- स्टे होने से खाली करना पड़ा मकान

- पति की तस्वीर रखकर दी श्रद्धांजलि

GORAKHPUR: मोहद्दीपुर मोहल्ले के वरुण हत्याकांड में हक की लड़ाई शुरू हो गई है। पति की हत्या के पांचवें दिन वरुण की पत्नी नीतू मकान पर पहुंचीं। कब्जा करके उन्होंने पति की तस्वीर को श्रद्धांजलि दी। हालांकि कुछ घंटों के बाद स्टे का हवाला देते हुए पुलिस ने नीतू और अन्य लोगों को घर से बाहर निकाल दिया। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कोर्ट का ऑर्डर होने पर ही किसी को कब्जा दिया जाएगा। उधर यह भी सामने आया कि दो हजार रुपए लेकर समझौते के बहाने एक सिपाही ने वरुण को घर भेजा था।

10 सितंबर को हुई हत्या

मोहद्दीपुर मोहल्ले में 10 सितंबर को ताबड़तोड़ गोलियां चलने से लोग दहल गए थे। आरोप है कि मकान के विवाद में अधिवक्ता अरुण कुमार तिवारी ने अपने छोटे भाई वरुण को घर में गोलियों से भून दिया था। दोनों के बीच मकान के बंटवारे को लेकर करीब 20 साल से विवाद चल रहा था। छोटे भाई के हत्या के आरोप में अधिवक्ता जेल में हैं।

किराएदार ने किया मकान खाली

मकान के एक हिस्से में अधिवक्ता अरुण का परिवार रहता है। दूसरे हिस्से में महिला डिग्री कॉलेज की टीचर रहती थीं। हत्या के बाद उनका परिवार काफी डर गया। पुलिस और रिश्तेदारों की आवाजाही से उनकी परेशानी बढ़ गई। इसलिए बुधवार को ही उन्होंने मकान खाली कर दिया। गुरुवार सुबह करीब 11 बजे वरुण की पत्नी नीतू, बड़ी ननद गुडि़या और निशा के साथ पहुंचीं। उनके साथ परिवार के लोग भी थे। किराएदार के हिस्से में लगा ताला तोड़कर नीतू घर में चली गई। कब्जा करने के बाद वरुण की तस्वीर रखकर श्रद्धांजलि दी।

स्टे का हवाला देकर कराया खाली

मकान में कब्जे की जानकारी होने पर अरुण के परिचित अधिवक्ता सक्रिय हो गए। उन लोगों ने पुलिस अधिकारियों को फोन कर स्टे होने का हवाला देते हुए मकान खाली कराने को कहा। दबाव झेलने की जगह अधिकारियों ने फोर्स भेजकर घर खाली करा दिया। पुलिस का कहना था कि जब तक स्टे है तब तक कोई वहां पर नहीं रह सकता है। वरुण की दोनों बहनों और पत्‍‌नी ने इसका विरोध किया। डीआईजी से मुलाकात का हवाला भी दिया।

घर में रह गई तस्वीर

मकान खाली कराने की कहासुनी में वरुण की तस्वीर घर में रह गई। परिवार के लोगों को याद आया तो वे तस्वीर लेने की कोशिश में लग गए। लेकिन पुलिस ने उन्हें तस्वीर नहीं निकालने दी। किसी ने पुलिस को बताया कि तस्वीर निकलने पर परिवार के लोग सड़क पर धरना शुरू कर देंगे। इसलिए पुलिस ने तस्वीर निकालने से मना कर दिया। वरुण की बहनों ने कहा कि घर में मौजूदगी की गवाही तस्वीर देगी।

सबको मारकर लें पूरा हिस्सा

पुलिस की कार्रवाई से परेशान नीतू ने कहा कि उनके पास रहने के लिए कोई मकान नहीं है। बच्चों को लेकर वह कहां जाएं। बहनों ने पुलिस से कहा कि वरुण का मकान नहीं दिला सकते तो अरुण को छोड़ दीजिए। वह परिवार के सभी लोगों को गोली मारकर सारी प्रॉपर्टी कब्जा कर लें। सबकी मौत के बाद कोई विरोध नहीं करेगा।

सिपाही ने लिए थे दो हजार

घर में रहने के बवाल में एक नई कहानी सामने आई। वरुण की बड़ी बहन गुडि़या ने आरोप लगाया कि दो हजार रुपए की घूस लेकर एक सिपाही ने उनके भाई को अरुण के पास भेजा था। वरुण को बताया था कि समझौता करने के लिए अरुण तैयार हो गए हैं। वरुण अपने साथ पुलिस लेकर जाना चाहते थे, लेकिन सिपाही ने उन्हें अकेले भेजकर थोड़ी देर में पहुंचने का आश्वासन दिया। वरुण की हत्या होने के बाद वह मौके पर पहुंचा। वहीं, यह आरोप सामने आने के बाद से पुलिस की भूमिका भी इस मामले में संदिग्ध हो गई है।

अधिवक्ता के पक्ष में बार एसोसिएशन

भाई के हत्यारोपी अरुण के पक्ष में बार एसोसिएशन खड़ा हो गया है। गुरुवार को एसोसिएशन पदाधिकारियों ने आईजी से मुलाकात की। आईजी के साथ ही एसएसपी और इंस्पेक्टर से भी प्रतिनिधि मंडल के सदस्य मिले। अधिवक्ताओं ने कहा कि कोर्ट के स्टे का पालन कराया जाए। अध्यक्ष और मंत्री ने बताया कि अरुण तिवारी की बेटी ने बार एसोसिएशन को अप्लीकेशन दिया है। उसने कहा है कि पिता जेल में हैं, मां का कैंसर का इलाज चल रहा है। मकान खाली होने से परिस्थितियों का लाभ उठाते हुए ताला तोड़कर पिता की बहनें और चाची कब्जा करना चाहती हैं।