गोरखपुर (ब्यूरो)।आशंका है कि उसने सुसाइड किया है। पुलिस ने मौके पर जांच पड़ताल की। परिजन बिना पोस्टमॉर्टम के शव नेपाल लेकर चले गए।
भैरहवा के रास्ते आई इंडिया
परिवार के लोगों ने बताया, लक्ष्मी भट्टराई पहले अपने बेटा-बहू के साथ ऑस्ट्रेलिया में रहती थीं। वह अच्छी खिलाड़ी थीं। 10 दिन पहले ही वह ऑस्ट्रेलिया से भैरहवां आईं और फिर वहां से इलाज कराने गोरखपुर आरोग्य मंदिर आ गईं। परिजनों ने बताया, कुछ महीनों से वह डिप्रेशन में चल रही थीं।
डिप्रेशन का चल रहा था प्राकृतिक इलाज
सोमवार सुबह लक्ष्मी पार्क में मॉर्निंग वॉक करने के बाद परिसर में ही बैठकर चाय-नाश्ता किया। उसके कुछ देर बाद वो अपने कमरे में चली गईं। करीब एक घंटे बाद किसी काम से परिवार के लोग कमरे में पहुंचे तो देखा कि बाथरूम का दरवाजा खुला है और लक्ष्मी बाथरूम में ही शॉवर से लटकी है। यह देख परिजन शोर मचाने लगे।
शव लेकर नेपाल चले गए परिजन
आनन-फानन में परिवार के लोगों ने शव नीचे उतारा और एम्बुलेंस से मेडिकल कॉलेज ले गए। जहां डॉक्टर्स ने चेकअप के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। फिर परिजन दोबारा शव लेकर आरोग्य मंदिर पहुंचे। जिसके बाद आरोग्य मंदिर के निदेशक विमल मोदी ने शाहपुर पुलिस सूचना दी। पुलिस पहुंची तो परिजन ने शव का पोस्टमॉर्टम कराने से इंकार कर दिया। पुलिस ने लिखा-पढ़ी कर शव परिजनों को सौंप दिया।
रिश्तेदारों के कहने पर आई थीं आरोग्य मंदिर
परिजनों ने बताया, नेपाल के कई लोग आरोग्य मंदिर में प्राकृतिक इलाज से ठीक हो गए हैं। उन्हीं लोगों के बताने पर महिला ऑस्ट्रेलिया से भैरहवां एयरपोर्ट आई और फिर गोरखपुर आरोग्य मंदिर में आकर इलाज कराने लगी। महिला की दो बहनें और भतीजा भी उनके साथ आए थे। सभी आरोग्य मंदिर के प्रथम तल पर कमरा नंबर 33 में रह रहे थे।
महिला कुछ दिनों से डिप्रेशन में थी। इसी का इलाज चल रहा था। डिप्रेशन में ही उसने खुदकुशी की है। परिजन पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते थे। इसलिए पंचनामा कराकर शव परिजनों को दे दिया गया।
- मनोज कुमार पाण्डेय, इंस्पेक्टर, शाहपुर