गोरखपुर (ब्यूरो)। मरीज को घबराहट शुरू हो गई और यह तब और बढ़ गई, जब डॉक्टर ने उसे बीआरडी मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया, लेकिन यहां पर उसे भर्ती नहीं किया गया। इसके बाद उसे प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां जांच कराने पर रिपोर्ट में प्लेटलेट काउंट 40 हजार था।
20 सितंबर को हुई पुष्टि
मेवातीपुर निवासी मिर्जा जहीर बेग का कहना है कि 20 सितंबर को डेंगू की पुष्टि हुई। उसका भाई जिला अस्पताल में भर्ती थे। वह चल फिर रहे थे। जब डॉक्टर ने रेफर किया तो हम लोगों ने उन्हें बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराने के लिए पहुंचे, लेकिन यहां भर्ती नहीं किया गया। थकहार कर सिटी के एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया। वहां डॉक्टर भी यह रिपोर्ट देखकर हैरान थे, क्योंकि इतनी कम प्लेटलेट्स होने पर मरीज चल फिर नहीं सकता। अगले दिन वहां जांच की गई तो प्लेटलेट्स काउंट 40,000 निकला, जो उसके दूसरे दिन बढ़कर 80,000 हो गया। अब वह धीरे-धीरे स्वस्थ्य हो रहे हैं।
पहले भी आ चुकी है संदिग्ध रिपोर्ट
कुछ दिन पूर्व बिछिया के एक व्यक्ति ने बेटी को फीवर होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। विडाल टाइफाइड जांच रिपोर्ट निगेटिव आई तो डॉक्टर ने दो दिन बाद डिस्चार्ज कर दिया, लेकिन फीवर फिर चढ़ गया और पूरे शरीर में दर्द होने लगा। दो दिन बाद निजी अस्पताल में भर्ती होने पर दोबारा जांच की गई तो विडाल रिपोर्ट पॉजिटिव आई। टाइफाइड की दवा चली और बेटी ठीक हो गई। बिछिया के एक अन्य व्यक्ति के पेट दर्द होने पर पत्नी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। अल्ट्रासाउंड जांच में सबकुछ सामान्य आया, लेकिन पेट दर्द कम नहीं हो रहा था। निजी रेडियोलॉजी सेंटर पर जब उन्होंने अल्ट्रासाउंड कराया तो किडनी में पथरी निकली।
रेफर करने की बात गलत है। क्योंकि यहां 10,000 प्लेटलेट्स वाले का भी इलाज किया गया और वह ठीक होकर घर गया। डेंगू मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
- डॉ। राजेंद्र ठाकुर, एसआईसी जिला अस्पताल