- अस्पताल में मुंबई के फिल्म स्टार्स की रहती है भरमार
- रंगदारी की रकम पहुंचाकर व्यापारी करते रहे मदद
- यूपी एसटीएफ ने अहमदाबाद में किया गिरफ्तार
GORAKHPUR: उत्तर प्रदेश पुलिस का मोस्ट वांटेड चंदन सिंह बुधवार की रात गुजरात के अहमदाबाद में पकड़ा गया। यूपी एसटीएफ और अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के ऑपरेशन में पुलिस ने उसे गीता बस स्टॉप के पास धर दबोचा। व्यापारी बनकर वह अहमदाबाद में फर्जी आईडी पर फ्लैट लेकर छिपा था। उसकी लोकेशन ट्रैक होने पर एसटीएफ पीछे लगी थी। 31 मई को आगरा के मेडिकल कॉलेज से फरार चंदन अपनी लोकेशन बदलकर पुलिस को चकमा दे रहा था। हालांकि उससे जुड़े लोगों को नेटवर्क पर लेकर पुलिस उस तक पहुंचने में कामयाब रही। एसटीएफ की कामयाबी पर डीजीपी जावीद अहमद ने टीम को बधाई दी है। फरारी के दौरान चंदन सिंह ने मुंबई के फेमस लीलावती अस्पताल में इलाज कराया था। उसके पास से चार मोबाइल फोन, नौ हजार रुपए, एक एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं।
पेट दर्द का कराया था इलाज
गोरखपुर जिले के चिलुआताल एरिया के कुशहरा गांव का चंदन सिंह बदायूं जेल में बंद था। पेट में दर्द की शिकायत होने पर इलाज के लिए उसे एसएन मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराया गया। 31 मई की शाम करीब चार बजे पुलिस कर्मचारियों को चकमा देकर वह फरार हो गया। करीब तीन घंटे तक उसकी तलाश करने के बाद ड्यूटी में लगे पुलिसवालों ने अधिकारियों को जानकारी दी। उसके खिलाफ आगरा के एमएम गेट थाने में पुलिस अभिरक्षा से भागने का मामला दर्ज करके पुलिस तलाश में जुट गई। डीजीपी ने कुख्यात चंदन के खिलाफ 50 हजार का इनाम घोषित किया। गोरखपुर से जुड़ाव होने की वजह से एसटीएफ गोरखपुर यूनिट उसके बारे में जानकारी जुटाने में लगी रही। प्रदेश की एसटीएफ हर जगह से उसके संबंध में इनपुट इकट्ठा करती रही। आखिर में उसकी लोकेशन अहमदाबाद के रिहायशी इलाके में मिली। एसटीएफ यूपी ने अहमदाबाद की क्राइम ब्रांच से संपर्क साधकर मदद मांगी। कई दिनों तक खाक छानने के बाद पुलिस ने बुधवार की रात उसे अरेस्ट कर लिया।
50 लाख से अधिक वसूली रंगदारी
पुलिस का कहना है कि फरारी के दौरान चंदन को अपनी सेहत की चिंता थी। देवरिया में ट्रेन से कूदकर भागने के चक्कर में उसके पेट में जख्म हो गया। ठीक ढंग से इलाज न मिलने पर उसकी हालत बिगड़ती चली गई। इसलिए उसने आगरा मेडिकल कॉलेज में उपचार कराने की साजिश रची। मेडिकल कॉलेज से निकलकर उसने बस पकड़ ली। सीधे दिल्ली पहुंचकर छिप गया। इस दौरान वह अपनी लोकेशन बदलकर रहने लगा। कुशीनगर, लखनऊ, इलाहाबाद, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, जयपुर, मुंबई, तमिलनाडु, केरल, और नेपाल में शरण लेता रहा। जेल के पुराने साथियों के अलावा उसने अपने परिचित रिंकू सिंह की मदद ली। फरारी के दौरान वह बिल्डर्स, भू माफियाओं और प्रॉपर्टी डीलर्स, बिजनेसमैन को फोन करके रंगदारी मांगने लगा। उसके बारे में जानकारी मिलने के बावजूद पुलिस हाथ मलकर रह जा रही थी। करीब एक पखवारे पहले से चंदन की सटीक लोकेशन अहमदाबाद में मिलने लगी। इसके बाद से एसटीएफ की हरकतें बढ़ गई।
गोरखपुर से मंगाए रुपए
पुलिस ने दावा किया कि तीन माह पहले चंदन ने सरसपुर, इंडिया बुल में अजय सिंह नाम के व्यक्ति की फर्जी आईडी से टू बीएचके का फ्लैट किराए पर लिया। वह खुद को व्यापारी बताकर वहां रहने लगा। हालत में सुधार होने पर वह अपनी गतिविधियों को एक्टिव करने में लग गया। वहां से सिवान जाकर चर्चित सतीश पांडेय और अजहर भाई से मिलकर एके 47 का सौदा तय किया। अहमदाबाद में एक हफ्ते रुककर वह कई जगहों पर घूमकर नेटवर्क बढ़ाने में लगा रहा। फरारी के दौरान उसने मुंबई के फेमस अस्पताल लीलावती में भी इलाज कराया। इलाज के लिए गोरखपुर शहर के एक प्रॉपर्टी डीलर ने उसे 10 लाख रुपए की रंगदारी दी थी। मुंबई के फिल्मी सितारों का दुख-दर्द दूर करने वाले इस अस्पताल में चंदन के मौजूद होने का अंदाजा लगा पाना पुलिस के लिए काफी मुश्किल था। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि अपनी लोकेशन छिपाने के लिए किसी रूट पर जाने वाली गाडि़यों पर मोबाइल फेंक देता था। जिससे उसकी तलाश में काफी भटकना पड़ा।
47 मुकदमे दर्ज, माफिया में शामिल
गांव के विवाद में हत्या के मामले में आजीवन कारावास का कैदी चंदन सिंह दोबारा फरार हुआ था। 12 अगस्त 2013 को गोरखपुर से देवरिया लौट रहा चंदन सिंह ट्रेन से कूदकर भाग निकला। बड़हलगंज में व्यापारी से हुई लूट में शाहपुर एरिया से पुलिस ने उसे अरेस्ट किया था। फरारी के बाद उसकी सक्रियता बढ़ने पर बाराबंकी पुलिस ने 17 जुलाई 2013 को अरेस्ट किया। वर्ष 2006 से अपराध जगत में सक्रिय चंदन सिंह के खिलाफ 47 से अधिक लूट, मर्डर, लूट सहित कई हीनियस क्राइम के मामले दर्ज हैं। जंगल कौडि़या ब्लॉक से बीडीसी सदस्य रहे चंदन की राजनीतिक पैठ भी है। गोरखपुर पुलिस के रिकॉर्ड में चंदन और उसका गैंग आपराधिक माफिया गिरोह के रूप में रजिस्टर्ड है।
वर्जन
चंदन सिंह की तलाश में एसटीएफ की टीम लगी थी। उसकी गिरफ्तारी के लिए अहमदाबाद गई टीम को कामयाबी मिली। गोरखपुर के व्यापारियों और प्रॉपर्टी डीलर्स से उसने रंगदारी वसूली है।
- विकास चंद त्रिपाठी, एएसपी, एसटीएफ