- कहीं पाटा कूड़ा तो कहीं बना ली पार्किंग
- बदहाल प्राइमरी शिक्षा, भुगत रहे नौनिहाल
GORAKHPUR: शहर में प्राइमरी एजुकेशन भगवान भरोसे है। कहीं स्कूल के आसपास नगर निगम ने कूड़ा पाट दिया है, तो कहीं किराये के भवन में अरसे से स्कूल चल रहे हैं। हद तो यह है कि कक्षा एक से लेकर पांचवीं तक के बच्चे एक ही कमरे में पढ़ रहे हैं। स्कूलों की इस बदहाली पर अब तक किसी अफसर की नजर नहीं पड़ रही। स्कूलों में तैनात टीचर्स पढ़ाने के बजाय संसाधनों का रोना रो रहे हैं। टीचर्स का कहना है कि गार्जियन ध्यान देते नहीं, लंच के बाद बच्चे स्कूल से जबर्दस्ती भाग जाते हैं।
कूड़ा गिराकर पाट दिया स्कूल
जूनियर हाईस्कूल झरवा
तैनात टीचर्स : तीन
छात्रों का रजिस्ट्रेशन : 42
छात्रों की उपस्थिति : 17
जीएमसी अफसरों के अव्वल दर्जे की लापरवाही का इससे बढि़या नमूना कहीं नजर न आएगा। राप्ती नदी के बंधे से सटे जूनियर हाईस्कूल के पास जीएमसी की गाडि़यों ने कूड़ेदान बना दिया है। जून मंथ में स्कूल बंद था तो वहां जमकर कूड़ा पाट दिया गया। जुलाई में बच्चे स्कूल पहुंचे तो कूड़ा देखकर बिदक गए। टीचर्स ने इसका विरोध जताया के कुछ लोगों ने डरा-धमका कर चुप करा दिया। कूड़े की बदबू से विद्यालय में बैठना मुहाल है। ऐसे में छात्र क्या पढे़गे और टीचर्स क्या पढ़ाएंगे। आईनेक्स्ट टीम ने जब स्कूल के बारे में टीचर्स से पूछा तो वह तपाक से बोल पड़े। इस हाल में क्या पढ़ाई होगी साहब।
एक कमरे में चल रहा पूरा विद्यालय
उपप्राथमिक विद्यालय खूनीपुर प्राचीन
तैनात टीचर - दो टीचर, एक शिक्षामित्र
स्टूडेंट्स का रजिस्ट्रेशन: 111
उपस्थित छात्रों की संख्या: 65
और
प्राथमिक स्कूल बसंतपुर
स्टूडेंट्स का रजिस्ट्रेशन :140
उपस्थिति छात्रों की संख्या : 45
तैनात टीचर्स: तीन
प्राथमिक स्कूल में अंधेरा घुप था। दो कमरों में छात्र ठूंस-ठूंसकर भरे हुए थे। गर्मी से बेहाल टीचर पसीना पोछ रही थीं। दो कमरों में दो स्कूल चल रहे थे। एक कमरे में बंसतपुर प्राथमिक विद्यालय के बच्चे ठसाठस भरे हुए थे, जबकि दूसरे कमरे में उपप्राथमिक विद्यालय खूनीपुर प्राचीन के बच्चे पढ़ रहे थे। बच्चों की हालत बता रही है कि वह सिर्फ वजीफे और मिड डे मील के लिए स्कूल आते हैं। टीचर्स ने कहा कि यहां कभी-कभी सांप निकल जाते हैं। बंसतपुर प्राइमरी स्कूल की टीचर रेनुका ने बताया कि स्कूल की बिल्डिंग बनने की वजह से यहां पर स्कूल संचालित हो रहा है। स्कूल टीचर ने कहा कि आसपास का माहौल काफी खराब है। लोगों ने स्कूल की भूमि पर पार्किंग बना ली है। साहबगंज मंडी में आने वाले ट्रक के ड्राइवर्स का जमावड़ा लगा रहता है। टीचर्स ने बताया कि पानी बरसने पर छत टपकती है।
अरसे से किराये के भवन में पढ़ रहे बच्चे
प्राथमिक विद्यालय जुबिली ब्रांच
स्टूडेंट्स का रजिस्ट्रेशन : 128
उपस्थित छात्रों की संख्या : 60
तैनात टीचर्स : चार
प्राथमिक विद्यालय जुबिली अरसे से किराये के कमरे में चल रहा है। टीचर्स को भी पता नहीं है कि कितने सालों से विद्यालय का कितना किराया जमा हो रहा है। आईनेक्स्ट टीम पहुंची तो टीचर्स नाश्ता करती मिलीं। तीन कमरों में टाट और चटाई पर बच्चे बैठे थे। बच्चों की संख्या कम होने के संबंध पूछने पर एक टीचर कुछ बोलना चाह रही थीं, लेकिन सामने वाली मैडम उनको इशारे से चुप कराने में लगी रहीं। बातों-बातों में सामने आया कि पढ़ने वाले कुछ बच्चे अपने घरवालों के साथ मजदूरी करने चले जाते हैं। इसलिए बच्चों की संख्या कम रहती हैं। इसके बाद टीचर्स स्कूल की समस्या पर फोकस हो गईं। कहा कि खेलने-कूदने की कोई जगह नहीं है। बिजली कनेक्शन न होने से परेशानी होती है।
बीएसए से सीधी बातचीत
सवाल: सिटी के स्कूलों का इंस्पेक्शन होता है कि नहीं?
जवाब: समय- समय पर सभी स्कूलों की जांच कराई जाती है। इधर व्यस्तता के कारण जांच नहीं हो सकी।
सवाल: स्कूलों में बिजली कनेक्शन को लेकर क्या कार्रवाई हुई?
जवाब: कई स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं है। इसकी डिटेल जुटाई जा रही है। इस संबंध में निर्देश दिए जा चुके हैं।
सवाल: सिटी में स्कूलों की दशा गांव से भी खराब है। क्या इसकी जानकारी आप को है?
जवाब: ऐसा बिल्कुल नहीं है। स्कूलों में टीचर्स की तैनाती है। बच्चों की पढ़ाई लिखाई समुचित ढंग से हो रही है?
सवाल: एक एक कमरे में पूरा स्कूल चल रहा है। इसकी जानकारी किसी ने आप को दी?
जवाब: इस बात की कोई सूचना नहीं है। इसकी जांच कराई जाएगी। आखिर एक कमरे में कक्षा एक से पांच तक के बच्चे कैसे पढ़ रहे हैं।