-नगर निगम में निकले सफाई कर्मियों की बहाली में रिसर्च स्कालर भी कर रहे आवेदन

-1360 पदों की बहाली के लिए अब तक पहुंचे हैं 35 हजार आवेदन

-आवेदन करने की अंतिम तिथि 10 अगस्त

GORAKHPUR: अब डिग्री का क्या करे, मुझे तो बस कोई भी जॉब चाहिए। कितने दिनों से घर पर बैठू। थक गया हूं। यह कहना है गोरखपुर के युवाओं का। बेरोजगारी का दंश झेल रहे युवा अब नौकरी के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। तभी तो सफाई कर्मी की बहाली में रिसर्च स्कालर, इंजीनियरिंग, एमबीए, बीएड आदि डिग्रीधारी भी आवेदन कर रह रहे हैं। सोवमार को बारिश के बीच भिंगते हुए अभ्यर्थियों ने आवेदन जमा किए।

आवेदन करने आए अभ्यर्थियों में महिला अभ्यर्थी भी पीछे नहीं हैं। उनका मानना है कि जब घर में झाड़ू-पोछा लगाकर घर साफ-स्वच्छ रख सकते हैं तो क्या अपना शहर नहीं साफ कर सकते?

अंतिम तिथि करीब, आवेदनकत्र्ता की बढ़ी भीड़

गोरखपुर नगर निगम में सफाई कर्मचारियों की भर्ती में आवेदन जमा करने की मारामरी चल रही है। कुल 1360 पदों पर नियुक्ति होनी है। अब तक करीब 35 हजार से ऊपर आवेदन आ चुके हैं। आवेदन फॉर्म जमा करने की अंतिम तारीख 10 अगस्त है। फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि करीब आते देख जनपद के जितने भी मुख्य डाकघर, उप डाकघर हैं। वहां फॉर्म जमा करने को लेकर आवेदनकर्ताओं की जबरदस्त भीड़ बढ़ गई है। फॉर्म जमा करने के लिए सोमवार की दोपहर 12.30 बजे अचानक बारिश होने से सिविल लाइंस स्थिति मुख्य डाकघर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

बारिश होने के बाद भी लगे रहे लाइन में

इन अभ्यर्थियों के आगे बारिश भी बेबस नजर आ रही थी। मूसलाधार बारिश का भी असर लाइन में लगे महिला और पुरुष वर्ग के अभ्यर्थियों पर नहीं पड़ा। खुद बारिश में भिंगते रहे, लेकिन अपने आवेदन फॉर्म को प्लास्टिक से बचाते नजर आए।

चौंकाने वाले जवाब

आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने जब अभ्यर्थियों से सवाल किया कि आप इंजीनियरिंग, मेडिकल, पीएचडी, बीएड, एमएड आदि की डिग्री ले रखे हैं, आखिरकार क्या सोचकर संविदा सफाई कर्मी पद के लिए आवेदन कर रहे हैं। तो अभ्यर्थियों का जवाब था सरकार शिक्षा के साथ खिलवाड़ कर रही है। डिग्री बांट रही है, रोजगार नहीं दे रही है। सरकार जिस तरह से व्यावसायिक कोर्सेज को बढ़ावा दे रही है। ठीक इसी तरह इन व्यावसायिक कोर्सेज के अभ्यर्थियों को रोजगार भी मुहैया कराती तो हमें संविदा सफाई कर्मी के लिए आवेदन नहीं करना पड़ता। जब रिपोर्टर ने यह सवाल किया कि अगर आप संविदा कर्मी बन जाते हैं तो क्या आप शहर में झाड़ू लगाएं तो सभी ने एक सूर में जवाब दिया कि क्यों नहीं लगाएंगे, जब देश के प्रधानमंत्री झाड़ू लगा सकते हैं तो हम क्यों नहीं लगा सकते?

दिव्यांगों के लिए नहीं है अलग से काउंटर

जंगल अयोध्या प्रकाश गांव का रहने वाले गुड्डू कुमार (दिव्यांग) मुख्य डाकघर में संविदा सफाई कर्मी पद के लिए आवेदन करने आए थे। उनका कहना है कि इतनी भीड़ है कि वह अपना फॉर्म नहीं जमा कर पाए, डाक विभाग के उदासीनता के कारण न तो उनका फार्म जमा हो पाया और न ही डाक विभाग की तरफ से दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए कोई अलग से काउंटर बनाया गया है।

कोट्स

संविदा सफाई कर्मी के लिए आवेदन करने आई हूं, यही सोचकर आवेदन कर रही हूं कि संविदा पर नौकरी मिल जाएगी। क्या पता आगे चलकर रेगुलर भी हो जाए। बेरोजगारी है कुछ न तो कुछ तो करना ही पड़ेगा।

ममता यादव, रिसर्च स्कालर

झाड़ू लगाने में कोई बुराई नही है। लेकिन सरकार से इस बात की गुजारिश है कि वह प्रोफेशनल कोर्स वाले डिग्री धारकों के बारे में भी कुछ सोचे कम से कम इस बात का ख्याल रखे कि इन्हें भी रोजगार की जरूरत है। बेरोजगारी है, इसलिए आज संविदा पर सफाई कर्मचारी के लिए आवेदन कर रहा हूं।

दिलीप कुमार, बीएड