- हादसों की समीक्षा के दौरान सामने आई बातें

- ज्यादातर जगह सिग्नल की अनदेखी की वजह से सिग्नल ओवरशूटिंग और डीरेलमेंट की हुई घटनाएं

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : रेलवे में आए दिन होने वाले हादसों पर लगाम लगाने के लिए खुद ही ड्राइवर्स को पहल करनी होगी। उन्हें यह ठान लेना है कि उनसे गलतियां नहीं होंगी, अगर ऐसा होता है तो वह उनकी आखिरी गलती होगी और वह खुद ही नौकरी छोड़ देंगे। अगर इस जज्बे से लोको पाइलट्स काम करें तो बिल्कुल भी हादसे नहीं होंगे। अगर ड्राइवर्स ठान लें, तो यकीनन हादसा नहीं होगा। यह बातें एनई रेलवे के डीआरएम अनूप कुमार ने 'सिग्नल पासिंग एट डेंजर' टॉपिक पर अपने एक्सपीरियंस शेयर करते हुए कीं। उन्होंने बताया कि समीक्षा के दौरान ऐसी कई बातें सामने आई हैं कि हाल में जितने भी हादसे हुए हैं, उनमें सिग्नल की अनदेखी की है। समीक्षा के दौरान जिससे यह बात प्रूव भी होती है।

स्पीड कंट्रोल जरूरी

वीएस यादव ने स्लाइड शो प्रेजेंटेशन के थ्रू बताया कि किन-किन जगहों पर लोको पाइल्ट्स ने क्या-क्या लापरवाही की है। उन्होंने बताया कि नंदानगर, घुघली के साथ हाल में हुए हादसों में ओवर स्पीडिंग भी एक बड़ा रीजन रही है। कोहरे के दौरान मैक्सिमम स्पीड लिमिट 60 किमी प्रति घंटा तय की गई है, लेकिन घुघली में हादसे के वक्त ड्राइवर ने स्पीड कम नहीं की और उसकी स्पीड 72 किमी प्रति घंटा थी। वहीं कई ऐसे और मामले सामने आए हैं, जिसमें ड्राइवर ट्रेन की स्पीड को तय स्पीड से ज्यादा पर चला रहा था, जिसकी वजह से डीरेलमेंट जैसी घटनाएं हुई हैं।

लोको पाइलट्स इन बातों का रखें ध्यान

- 8 घंटे के रेस्ट में करें भरपूर आराम

- मोबाइल, गैजेट्स जैसी चीजों को करें अवॉइड

- तेज बोलकर करें सिग्नल एक्सचेंज

- शेयर करने के दौरान हाथ उठाकर करें सिग्नल शेयर

- ट्रेन में ड्यूटी के दौरान मोबाइल को ऑफ रखें

- ड्यूटी से आठ घंटे पहले कोई भी ऐसी ड्रग न लें, जिससे होश उड़ रहा हो

- डेस्टिनेशन के पास पहुंचने के दौरान अपने बैग को न करें पैक