- एआईपीएमटी पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मेडिकल स्टूडेंट्स को देनी होगी फिर से परीक्षा

- सिटी के तीन हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स को फिर से परीक्षा देने के लिए करनी होगी तैयारी

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र:

सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद डाक्टर बनने का सपना देख रहे स्टूडेंट्स को अब एक महीने और मेहनत करनी पड़ेगी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट -2015 की परीक्षा रद्द कर दी है और चार हफ्ते के भीतर फिर से परीक्षा कराने के निर्देश दिए हैं। वहीं इस आदेश के आते ही कुछ स्टूडेंट्स ने पर्चा लीक कराने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।

तीन हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स ने दिया था परीक्षा

आल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट- 2015 की परीक्षा पूरे देश में एक साथ 3 मई को आयोजित की गई थी। करीब 3 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स गोरखपुर जिले से परीक्षा में शामिल हुए थे। लखनऊ, दिल्ली जैसे बड़े शहरों में पड़े सेंटर्स पर परीक्षार्थियों ने एग्जाम भी दिया। इसके लिए आने जाने में खर्च भी किए, लेकिन पर्चा आउट होने के चलते मामला कोर्ट में चला गया और अंत में फैसला परीक्षा कैंसिल होने का आया। परीक्षा कैंसिल होने से जहां लाखों परीक्षार्थियों को फिर से परीक्षा में अपने भाग्य को आजमाना होगा। वहीं मेडिकल की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं।

सख्त होना होगा सरकार को

मेडिकल की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स की माने तो जिस तरह से एआईपीएमटी और सीपीएमटी जैसे परीक्षाओं के पर्चे आउट हो रहे हैं। इससे तो साफ जाहिर है कि पर्चा आउट कराने वाले गैंग कितने सक्रिय है। वहीं हमारी सरकार है की इस तरह से परीक्षाओं को लेकर संजीदा होना चाहिए। ताकि बेहतर परफॉर्मेश करने वाले स्टूडेंट्स के साथ अन्याय न हो सके।

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एआईपीएमटी पर्चा आउट मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला सराहनीय है। हमारी तैयारी पूरी है। परीक्षा फिर से होगी। इसके लिए टेंशन बिल्कुल नहीं है। लेकिन इतना जरूर कहना चाहूंगा कि जो भी गैंग इस तरह के कार्य में सक्रिय हैं उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई जरूर होनी चाहिए।

आकाश शुक्ला, मेडिकल स्टूडेंट

एआईपीएमटी कैंसिल होने से जहां स्टूडेंट्स के लिए दिक्कतें बढ़ी हैं। वहीं गार्जियंस, टीचर्स की प्री प्लानिंग सब चौपट हो गई है। परीक्षा देने के बाद जहां रिजल्ट का हमें इंतजार होता है। वहीं इस तरह के पर्चा आउट कराने वाले गैंग के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

मोनिका पांडेय, मेडिकल स्टूडेंट

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जिस तरह से इधर पर्चे आउट होने के मामले सामने आए हैं। इससे न सिर्फ कॉम्पटेटिव एग्जाम की तैयारी करने वाले बच्चों का मनोबल टूट जाता है। बल्कि सरकार की लाचार व्यवस्था की पोल भी खुलती हुई नजर आ रही है। इसके लिए सरकार को सख्त होना पड़ेगा। पर्चे आउट होने से जहां बेस्ट परफॉर्मेश करने वाले स्टूडेंट्स के साथ अन्याय होता हैं। वहीं उनका मोरल डाउन हो जाने से वह काफी तनाव में आ जाते हैं। ऐसे में स्टूडेंट्स में तनाव लेने की जरूरत नहीं है। नये सिरे से तैयारी करने की जरूरत है।

डॉ। राहुल राय, स्टार पीएमटी ट्यूटोरियल्स

एआईपीएमटी की परीक्षा कैंसिल होने से जहां स्टूडेंट्स को फिर से परीक्षा देने का मौका मिलेगा। वहीं पर्चा आउट कराने वाले गैंग के खिलाफ सरकार या कोर्ट को सख्त कदम उठाना चाहिए। ताकि बच्चों का भविष्य खराब न हो सके। क्योंकि परीक्षा फिर से कराने में न सिर्फ पैसे ही खर्च होते हैं। बल्कि बच्चे, पैरेंट्स और टीचर्स सभी को बेहतर रिजल्ट का इंतजार रहता है। जब रिजल्ट नहीं आता है तो सारे अरमानों पर पानी फिर जाता है। इसलिए इस तरह के परीक्षाओं में सरकार को सख्ती बरतने की जरूरत है।

मार्तण्ड त्रिपाठी, डॉयरेक्टर, कैरियर प्वाइंट