- फ्रेंडशिप डे और रक्षाबंधन के मद्देनजर गिफ्ट्स के लिए ऑनलाइन परजेजिंग का बढ़ा दायरा
- करोड़ों में पहुंचा बिजनेस, 5 सालों में 1 अरब का आंकड़ा पार करने की उम्मीद
बर्थडे हो, एनिवर्सरी या फिर फेस्टिव ऑकेजन, अजीजों को गिफ्ट देना तो बनता है। घर बैठे अपने चाहने वालों को गिफ्ट देने के लिए भला वर्चुअल मार्केट के बेहतर ऑप्शन कौन हो सकता है। लोगों की आसानी और घर बैठे ढेरों शॉपिंग करने की आजादी ने ही वर्चुअल मार्केट को रफ्तार दे दी है। पीटीआई के एक सर्वे के मुताबिक 2015 में ऑनलाइन यूजर्स की तादाद 4 करोड़ से बढ़कर 6.5 करोड़ पहुंच जाएगी। इसमें बिजनेस के आंकड़ों पर नजर डाली जाए, तो मौजूदा आंकड़ा जोकि 17 लाख करोड़ रुपए का है, जोकि आने वाले 5 सालों में 35 परसेंट के उछाल के साथ 100 लाख करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएगा।
चंद मिनट और शॉपिंग फटाफट
'ऑनलाइन शॉपिंग', दो साल पहले अनजान सा वर्ड इन दिनों छोटे से लेकर बड़े तक की जुबां पर है। एक जगह बैठकर चंद क्लिक पर जरूरत के हर सामान आपके घर पहुंच जा रहे हैं। इसके लिए न तो किसी के आने का इंतजार करना और न ही कहीं जाने की ही जरूरत है। ऐसे में ऑनलाइन शॉपिंग फीमेल्स की तादाद सबसे ज्यादा है। बैंक में काम करने वाली कीर्ति की मानें तो पूरे हफ्ते ऑफिस में ही बिजी रहने के बाद वीकेंड पर इतनी हिम्मत नहीं होती कि शॉपिंग के लिए कहीं जा सकूं। इसलिए ऑनलाइन शॉपिंग की हेल्प से अपनी पंसद की चीजें ऑर्डर कर देती हूं। इससे टाइम भी बचता है और रिलैक्स भी कर लेती हूं। वहीं पढ़ाई कर रहे राज की मानें तो वर्चुअल मार्केट में जितने सारे ऑप्शंस मौजूद हैं, दुकानों पर वह नहीं मिलने। इसके साथ ही बेस्ट डील और कनसेशन भी मिल जाता है। इसलिए में इसे प्रिफर करता हूं।
सबकुछ बिकता है
- बुक्स जोकि सबसे अच्छी दोस्त कहलाती हैं, इसने भी ऑनलाइन मार्केट में सबसे ज्यादा बिजनेस किया है। 2014 में 60 करोड़ से भी ज्यादा बुक्स सेल हुई हैं।
- कंप्यूटर हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर बेचने वाली साइट्स भी रोज करीब 10 लाख नए कंज्यूमर्स को प्रॉडक्ट सेल कर रहे हैं।
- मोबाइल फोन हो, लैपटॉप, कंप्यूटर या कैमरा लाखों की तादाद में लोग बेझिझक इन्हें अपने घर मंगवा रहे हैं।
- 2014 में क्लॉथ मार्केट ने भी खासा बिजनेस किया है। इस दौरान टोटल 1 अरब डॉलर के कपड़ों की खरीदारी हुई।
- बच्चों के खिलौने व वीडियो गेम्स ने भी 50 करोड़ डॉलर की सेल कर ॉनलाइन बाजार में अपनी पैठ बनाई हुई है।
