- डॉक्टर केपी कुशवाहा को लेकर संशय बरकरार
- गवर्नमेंट से नहीं मिला आदेश, कोर्ट में मुकदमा
GORAKHPUR : बीआरडी मेडिकल कालेज में प्रिंसिपल की तैनाती को लेकर ऊहापोह बनी है। गवर्नमेंट से कोई आदेश न मिलने से नये प्रिंसिपल का कार्यभार संशय में पड़ा है। डॉक्टर्स और कर्मचारियों की नजर सात जुलाई को होने वाले कोर्ट के फैसले पर टिकी है। दो दिनों से मेडिकल कालेज कैंपस में सिर्फ इसी बात पर चर्चा हो रही है।
अभी तक नहीं आया गवर्नमेंट का आदेश
30 जून को मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डॉक्टर केपी कुशवाहा रिटायर हो गए। गवर्नमेंट से कोई नया आदेश न मिलने पर एक जुलाई को नये प्रिंसिपल ने कार्यभार ग्रहण किया। डॉक्टर केपी कुशवाहा ने खुद एनेस्थिसिया विभाग के एचओडी रहे डॉक्टर सुनील आर्या को कार्यभार ग्रहण कराया, लेकिन उनके पास कोई प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार नहीं हैं। इसके लिए गवर्नमेंट के ऑर्डर का इंतजार किया जा रहा है।
सात जुलाई को हाइकोर्ट में होगी सुनवाई
चिकित्सा शिक्षकों की रिटायरमेंट गवर्नमेंट ने 65 साल कर दी। गवर्नमेंट आर्डर के पहले रिटायर हो चुके चिकित्सा शिक्षक पढ़ा तो सकेंगे। लेकिन उनको कोई लाभ का पद, वित्तीय या प्रशासनिक अधिकार नहीं रहेगा। इसको लेकर पहले से रिटायर हो चुके चिकित्सा शिक्षक कोर्ट चले गए। हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दायर हुई। सात जुलाई तक कोई नया फैसला आने की उम्मीद है। यदि कोर्ट ने चिकित्सा शिक्षकों के पक्ष में फैसला दिया तो डॉक्टर केपी कुशवाहा की वापसी हो सकेगी।