- फरियादी से होती पहली मुलाकात, ठीक रखें बर्ताव
- मीटिंग में पुलिस के लिए एसएसपी ने जारी की गाइड लाइन
GORAKHPUR: पलिस कर्मचारियों के खराब व्यवहार की शिकायतों को एसएसपी ने गंभीरता से लिया है। पब्लिक के साथ किसी तरह का गलत आचरण करने वाले पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई तय है। एसएसपी ने थानों पर ऐसी व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए हैं कि पीडि़तों को कोई असुविधा न उठानी पड़े। इसीलिए थानों पर ऐसे पुलिस कर्मचारियों को संतरी ड्यूटी पर लगाने को कहा गया जिसकी बातचीत अच्छी हो। क्योंकि थाने पर पहुंचने वाले हर व्यक्ति से पहली मुलाकात संतरी की होती है। एसएसपी के निर्देश पर महिला आरक्षियों की संतरी ड्यूटी लग रही है। इसका असर भी नजर आने लगा है।
खराब व्यवहार से होती फजीहत
थानों पर फरियाद लेकर पहुंचने वालों से पुलिस कर्मचारी ठीक से व्यवहार नहीं करते हैं। पीडि़त से सौ सवाल पूछे जाते हैं। बाद में पता लगता है कि उस मामले की जांच के लिए किसी चौकी पर जाना है। कई बार ऐसा भी होता है कि एप्लीकेशन लेकर पहुंचे लोगों को दरोगा और सिपाही फटकारने लगते हैं। उनकी कोशिश होती है कि किसी तरह से मामला टल जाए खासकर जिनमें मिलीभगत होती है। इस वजह से रोजाना सभी पुलिस अधिकारियों के पास 250 से तीन सौ शिकायतें पहुंचती हैं। इन शिकायतों में अक्सर यही होता है कि थाने पर हमारी बात नहीं सुनी गई। सिपाही ने गेट पर ही अपशब्द कहकर भगा दिया। ऐसे मामलों में सीनियर अफसर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पाते। पीडि़त को भी काफी भागदौड़ करनी पड़ती है। इसको देखते हुए ऐसा इंतजाम किया गया है कि थाने पर सबसे पहले जिस व्यक्ति से पीडि़त की मुलाकात होती है। वह थाने के पहरा ड्यूटी पर मौजूद संतरी होता है। वहां जब अच्छे बोलचाल के सिपाहियों की ड्यूटी लगी तो आधी प्रॉब्लम सॉल्व हो जाएगी। बची-खुची समस्या के समाधान के लिए महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग हेल्प डेस्क बनाए गए हैं।
महिला कांस्टेबल के हाथों में संगीन, कर रही संतरी की ड्यूटी
पहरे पर तैनात पुलिस कर्मचारियों के लिए एसएसपी ने बकायदा गाइड लाइन जारी की है। वह जोनल मीटिंग में सभी पुलिस कर्मचारियों को इस पर विशेष जोर देने के लिए कहते हैं। एसएसपी के निर्देश पर थानों पर महिला कांस्टेबल की पहरा ड्यूटी लगने लगी है। जिसका असर यह हो रहा है कि वह फरियादी से पूरी प्रॉब्लम पूछकर उसकी समस्या के समाधान के लिए सही रास्ता बता रही हैं। थाने पर कौन, क्यों आ रहा है। इस बात की टोकाटाकी पर किसी को आपत्ति नहीं होती। कैंट इंस्पेक्टर ने बताया कि महिला कांस्टेबल को पहरे की डयूटी पर लगाया जा रहा है।
क्या होती है प्रॉब्लम
फरियादी के पहुंचने पर गेट पर खड़े पहरा ड्यूटी संतरी से सामना होता है।
पहरा ड्यूटी पर मौजूद संतरी बात सुनकर आगे बढ़ने देता है।
यदि खराब व्यवहार हुआ तो पब्लिक के मन का पूर्वाग्रह सच लगता है।
संतरी ड्यूटी की जिम्मेदारी होती है कि वह हर आने-जाने वाले पर नजर रखे।
अच्छे व्यवहार से पुलिस के प्रति पूर्वाग्रह तोड़ने में मदद मिलती है। फरियादी राहत महसूस करते हैं।
इस तरह से बात करने की होती शिकायत
- क्या हुआ है। क्यों आए हो। जब देखो तब मुंह उठाकर चले आते हैं।
- चलो कल आना, आज कोई है नहीं सुबह आना तब देखा जाएगा।
- पुलिस तुम्हारी नौकर है। जब चाहोगे चले आओगे, हमारे पास और काम नहीं हैं क्या
- जाओ-जाओ जिसके पास शिकायत करना है करो, रहेंगे तो हम सिपाही ही। यहां नौकरी करें चाहें कहीं करें।
- तुम पुलिस की बहुत शिकायत कर रहे हो। फंसो किसी मामले में तब बताते हैं।
क्या हैं एसएसपी के निर्देश
महिलाओं और बच्चों से संबंधित अपराधों की सूचना पर त्वरित कार्रवाई करें।
थाने पर आने वाले हर पीडि़त के साथ पुलिस कर्मचारी अच्छे से पेश आएं।
जनप्रतिनिधि, गणमान्य व्यक्ति और डिजिटल वॉलंटियर्स के साथ सद्व्यवहार रखें।
पीडि़त के थाने पर पहुंचने पर उसकी समस्या के समाधान का पूरा प्रयास करें।
आगंतुक रजिस्टर में सभी का नाम दर्ज किया जाए। उनका फीडबैक लेकर सूचना दर्ज करें।
वर्जन
फरियादी के साथ खराब व्यवहार की शिकायतें सबसे ज्यादा होती हैं। पहरे पर खड़े पुलिस कर्मचारी से फरियादी की पहली मुलाकात होती है। वहीं से पुलिस के प्रति इंप्रेशन बनता है। इसलिए ऐसे पुलिस कर्मचारियों को संतरी ड्यूटी पर तैनात करने के लिए कहा गया है जो व्यवहार कुशल हों। थानों पर महिला कांस्टेबल भी संतरी की ड्यूटी कर रही हैं।
डॉ। सुनील गुप्ता, एसएसपी