- दूसरी बार जला है टैक्स रिकॉर्ड
- 2002 में भी जला था टैक्स रिकॉर्ड
- जीपीआर सिस्टम से हुआ था सर्वे
GORAKHPUR: नगर निगम के टैक्स विभाग में गुरुवार को लगी आग भले ही बुझ गई, लेकिन अपने पीछे यह सुलगते सवाल छोड़ गई है। नगर निगम के अफसर इसे महज संयोग कह रहे हैं, जबकि पार्षदों को इसमें साजिश नजर आ रही है। इसी वजह से घटना के बाद कई पार्षदों ने पत्र लिखकर इसकी जांच की मांग की है। पार्षदों की मांग को ध्यान में रखते हुए मुख्य कर निर्धारण अधिकारी ने भी कोतवाली को पत्र लिखकर निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। इस घटना के बाद से ही कर्मचारियों और नगर निगम से जुड़े लोगों के बीच चर्चा है कि हर बार विभाग के ही रिकॉर्ड क्यों गायब होते हैं।
दो बार गायब हो चुके हैं रिकॉर्ड
नगर निगम में इसके पहले एक बार टैक्स विभाग और एक बार लेखा विभाग का रिकॉर्ड गायब हो चुका है। वर्ष 2002 में जब लेखा विभाग नीचे हुआ करता था तब विभाग में दोपहर के समय आग लग गई थी। जिसमें लेखा से संबंधित 40 प्रतिशत फाइलें जल गई थीं। वहीं 2009 में नगर निगम ने नए सिरे से टैक्स निर्धारण के लिए एक प्राइवेट कंपनी से कंप्यूटराइज टैक्स का डाटा तैयार कराया था। नगर निगम के जानकारों का कहना है कि उस कंपनी ने बहुत बड़े स्तर पर टैक्स रिवाइज किया था। जिसमें शहर के टैक्स निर्धारण में एक बहुत बड़ा परिवर्तन होना था, लेकिन अचानक उस कंपनी के कंप्यूटर की हार्डडिस्क का पूरा डाटा उड़ गया और बाद में कंपनी पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कंपनी की सेवा बंद कर दी गई थी।
बाबुओं का होने वाला था तबादला
नगर निगम के टैक्स विभाग में आग लगने की वजह अधिकारी और कर्मचारी शॉर्ट सर्किट बता रहे हैं, लेकिन भीतर चर्चा कुछ और ही है। पता चला है कि तीन बाबुओं का वार्ड बदला जाने वाला था, लेकिन वे किसी भी हाल में वार्ड छोड़ने को तैयार नहीं थे। वहीं नगर आयुक्त और मुख्य कर निर्धारण अधिकारी ने इनके तबादले की लिस्ट तैयार कर ली थी। आग लगने के पीछे नगर निगम में इस बात भी बहुत चर्चा है।
कोतवाली में पड़ी तहरीर
टैक्स विभाग में आग लगने के बाद पार्षदों का दबाव पड़ने पर शुक्रवार को मुख्य कर निर्धारण अधिकारी रबीस चंद ने कोतवाली में तहरीर देकर जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि कई लोग ये कह रहे थे कि आग साजिश के तहत लगाई गई है। इस आरोप के बाद हम लोगों ने खुद ही तय किया है कि नगर निगम के टैक्स विभाग में लगी आग की जांच पुलिस से कराई जाए। इसलिए कोतवाली में तहरीर दी गई है ताकि पुलिस की स्पष्ट जांच से सभी लोग संतुष्ट हो जाएं।
नगर निगम के टैक्स विभाग में आग लगी। लेकिन सिर्फ कुछ अलमारियों के ही रिकॉर्ड जले। यह संदेह पैदा करता है। वहां मौजूद लोगों ने बताया कि आग शॉर्ट सर्किट से लगी है। लेकिन घटना स्थल पर कोई भी ऐसा तथ्य नहीं मिला, जिससे लगे कि आग शॉर्ट सर्किट से ही लगी है। इस घटना में पूरी तरह से साजिश की बू आ रही है।
- मनीष सिंह, पार्षद व कार्यकारिणी सदस्य
आग के पीछे साजिश है। नगर निगम के अफसरों का इसे महज संयोग कहना अपनी करतूत छिपाने की साजिश है। अधिकारी इसका जवाब दें कि क्यों दो ही अलमारियों में आग लगी और शॉर्ट सर्किट किस तार से हुआ।
-जियाउल इस्लाम, पार्षद
टैक्स विभाग में आग लगना महज एक संयोग था। आग कैसे लगी, इसके लिए कोतवाली पुलिस को जांच के लिए पत्र लिख दिया गया है।
-रबीस चंद, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी