकेल सकती है इसलिए इंतजार ना करके इसका पहली बार ही विरोध करें।

नाजुक अंग होते हैं प्राइवेट पार्ट

आदित्य कुमार ने बताया कि जो अंग नाजुक होता है जिसे हम सेफ रखते हैं वे हमारे प्राइवेट पार्ट होते हैं। इंसान के अंदर चार प्राइवेट पार्ट होते हैं जिसकी वो केयर करता है। उन जगहों पर अगर कोई दूसरा टच करता है तो इसका तुरंत रिएक्शन दें ताकि दूसरी बार वो किसी और के साथ करते हुए भी चार बार सोचे।

चुप्पी तोड़ जोर-जोर से चिल्लाएं

आदित्य कुमार ने बताया कि जब आप किसी जगह पर अकेले फंस जाएं और कोई आपके साथ एब्यूज करे तब जोर-जोर से चिल्लाएं और तब तक चिल्लाएं जब तक आपकी मदद के लिए कोई आ ना जाए। इसके साथ ही ऐसी कंडीशन में आप एब्यूज करने वाले के सेंसिटिव पार्ट पर जोर से मार भी सकते हैं जिससे आपको भागने का टाइम मिल सके।

पब्लिक प्लेस पर भागकर जाएं

जब आप भागने में कामयाब हो जाएं तो सबसे पहले पब्लिक प्लेस जहां पर भीड़ हो वहां जाएं। वहां किसी से बात करके अपनी प्रॉब्लम को शेयर कतई ना करें। क्योंकि वह आपकी प्रॉब्लम को बढ़ा सकता है। इसलिए कुछ भी कह कर अपने पैरेंट्स से बात करने की कोशिश करें। आदित्य कुमार ने ये भी बताया कि कोई भी मदद के बहाने आपको अपने साथ ले जाना चाहे तो उसे मना कर दें। जब तक आपके पैरेंट्स आ ना जाएं तब तक पब्लिक प्लेस से कहीं ना जाएं।

सोशल मीडिया के जरिए एब्यूज

आदित्य कुमार ने बताया कि एब्यूज का एक दूसरा तरीका भी है। अगर कोई हजार किमी दूर से आपको पर्सनली वाट्सअप कर गंदा वीडियो भेजे तो ये भी एब्यूज है। आप इस वीडियो की जानकारी अपने पैरेंट्स से जरूर शेयर करें ताकि दोबारा आपके साथ ऐसा ना हो।

पैरेंट्स समझें बच्चों की बात

आदित्य ने बताया कि कई मामलों में बच्चे जब पैरेंट्स से अपनी कंप्लेन दर्ज कराते हैं तब उलटे उन्हें ही परेशानी का सामना करना पड़ता है। पैरेंट्स कंप्लेन को इग्नोर कर अपने बच्चे को ही दोषी मान उसका खेलना-बाहर जाना बंद कर देते हैं। इस कंडीशन में भी बच्चों को चुप नहीं रहना चाहिए जब तक सच्चाई सामने ना आ जाए।

कोट्स

इस वर्कशॉप में शामिल होकर मैंने भी बहुत कुछ जाना। इस तरह की वर्कशॉप स्कूलों में हमेशा होती रहनी चाहिए ताकि बच्चों का डर दूर हो सके और वे गुड टच और बैड टच को समझ सकें।

साकेत, टीचर, स्टेपिंग स्टोन इंटर कॉलेज

इस वर्कशॉप में शामिल होने का मौका मिला इसके लिए मैं दैनिक जागरण आई नेक्स्ट का शुक्रगुजार हूं। इस वर्कशॉप में सच्चाई बताई गई। आजकल लोग डराकर कुछ भी कर रहे हैं। ये नहीं होना चाहिए।

अभिनंदन, आईटी डिपार्टमेंट, स्टेपिंग स्टोन इंटर कॉलेज

बहुत ही अच्छा एक्सपीरियंस रहा। वर्कशॉप में बच्चों ने भी दिल खोलकर अपने कंफ्यूजन को दूर किया। पैरेंट्स को भी अपने बच्चों की अच्छे से केयर करनी होगी तभी इस तरह की बुराई दूर हो सकती है।

आदित्य कुमार, काउंसलर, परवरिश संस्था