- अंशू की गिरफ्तारी पर हर बार चर्चा में रहती है पूजा
- गोरखपुर मंडल में मददगारों पर कसेगा शिकंजा
GORAKHPUR: लखनऊ का नामचीन अंशू गोरखपुर में आवारा की तरह भटक रहा था। तीन दिसंबर की रात वह रेलवे स्टेशन पर भी देखा गया। यात्री बनकर उसने होटल में खाना खाया। इसके पहले उसने जाम भी छलकाए। फरारी में वह गोरखपुर शहर, चौरीचौरा, देवरिया सहित कई जगहों पर घूमता रहा। इस दौरान अपने काम के लिए कई लोगों से कांटेक्ट किया। देवरिया में उसने अपना ठिकाना बना लिया था।
ये पूजा कौन है? हर बार पूछते हैं पुलिसवाले
बिहार में अवैध असलहों के साथ गिरफ्तारी हो या फिर रंगदारी का मामला। लखनऊ के नामचीन को अरेस्ट करने के बाद हर बार एक सवाल अधूरा रह जाता है। गोरखनाथ में पकड़े जाने के बाद भी वह सवाल पुलिस के दिमाग में चलता रहा। अंशू उर्फ सुमित की जेब में ब्रांडेड कंपनी का पर्स मिला। उस पर पूजा का नाम लिखा था। इसके पहले भी वह जब पकड़ा गया था तो पूजा का नाम सामने आया। आखिर यह पूजा कौन है। इस सवाल का जवाब देने में अंशू भी कतराता रहा।
अकेले घूम रहा था नामचीन बदमाश
क्भ् हजार का इनामी बदमाश गोरखपुर में आराम से घूम रहा था। एसटीएफ गोरखपुर यूनिट ने दावा अकेले अंशू को अरेस्ट किया। सवाल खड़ा होता है कि आखिर इतना बड़ा बदमाश अकेले जाड़े की रात में कहां, किसलिए जा रहा था। जबकि भोपाल में पुलिसवालों पर हमला करने के बाद वह लग्जरी व्हीकल से फरार हुआ था। अंशु की गिरफ्तारी के बाद पुलिस कह रही है कि गोरखपुर में उसके मददगारों की तलाश की जा रही है। बिना किसी लिंक के वह सिटी में नहीं आ सकता।