गोरखपुर (ब्यूरो)।मेयर और नगर आयुक्त का दावा है कि इस बार जलभराव नहीं होगा। अगर कहीं हुआ तो ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि तत्काल जलभराव को दूर करा दिया जाएगा। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट लगातार खबरों को प्रकाशित कर रहा है, जिसका संज्ञान नगर निगम लेकर व्यवस्थाओं को दुरुस्त भी कर रहा है। गोरखपुराइट्स के बीच कराए गए एक सर्वे में लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं खूब दी हैं।

35 परसेंट ने बताई प्लांिनंग की कमी

सर्वे में 35 परसेंट ने प्लानिंग की कमी बताई, जिससे हर साल शहर में जलभराव होता है। उनका कहना है कि शहर में अनियोजित तरीके से कॉलोनियां बना दी गई हैं। नाले, नालियों को गलत तरीके से बनाया गया है। सड़क कहीं ऊंची तो कहीं काफी नीची है। बरसात में जलभराव होने पर उसे कई दिन तक दूर भी नहीं कराया जाता है।

24 परसेंट नाला सफाई में करप्शन को मानते हैं जिम्मेदार

सिटी में जलभराव के लिए 25 परसेंट लोगों ने नाला सफाई में करप्शन को जिम्मेदार माना है। उनका कहना है कि नाला सफाई के नाम पर कोरम किया जाता है, जिससे बरसात में जलभराव होता है। अगर सही से तल्लीझाड़ सफाई कर दी जाए तो जलभराव नहीं होगा। लोगों ने नाला सफाई अच्छे तरीके से कराने की बात कही है।

12 परसेंट ने सरकार के बेपरवाही को बताया जिम्मेदार

12 परसेंट लोगों ने सरकार की बेपरवाही से जलभराव को जिम्मेदार माना है। उनका कहना है कि सरकार संसाधन तो उपलब्ध करा देती है लेकिन फिर ध्यान नहीं देती है, जिसके कारण सालों से जलभराव हो रहा है। सरकार अगर कड़ाई करे तो जलभराव को भी काबू किया जा सकता है। गोरखपुर में जलभराव एक प्रमुख समस्याओं में से एक है।

29 परसेंट ने अनियोजित विकास को दोषी बताया

29 परसेंट गोरखपुराइट्स ने अनियोजित विकास को जलभराव को जिम्मेदार बताया। उनका कहना है कि शहर में अनियोजित कॉलोनियां बसती जा रही हैं। न सड़क का ध्यान दिया जा रहा है न ही नालियों का। लोग पहले घर बनवा ले रहे हैं, बाद में व्यवस्थाओं की डिमांड कर रहे हैं। इससे जलभराव की समस्या बढ़ती जा रही है।

ये हैं सर्वाधिक जलभराव वाले स्थान

आजाद नगर पूर्वी, तारामंडल के निचले इलाके, रसूलपुर, दरियाचक भट्टा, चक्सा हुसैन, भेडिय़ागढ़, इंदिरानगर, गोपलापुर, शक्तिनगर, धोबीगली, साकेतनगर, रुस्तमपुर, शिवाजीनगर, धर्मशाला, इलाहीबाग, लालडिग्गी, साहबगंज, गीता प्रेस, रेती चौक, मायाबाजार, घोषकंपनी, दाउदपुर, सिद्धार्थनगर कॉलोनी, इंद्रप्रस्थपुरम कॉलोनी, बेतियाहाता, इंजीनियर कॉलेज, राप्तीनगर, ग्रीन सिटी, विजय चौक आदि।

90 जगहों पर लगाए गए अस्थायी पंप

नगर निगम ने जलभराव रोकने के लिए 90 जगहों पर अस्थायी पंप लगाए है। हर पंप पर कर्मचारियों की तैनाती की गई है। यह पंप जलभराव होने पर तत्काल चला दिए जाएंगे। यही नहीं यह पंप उस समय भी काम आएंगे, जब राप्ती नदी का जलस्तर अधिक हो जाएगा और पानी की निकासी में दिक्कत होगी। इसके अलावा और भी पंपों की व्यवस्था की जा रही है, ताकि कहीं से कोई दिक्कत न आने पाए।

फैक्ट एंड फीगर

नगर निगम में कुल 80 वार्ड

सिटी में बडे नाले - 13

मझोले नाले - 117

छोटे नाले - 127

नालों की कुल लंबाई - 2,58,829

निर्माणाधीन - 17 नाले

बड़ी पोकलेन मशीनें - 7

जेसीबी - 10

सफाई में जुटे कर्मचारी

80

ट्विटर पर लोगों ने शेयर की बात

@Arteepriyadars1

सरकार नाला तो बनवा रही है, लेकिन कहीं भी नाला लेबल सही तरीके से नहीं बना है। इसलिए जल निकासी में परेशानी हो रही है। नालों के ऊपर ढक्कन भी नहीं है, जिससे सारी गंदगी उसमें चली जाती है और नाला जाम की समस्या निरंतर बनी रहती है।

@Drshobhits67113

प्लानिंग की कमी से शहर में जलभराव हो रहा है।

@amitabhkrm

बारिश के मौसम में शहरी इलाके में जलभराव का मूल कारण अनियोजित विकास है। ग्रीन लैंड की भूमि को प्रापर्टी डीलर लोगों को बेच दे रहे हैं। लोग मकान बना कर रहना शुरू कर दे रहे हैं। न तो नाली है, न सड़क। साथ ही जल निकासी के लिए जो प्राकृतिक रास्ते हैं वह भी अवरुद्ध हो जा रहे हैं।

@sanvad_Jago

अनियोजित विकास, काम चलाऊ कार्य, नाली साफ तो हो रही है लेकिन सड़क पर पानी का ढलान नाली पर न होकर सड़क पर ही रह जा रहा है। जिससे सड़क पुन खराब हेा जा रही है। नालों के अतिक्रमण जस के तस बने हुए हैं।

शहर में नाला सफाई का अभियान तीसरे चरण में तेजी से चल रहा है। जलभराव वाले स्थानों का खुद इंस्पेक्शन कर रहा हूं। बरसात में जलभराव न हो, इसके लिए सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त की जा रही हैं।

गौरव सिंह सोगरवाल, नगर आयुक्त

नगर आयुक्त ने नालों का किया इंस्पेक्शन

नगर आयुक्त ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ स्पोर्ट्स कॉलेज रोड, मेडिकल कॉलेज रोड एवं आसपास के कॉलोनियों का निरीक्षण कर बरसात के दौरान जलनिकासी की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए बनवाए जा रहे नालों का निरीक्षण किया। इस दौरान स्पोर्ट्स कॉलेज रोड के आसपास की कॉलोनियों से समुचित जलनिकासी के लिए नगर आयुक्त ने दिव्यमान हॉस्पिटल से बिजलीघर तक पीछे के नाले के लेवल का कच्चा नाला खोदने के लिए सहायक अभियंता, लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया। निरीक्षण के दौरान चरगावां के पार्षद ने बताया कि सेंट्रल प्लाजा चौराहा के उत्तर तरफ का एरिया नीचे होने के कारण बरसात में बहुत ज्यादा पानी लगता है। नगर आयुक्त ने अवर अभियंता विवेकानंद को इस स्थान पर पिछले बार से 2-3 पंप ज्यादा लगवाने के लिए निर्देश दिया।