गोरखपुर (ब्यूरो)।सभी को एक नजर से देखना चाहिए। तभी पूरा शहर चमकेगा और सभी वार्ड की पब्लिक भी खुशहाल रहेगी। वार्ड की समस्याओं को जो दमदारी से रख सके। ऐसा ही नेता पब्लिक को चुनना चाहिए। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से सिविल लाइन स्थित आरपीएम एकेडमी में सोमवार को चुनाव को लेकर एक परिचर्चा कराई गई, जिसमे सभी टीचर्स ने अपनी बातें दमदारी से रखीं। सिविल लाइन 1 एरिया वार्ड 79 की समस्याओं को प्वाइंट आउट किया गया। साथ ही वार्ड में स्ट्रीट लाइट जलने और यूरिनल व्यवस्था पर जोर दिया गया।
चेहरा बदलने वालों से सावधान
परिचर्चा के दौरान आरपीएम एकेडमी सिविल लाइन की प्रिंसिपल लता द्विवेदी ने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि चुनाव के समय में नेताजी घर तक आते हैं। जब जीत जाते हैं तो समस्या लेकर उनके घर जाओ तब इग्नोर कर देते हैं। ऐसे चेहरे बदलने वाले नेता को हमें पहचानना होगा। नहीं तो पांच साल हमें पछताना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि एक पढ़ा लिखा नेता जो वार्ड के दर्द को समझता हो और उसे दूर करने का प्रयास करे। ऐसे ही कैंडिडेट को चुनाव में वोट देना चाहिए।
योजनाओं को घर-घर पहुंचाए
टीचर हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि ये एक दिन का चुनाव नहीं बल्कि पांच साल का इलेक्शन है। एक बार अगर गलती हो गई तो उसे सुधारने में पांच साल लग जाते हैं। वार्ड का पार्षद बनने के लिए ये सबसे जरूरी है कि उसे सरकार की योजनाओं का पता हो। वो इलेक्शन जीतकर हर घर जो पात्र हो उसे सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाए। सरकार की योजनाएं बहुत आती हैं। लेकिन अच्छा जनप्रतिनिधि ना होने की वजह से उसमे बंदरबांट हो जाती है। ऐसा ना हो। इसलिए हमे अवेयर होना होगा।
पब्लिक टैक्स देती है, सुविधा तो दें
टीचर संजीव पाण्डेय ने कहा कि हर कॉलोनी में स्ट्रीट लाइट, पार्क, सड़क, पार्किंग जैसी मूलभूत सुविधाएं होनी चाहिए। पब्लिक नगर निगम में टैक्स भरती है। टैक्स भरने के बाद भी उसे सड़क टूटी, नाली जाम और पानी लापता जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है तब वो खुद का ठगा महसूस करती है। इसलिए चुनाव में वोट करते समय पब्लिक को खुद का लाभ नहीं बल्कि समाज के फायदे को सोचना चाहिए।
हमारे वार्ड और शहर की समस्याओं को समझने वाले कैंडिडेट को ही हमारा समर्थन होगा। पब्लिक को वोट ठोक बजाकर ही देना चाहिए। एक बार मौका हाथ से जाने के बाद पांच साल पछताना पड़ता है।
लता द्विवेदी, प्रिंसिपल
शासन की योजनाओं की जानकारी चुनाव लडऩे उतरे प्रत्याशी को होनी चाहिए। ये पब्लिक को भी देखना चाहिए कि वो जिसको नेता चुनने जा रही है वो कितना जानकार है, वो वार्ड या शहर के लिए क्या कर सकता है।
हिमान्शु श्रीवास्तव, टीचर
शहर की कई कॉलोनियां अभी ऐसी हैं, जहां पर वाटर सप्लाई ही नहीं चालू हो पाई। सड़क, नाली और पानी इसके लिए पब्लिक टैक्स जमा करती है। इसलिए ऐसी प्रॉब्लम को इग्नोर नहीं किया जाना चाहिए।
संजीव पाण्डेय, टीचर
शहर के अंदर कुछ चौराहों को छोड़ दिया जाए तो कई चौक गलियां अभी भी जाम का झाम झेल रही हैं। शहर की सबसे पुरानी परेशानी है इसे जनप्रतिनिधियों को समझना चाहिए। इसका समाधान करना चाहिए।
प्रवेश कुमार त्रिपाठी, टीचर
सिटी में ट्रांसपोटेशन की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। महिलाओं को कहीं भी जाने में सोचना ना पड़े। नगर निगम को इस तरफ भी ध्यान देना चाहिए। पब्लिक अच्छा नेता चुनेगी तो उसका रिजल्ट भी बेहतर होगा।
सूत्रिप्ता, टीचर
सबसे जरूरी है कि हर घर में शुद्ध और साफ पानी नगर निगम अवेलबल कराए। इसके साथ ही सड़क और नाली दुरुस्त होने चाहिए। समय पर काम सारे होते रहे तो पब्लिक परेशान नहीं होगी।
बलजीत गौड़, टीचर
शहर की सरकार को सोचना होगा कि जब पब्लिक टैक्स भर रही है तो उसे मिलने वाली सुविधा में परेशानी ना आए। पब्लिक ने उन्हें सरकार बनाया है तो उनकी भी रिसपांसबिल्टी है कि वो जनता का हित सोचें।
अजय साहू, टीचर
सिटी के अंदर कई जगह नए-नए निर्माण हुए हैं। इसके बाद सड़कें खोदकर छोड़ दी गई हैं। पब्लिक को आने जाने में इससे परेशानी होती है। जनप्रतिनिधियों को हर परेशानी को समझना होगा। ऐसा ही नेता पब्लिक को भी चुनना चाहिए।
तान्या सिंह, टीचर
सिविल लाइन 1 एरिया (वार्ड 79) का मुद्दे क्या है
1. यहां पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। कॉमर्शियल और स्कूली एरिया होने के कारण सड़कों पर वाहनों का बोझ रहता है। दोपहर के समय पैदल आवागमन मुश्किल हो जाता है।
2. सिविल लाइन 1 एरिया की सड़कों पर रेहड़ी और ठेले वालों का डेरा है। इससे क्षेत्र में गंदगी का भी आलम अक्सर देखने को मिलता है।
3. सिविल लाइन एरिया में महिलाओं के लिए यूरिनल की व्यवस्था नहीं है। पिंक टॉयलेट न होने से क्षेत्र में आने वाली महिलाओं को असुविधा होती है।
4.
पिछले पांच साल में आपके वार्ड पार्षद का काम कैसा रहा
25 परसेंट बहुत अच्छा
30 परसेंट अच्छा
35 परसेंट औसत
10 परसेंट खराब
3 काम जो वार्ड में चाहते हैं
1. इस एरियाज में महिलाओं के लिए यूरिनल की व्यवस्था हो।
2. पार्किंग की व्यवस्था हो।
3. सुरक्षा के लिहाज से सड़क की सभी स्ट्रीट लाइटें जलें।