- इसके अलावा डीवीडी, हेल्थ व ब्यूटी प्रॉडक्ट्स, म्यूजिक और च्वैलरी की भी बहुत डिमांड है।
- घर हो या फिर जमीन, वर्चुअल वर्ल्ड में इसकी भी काफी डिमांड रही है, गोरखपुर में भी पादरी बाजार और तारामंडल एरियाज में 2 लाख से 2.5 करोड़ तक की जमीनें बिक रही हैं।
सेकेंड हैंड का है जमाना
ऑनलाइन शॉपिंग में जहां नए आइटम्स के खरीदारों की बड़ी तादाद है, वहीं सेकेंड हैंड आइटम्स लेने वालों की भी कमी नहीं है। इसमें सबसे ज्यादा फायदा सेकेंड हैंड शॉपिंग मार्केट को हुआ है। आज फर्नीचर से लेकर किताबें, कार या अन्य गैजेट्स तक सबकुछ सेकेंड हैंड में ऑनलाइन अवेलबल है। जहां ओएलएक्स डॉट इन पर 46.8 लाख आइट्म्स है तो वहीं क्विकर डॉट कॉम पर 1.15 करोड़ से ज्यादा प्रॉडक्ट्स अवेलबल हैं। हर रोज लगभग 5 लाख से ज्यादा खरीदार इन साइट्स पर विजिट करते है।
सेकेंड हैंड आइटम्स के लिए कुछ फेमस ऑनलाइन साइट्स -
जिसमें ईबे डॉट इन
क्विकर डॉट कॉम
ओएलएक्स डॉट इन
क्वर्की डॉट कॉम
ऑल इंडिया बाजार
कारट्रेड डॉट कॉम
सबसे बेस्ट डील क्यों?
एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में यूजर्स को फायदा देने में लगी हुई हैं। एंड ऑफ सीजन सेल, कैशबैक, फ्री शॅापिंग कूपन, हर समय चलने वाले डिस्काउंट के थ्रू वह लोगों तक पहुंच बनाने में लगे हुए हैं। पे यू मनी 1 प्रतिशत बढ़कर डिस्काउंट देता है, तो कहीं फ्री कूपन मिल रहे हैं। इस बढ़ते ट्रेंड का अंदाजा तो आप इसी से लगा सकतें हैं कि पिछले साल 6 अक्टूबर को आए फ्लिपकार्ट के बिग बिलियन डे पर उन्होंने 99 प्रतिशत की भारी छूट दी थी, जिसमें 10.5 लाख लोगो ने एक साथ खरीदारी की थी। इसकी वजह से साइट पर इतना लोड बढ़ गया कि साइट ही क्रैश हो गई थी।
बिजी लाइफ में शॉपिंग के लिए वक्त नहीं निकाल पाती हूं, इसलिए मेरे लिए ऑनलाइन शॉपिंग ऑप्शन बेस्ट है। घर बैठे जो पसंद आया, उसे ऑर्डर कर मंगवा लेती हूं।
- अर्चना महाजन, टीचर
मुझे ऑनलाइन शापिंग से काफी रिलैक्सेशन मिला है। मुझे न तो घर छोड़कर इधर-उधर जाना पड़ता है और न ही किसी का इंतजार करना पड़ता है। बस जब मूड किया, तो शॉपिंग शुरू कर दी।
- आस्था श्रीवास्तवा, इंजीनियर
मुझे वीडियो गेम्स और किताबें खरीदना बहुत पसंद है। इसलिए मैं ऑनलाइन शॉपिंग को ही प्रिफर करता हूं। इसमें मुझे वेराइटी मिल जाती है। वहीं सेकेंड हैंड ऑप्शन भी अवेलबल है।
- अस्तित्व श्रावास्तव, स्टूडेंट
मेरे लिए तो ऑनलाइन शॉपिंग मेरी हर छोटी बड़ी जरुरत को पूरा करने का साधन है। मैं कुछ भी खरीदने से पहले उसकी ऑनलाइन जांच करता हूं, उसके बाद ही प्रॉडक्ट परचेज करता हूं।
- माधवेन्द्र राज, लेक्चरर