- 12 साल में नहीं चालू हो पाई पानी की टंकियां

- राप्तीनगर फेज-4 कॉलोनी उलझ गई दो विभागों के बीच

GORAKHPUR : नगर निगम और गोरखपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी के बीच में जो फंसा, उसका मामला लटक ही जाता है। दो विभागों में बीच में फंसकर क्ख् साल से राप्तीनगर फेज-ब् के निवासियों को वाटर सप्लाई नहीं हो पा रही। स्थानीय पार्षद दोनाें विभाग में दर्जनों बार लिखित कंप्लेन करके ट्यूबवेल चालू करने को कह चुके हैं, लेकिन जीडीए और नगर निगम दोनों अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते हैं। जीडीए का कहना है कि यह कॉलोनी जीएमसी को हस्तांतरित हो गई है तो नगर निगम कहता है कि जीडीए ने जिस हालत में ट्यूबवेल और पानी की टंकियां हैंडओवर की थी, वो चलने लायक नहीं थी। इस धींगामुश्ती में बेचारी पब्लिक प्यासी है।

बनाकर दे दी, टेस्ट नहीं किया

जीडीए ने ख्000 में राप्तीनगर फेज-ब् कॉलोनी को विकसित किया। ख्00फ् में यह कॉलोनी नगर निगम को हस्तांतरित हो गई। उस समय जीडीए ने नवल्स एकेडमी के पीछे, रेल विहार और राणा अस्पताल के पीछे पानी की तीन टंकियां बनाई थी। जीडीए ने टंकियों में नलकूप लगाकर तो दे दिया, लेकिन पानी भरकर जांच नहीं की गई। आज तक टंकी में पानी भरा ही नहीं गया। घरों में जलकल की टोंटियां लगी तो हुई हैं, लेकिन उनमें पानी नहीं आता। स्थानीय पार्षद गेंदा देवी का कहना है कि वे दर्जनों बार नगर आयुक्त को और ब् बार बोर्ड की बैठक में इन टंकियों को मुद्दा बना चुकी हैं, लेकिन जलकल विभाग के अफसर सुनते ही नहीं। स्थिति यह है कि टंकियों पर लगे ट्यूबवेल तक खराब हो गए हैं, लेकिन पानी सप्लाई नहीं शुरू की गई।

दर्जनों बार कंप्लेन की जा चुकी है। पब्लिक की प्रॉब्लम न जीडीए सुनता है, न नगर निगम। पब्लिक की शिकायत है कि वो वाटर टैक्स देती है तो पानी क्यों नहीं मिलता?

चंदू पासवान, पार्षद प्रतिनिधि, वार्ड नं 9 चरगांवा

पानी की टंकियां चालू कराने में काफी खर्च आने वाला है। इसका इस्टीमेट बनाया जा रहा है। संभावना है कि मई-जून में पानी की टंकियां चालू कर दी जाएगी।

पीएन मिश्रा, जेई व सूचना अधिकारी, जलकल

पानी की टंकियां सही हैं नगर निगम को इसको चालू करना चाहिए। नगर निगम पानी की सप्लाई क्यों नहीं कर रहा है, यह नगर निगम के लोग ही बता सकते हैं।

हरिचरण, सचिव, जीडीए