- 10 कर्मचारियों को अनुपस्थित करने पर मामला गरमाया
- 2003 से टीडीएस वापस न करने के मामले को लेकर कर्मचारियों में रोष
GORAKHPUR : गीता प्रेस का बवाल शांत होने का नहीं ले रहा है। पिछले माह हुए हंगामे को किसी तरह से प्रशासन ने शांत तो कराया, लेकिन सैटर्डे को एक बार फिर से मामला गरमा गया। स्थिति यह हुई कि कर्मचारियों ने काम बहिष्कार करके प्रबंधक की घेराबंदी कर दी। कर्मचारियों का आरोप था कि गीता प्रेस प्रबंधक को उनसे फॉर्म-क्ख् भरवाना चाहिए, लेकिन हम लोगों से फॉर्म-क्8 भरवाया जा रहा था। यह फॉर्म गीता प्रेस के दुकानदारों से भरवाया जाता है।
मीटिंग में हुआ बवाल
पिछले माह डीएम और डिप्टी लेबर कमिश्नर के निरीक्षण के दौरान गीता प्रेस में कुल भ्00 कर्मचारी उपस्थित मिले थे, लेकिन गीता प्रेस प्रबंधन ने पत्र लिखकर डीएम को केवल ख्00 कर्मचारियों की ही जानकारी दी। डीएम ने यह पत्र वापस कर दिया था। इसी बात को लेकर सैटर्डे को कर्मचारियों और गीता प्रेस प्रबंधन के बीच मीटिंग हो रही थी। मीटिंग में प्रबंधन ने फ्00 कर्मचारियों को अपना यहां के कर्मचारी मानने से इनकार कर दिया। इसी बात पर कर्मचारियों ने हंगामा कर दिया। कर्मचारी अपनी बात कह ही रहे थे कि एक कर्मचारी गीता प्रेस प्रबंधन की ओर से बोलने लगा, जिस पर उसे अन्य कर्मचारी मारने लगे। हंगामे की सूचना मिलते ही एडीएम सिटी बीएन सिंह और एसपी सिटी हेमंत कुटियाल भी मौके पर पहुंच गए। दोनों ने किसी तरह कर्मचारियों को समझाया, तब जाकर मामला शांत हुआ। मौके पर पहुंचे एडीएम सिटी से कर्मचारियों ने कंप्लेन की कि पर्याप्त कर्मचारी होने के बाद भी प्रबंधन ठेके पर कर्मचारी रखकर काम करा रहा है। वहीं डेली आने के बावजूद क्0 कर्मचारियों को अनुपस्थित करके उनका वेतन काट दिया गया है।
क्ख् मार्च की मीटिंग में होगा निर्णय
गीता प्रेस में हुए हंगामे की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे एडीएम सिटी बीएन सिंह और एसपी सिटी हेमंत कुटियाल ने कर्मचारियों को समझाया और आश्वासन दिया कि उनके साथ अन्याय नहीं होगा। क्ख् मार्च को श्रम विभाग, गीता प्रेस प्रबंधक, प्रशासन और कर्मचारियों के बीच मीटिंग होने वाली है। जो भी प्रॉब्लम हैं, उनको उस समय सामने रखा जाएगा।