गोरखपुर (ब्यूरो).गोरखपुर के 28 थानों की महिला और पुरुष पुलिस कर्मी महिला सुरक्षा दल में शामिल हैं। गौर करने वाली बात ये है कि अभी तक थानेदार, सीओ, एसपी, एसएसपी, डीआईजी, एडीजी के सीयूजी नंबर जारी होते थे। अब महिला सुरक्षा दल की टीम में शामिल पुलिस कर्मियों को भी सीयूजी नंबर दिए जा रहे हैं। गोरखपुर के 17 थानों पुलिस कर्मियों को सीयूजी नंबर दिए गए हैं। वहीं बाकी थाने की टीम के लिए और सीयूजी नंबर की डिमांड की गई है।
गल्र्स को किया जा रहा अवेयर
महिला सुरक्षा दल डेली अपने-अपने थाने के अंतर्गत भीड़-भाड़ वाली जगह, पार्क, मॉल, बाजार और स्कूलों के आस-पास जाकर गल्र्स और महिलाओं को अवेयर कर रही हैं। खास तौर से गल्र्स स्कूलों में भी टीम जा रही है। वहां पर लड़कियों को साइबर क्राइम और हेल्पलाइन के बारे में बताया जाता है। वहीं, आपात स्थिति में किस तरह निपटा जाए। इसके लिए भी टिप्स महिला सुरक्षा दल की टीम देती है। स्कूलों में महिला सुरक्षा दल के साथ साइबर अपराध थाने की टीम भी जाती है।
पुलिस कर्मियों को मिले विजिटिंग कार्ड
हेल्पलाइन नंबर के बारे में तो सभी महिलाओं और स्कूल-कॉलेज गोइंग छात्राओं को बताना ही है। इसके साथ ही टीम में शामिल पुलिस कर्मियों का बाकायदा विजिटिंग कार्ड भी बनवाया गया है। टीम के सदस्य जहां भी लड़कियों को अवेयर करेंगे। वहां पर अपना विजिटिंग नंबर भी शेयर करेंगे, जिससे गल्र्स आपात स्थित में पुलिसकर्मी से आसानी से बात कर सकें।
नाम गोपनीय रहेगा, करें कंप्लेन
एसपी क्राइम और महिला सुरक्षा दल की नोडल इंदु प्रभा सिंह ने बताया कि कई केसेज में महिलाएं लोक लाज की वजह से शिकायत नहीं करती हैं। उन्हें डर होता है कि शिकायत करने पर उनका नाम वायरल हो जाएगा। इससे शोहदों और गलत करने वाले का मनोबल और बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि ऐसे जो भी केसेज आए हैं। उसमे लड़की का नाम ओपेन नहीं होने दिया गया और मामले का निराकरण भी कर दिया।
फैक्ट फिगर
थाना - 28
थाने पर स्कूटी- 56
हर थाने पर स्कूटी- 2-2
7 माह में वारदात- 192
अपहरण - 100
छेड़खानी - 72
रेप - 20
एंटी रोमियो और शेरनी दस्ता को मर्ज कर वूमेन सिक्योरिटी टीम बनाई गई है। इस टीम को सीयूजी नंबर और विजिटिंग कार्ड भी दिए जा रहे हैं। लड़कियों को शर्म छोड़कर अपने साथ हो रहे गलत कृत्यों की शिकायत करनी चाहिए। ऐसा नहीं करने से शोहदों या गलत करने वाले का मनोबल बढ़ता है।
इंदु प्रभा सिंह, एसपी क्राइम