- कम्हरिया घाट के पास एक साल से कटा है रास्ता
- बाढ़ खंड के प्रोजेक्ट के कारण पीडब्ल्यूडी नहीं बना रहा रोड
GORAKHPUR : नेपाल में हो रहा भूस्खलन और हर साल आने वाली बाढ़ से न सिर्फ गोरखपुराइट्स दहशत में हैं, बल्कि प्रशासन ने भी इससे निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। मगर बेलघाट के 8 गांव के लोगों को सिंपल बारिश से भी डर सता रहा है। दो सरकारी विभागों के बीच उलझे इन आठ गांव का डूबना तय है। फिर चाहे जिले में नदियां डेंजर लेवल क्रास करें या न करें क्योंकि इन गांव में वार्निग लेवल तक पहुंचने वाली नदियों का पानी पहुंचना तय है। लास्ट इयर सौ से अधिक गांव को बचाने के लिए प्रशासन ने चपरहट के पास मार्ग तो काट दिया, मगर इसके बाद पीडब्ल्यूडी ने इसे दोबारा बनाने की जेहमत नहीं उठाई। नतीजा नदी का थोड़ा लेवल बढ़ते ही गांव में पानी एंटर होना स्टार्ट हो जाएगा।
बाढ़ खंड के प्रपोजल में अटका मार्ग का निर्माण
बेलघाट के कम्हरिया घाट के पास आठ गांव को अभी से बाढ़ का खतरा सताने लगा है। गांव के पास बंधे के किनारे रोड कटी होने से कभी भी गांव में पानी एंटर करना शुरू हो सकता है। घाघरा और कुआनो नदी पर खड़कपुर शाहपुर सोपाई बांध बना है। ये बांध करीब 15.5 किमी घाघरा पर है और 10.5 किमी कुआनो नदी पर। संत कबीर नगर के पास ये बांध डेढ़ मीटर ऊंचा है। इससे वहां प्रॉब्लम नहीं होती। बाढ़ खंड गोरखपुर में बाढ़ को उसी लेवल पर लाने की परियोजना बना रहा है। जिसके लिए बाढ़ खंड द्वितीय ने 48 करोड़ की योजना शासन को भेजी है। मगर अभी तक योजना सेंशन नहीं हुई है। जब तक ये नहीं होगा, तब तक सैकड़ों गांव को बचाने के लिए इस मार्ग को बाढ़ के समय काटना मजबूरी है। इसलिए पीडब्ल्यूडी बाढ़ खंड के इस प्रस्ताव का इंतजार कर रहा है। रास्ता कटे होने से नदी का लेवल बढ़ते ही आठ गांव डूबना तय है, जबकि इससे इफेक्टेड करीब तीन दर्जन गांव होंगे।
लास्ट इयर बाढ़ के समय प्रशासन के आदेश पर कम्हरिया घाट के करीब चपरहट के पास रोड काट दी गई थी। क्योंकि पानी का लेवल बढ़ने से वह सैकड़ों गांव की ओर मुड़ रहा था। इस रोड के कटने से करीब 8 गांव पूरी तरह डूब गए थे, मगर इस प्रॉब्लम का सॉल्यूशन नहीं निकला इसलिए ये रोड अभी तक नहीं बनाई गई है। इससे इस साल भी इन गांव का बाढ़ प्रभावित होना तय है।
एके सिंह, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी