- मासूमियत देखकर पुलिस भी हुई दंग
- बडे़ रैकेट से जुड़े जालसाजी के तार
GORAKHPUR: सर ,हम लोगों को कुछ नहीं मालूम। स्कूलवालों ने हमारी कोई बात नहीं सुनी। वे पकड़कर थाने ले आए। हम लोग एक दूसरे को कतई जानते नहीं। अलग- अलग कमरों में एग्जाम दे रहे थे। यहां आने पर एक दूसरे से मुलाकात हुई। यह कहना था एसएससी के एग्जाम में पकड़े गए युवकों का, उनकी मासूमियत पर पुलिस भी यकीन नहीं कर पा रही थी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आए कैडीडेंट्स पर पुलिस अपना जोर भी नहीं दिखा पा रही थी। लेकिन उनके खिलाफ मिले सबूत उनको कटघरे में खड़ा करने के लिए काफी हैं।
सबको नौकरी की तलाश, चाहे जैसे मिल जाए
नकल का आरोपी सचिन खुद को बीए थर्ड ईयर पास बता रहा था। उसे इंटरमीडिएट में म्क् परसेंट मार्क्स मिले थे। उसका कहना था कि इस मामले की जानकारी यदि उनके घरवालों को हुई तो प्रॉब्लम हो जाएगी। वह बार- बार यही दुहाई देता रहा कि कोई उसकी बात सुन ले। क्ख्वीं पास अंकुर नौकरी पाने के लिए तैयारी कर रहा है। विवेक भी क्ख्वीं पास करने के बाद नौकरी की तलाश में लगा है। भ्क् प्रतिशत मार्क्स से इंटरमीडिएट करने वाले विवेक ने कहा कि वह सिर्फ चार- पांच प्रश्नों के सही ऑब्शन खोज पाया। तभी उसको नकल के आरोप में पकड़ लिया गया। लेकिन तीनों ने यह नहीं बताया कि उनको आखिर प्रश्नों के उत्तर किसने मुहैया कराए। पुलिस का कहना है कि वे नौकरी की तलाश में निकले हैं। चाहे जैसे गवर्नमेंट जाब मिल जाए।
तीन लाख मिले था, उत्तरों का पुलिंदा
पुलिस की जांच में देर रात खुलासा हुआ कि तीन- तीन लाख देकर युवकों ने बुकलेट सीरीज के उत्तर प्राप्त किए थे। 90 प्रतिशत प्रश्नों के उत्तर उनको पहले से मालूम हो गए। सेंटर पर वे आसानी से एग्जाम दे सके। इसकी सारी सेटिंग बागपत में कराई गई। कैडीडेट्स का सेंटर भी ऐसी जगहों पर रखा गया जहां एग्जाम में प्राब्लम न हो। गोरखपुर से जालसाजों के तार जुड़ने के संबंध में पुलिस जांच पड़ताल कर रही है। पुलिस का कहना है कि सभी लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की जाएगी।
पकड़े गए युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। बागपत जिले के युवकों का गोरखपुर में सेंटर होना पूरी प्रक्रिया को संदेह के घेरे में खड़ा करता है। इसमें कोई बड़ा रैकेट काम कर रहा है। गोरखपुर में इसके तार किससे जुड़े हैं। इसकी जांच पड़ताल की जाएगी।
रामकृष्ण भारद्वाज, एसएसपी