- एलआईसी पालिसी की आड़ में बेरोजगारों से कारपोरेट एजेंट ने की करोड़ों की ठगी

- आरडी, एफडी और एमआईएस के नाम पर की गई 500 से अधिक बेरोजगारों से ऐंठ लिए रुपए

- महिलाओं ने की मुकदमा दर्ज करने का मांग

GORAKHPUR: भारतीय जीवन बीमा निगम की पॉलिसी की आड़ में एक कारपोरेट एजेंट और उसके सहयोगियों ने ठगी की। 500 एजेंट बनाकर करोड़ों रुपए लेकर वह चंपत हो गए। बुधवार को ठगी का शिकार हुई महिलाएं सोशल काउंसलर शांति देवी के साथ कैंट थाने पहुंची और आरोपियों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई किए जाने की मांग की।

कमिश्नर नहीं मिले तो पहुंची थाने

महिला थाने की सोशल काउंसलर शांति देवी के साथ रेनू श्रीवास्तव, मीना दूबे, हृदय नारायण चौधरी, संजीव यादव, अनीता गिरी, प्रियंका गिरी, विद्या गुप्ता, विद्यावती, दीपिका पांडेय, पूनम चतुर्वेदी सहित डेढ़ सौ की संख्या में महिलाएं और पुरूष एजेंट कमिश्नर कार्यालय पहुंचे। कमिश्नर के बाहर होने की स्थिति में उनसे पीडि़त महिलाओं की मुलाकात नहीं हो सकी। यहां से वह कैंट थाने पहुंची और पुलिस को तहरीर दी। इसी बीच कैंट एरिया की इंद्रानगर निवासिनी सविता देवी को चक्कर आ गया और वह गिर पड़ी। किसी तरह वह होश में आई।

कार्यालयों पर लगा है ताला

रेनू श्रीवास्तव ने कैंट पुलिस को दी गई तहरीर में आरोप लगाया है कि एलआईसी के अधिकारी केशव पांडेय के साथ मिलकर अरविंद सिंह, उनकी पत्‍‌नी सीमा सिंह और सहयोगी सीमा अग्रवाल सहित अन्य ने उनसे एलआईसी की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने का झांसा देकर लोगों से दस करोड़ से ऊपर जमा करवाया है। अरविंद सिंह ने गोरखपुर से अपना कार्यालय प्रताप मार्केट, कौड़ीराम और चौरीचौरा में खोल था। वह अब ताला बंद कर फरार है।

धोखाधड़ी की कार्रवाई

आरोपित केशव पांडेय गोरखपुर में एलआईसी के माइक्रो इंश्योरेंस के ब्रांच मैनेजर है। उनका कहना है कि अरविंद सिंह एजेंट है। अरविंद सिंह ने कानपुर से जनरक्षा इंडिया माइक्रो फाइनेंस, जनरक्षा लाइफ लाइन और जरनक्षा इंडिया म्युचुअल निधि का रजिस्ट्रेशन कराया था, इसलिए अरविंद सिंह को माइक्रो फाइनेंस के तहत एलआईसी की दो पॉलिसियों भाग्य लक्ष्मी और जीवन मंगल करने के लिए सेल्फ एजेंट के रूप में एजेंसी दी गई थी। उसने अपने अंडर में एजेंट बनाया और पॉलिसी करवाई। सभी एजेंटों को उनकी पालिसी की रसीद और बांड भी दिया गया है। अब यदि उसने आरडी और एफडी के नाम पर धोखाधड़ी की है तो एजेंटों को शिकायत करनी चाहिए। उनके स्तर से भी अरविंद सिंह और उसके सहयोगियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करया जाएगा और अन्य विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

महिलाओं की ओर से तहरीर मिल गई है। पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

राजीव सिंह, इंस्पेक्टर कैंट