- जेल में गैंगवार से पुलिस को मिला सुराग

- दो बदमाशों को अरेस्ट करके पुलिस ने किया खुलासा

GORAKHPUR: जेल में बंद विनोद उपाध्याय अपना दबदबा कायम करना चाहता था। इसलिए उसने अपने सहयोगियों से डिप्टी जेलर पर हमला कराया। उसके इशारे पर बंदी रक्षक की वर्दी उतारी गई। यह खुलासा एसएसपी प्रदीप कुमार ने फ्राइडे को किया। बताया कि विनोद के इशारे पर काम करने वाले दो बदमाश पकड़े गए हैं। क्राइम ब्रांच ने उनके पास से बंदी रक्षक की वर्दी, चाकू, मोबाइल सहित अन्य सामान बरामद हुए। पकड़े गए बदमाशों पर आधा दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। एसएसपी ने पुलिस टीम को पांच हजार का इनाम दिया।

पहले डिप्टी जेलर पर हमला, फिर बंदी रक्षक पर

गोरखपुर में तैनात रहे डिप्टी जेलर राजेश मौर्या का आवास कैंपस में है। क्8 दिसंबर की रात डिप्टी जेलर के घर में घर में एक बदमाश पहुंचा। पिस्टल सटाकर स्कूटी की चाबी ले ली। जानमाल की धमकी देकर नकदी, ज्वेलरी, मोबाइल और सरकारी रिवाल्वर लेकर फरार हो गया। इस घटना से पुलिस महकमा दहल गया। तभी यह बात सामने आई कि जेल के भीतर से साजिश रची गई है। कुछ दिनों बाद असुरन के पास डिप्टी जेलर की स्कूटी छोड़कर युवक भाग गया। स्कूटी का कलर चेंज कर दिया गया था। लेकिन पुलिस को बदमाश के बारे में कोई सुराग नहीं मिला। छह मार्च की रात फिर घटना हुई। टॉवर पर ड्यूटी कर रहे बंदी रक्षक की वर्दी बदमाश ने उतरवा ली। असलहा सटाकर मंकी कैप पहने बदमाश ने वारदात की। दूसरे टॉवर पर मौजूद होमगार्ड को भी हड़काया। इस वारदात से हड़कंप मच गया। दोनों मामले में एक ही बदमाश पर पुलिस को शक हुआ।

क्राइम ब्रांच की टीम को मिली कामयाबी

शास्त्री चौराहे पर स्थित होटल पर हुई मारपीट में महाजन नाम का व्यक्ति पकड़ा गया। सहजनवां के पूर्व प्रमुख जेल में सजा काट रहे प्रदीप सिंह का करीबी महाजन जेल में पहुंचा। तभी डिप्टी जेलर पर हमले को लेकर विनोद उपाध्याय से कहासुनी हो गई। इसको लेकर प्रदीप सिंह और विनोद उपाध्याय भिड़ गए। इस मामले में विनोद उपाध्याय महाजन को दोषी ठहरा रहा था। जेल में हुई मारपीट की जांच में पुलिस को बदमाशों के बारे में सुराग मिला। पुख्ता सबूत मिलने पर क्राइम ब्रांच के सीआईयू प्रभारी राजेश मिश्र, एसओ शाहपुर अनिल उपाध्याय, सर्विलांस सेल प्रभारी धर्मेद्र कुमार, एसआई राजेंद्र प्रसाद, कांस्टेबल वीपेंद्र मल्ल, शशिकांत राय, रशीद अख्तर, सनातन सिंह, प्रदीप कुमार, अमित कुमार और संजय पांडेय की टीम बदमाशों की तलाश में लग गई। पुलिस ने शाहपुर एरिया के घोषीपुरवा, पुरानी मस्जिद निवासी सैफ अली उर्फ सोनू, सुडि़याकुंआ बशारतपुर निवासी विजय कुमार उपाध्याय को अरेस्ट किया। उनके पास से पिस्टल, दो कारतूस, एयर पिस्टल, एक भुजाली, मोबाइल, वर्दी, सोने की चेन, पायल, मंकी कैप और पिट्ठू बैग बरामद हुआ।

विनोद के कहने पर किया था हमला

जेल में बंद विनोद उपाध्याय ने डिप्टी जेलर पर हमला कराया था। विनोद के साथ हत्या के मामले में पहले जेल जा चुके विजय उपाध्याय ने वारदात कराई। वह अपने साथ शाहपुर के सैफ अली को लेकर पहुंचा। सैफ अली डिप्टी जेलर के घर में घुस गया। वारदात के बाद स्कूटी लेकर चले गए। बाईपास रोड पर एक दुकान पर सैफ ने स्कूटी का कलर चेंज करा दिया। असुरन के पास एक्सीडेंट होने पर स्कूटी छोड़कर भाग गया। दोबारा विजय उपाध्याय और सैफ अली टावर पर गए। वहां सैफ अली खिड़की से टॉवर पर चढ़ गया। वर्दी उतरवाने के बाद दोनों फरार हो गए।

घोष कंपनी के पास बाक्स बनाता है सोनू

घोष कंपनी चौराहे के पास सोनू बाक्स बनाता है। दो भाइयों में छोटे सोनू को नशे की लत है। वह दवाओं की डोज लेता है। दवा लेने के बाद किसी का मर्डर कर सकता है। वह खुद के हाथ पांव भी काट सकता है। ख्0क्0 में वह जेल से भाग चुका है। सैफ के खिलाफ शाहपुर थाना में हत्या, हत्या करके डेड बॉडी छिपाने सहित कई धाराओं में सात मामले दर्ज हैं। उसका सहयोग विजय उपाध्याय पुराना शातिर है। विजय के खिलाफ शाहपुर, गोरखनाथ और कुशीनगर जिले के हनुमानगंज थाने में हत्या, हत्या के प्रयास, लूट सहित केसेज हैं। वर्ष ख्009 में हत्या के मामले में विजय और सोनू एक साथ जेल गए थे।

क्राइम ब्रांच की सीआईयू टीम और शाहपुर पुलिस ने गुडवर्क किया है। कामयाबी पर पांच हजार का इनाम दिया गया है। जल्द ही अन्य वारदातों का भी खुलासा कर लिया जाएगा।

प्रदीप कुमार, एसएसपी